बहुत देर से सोना : रात में लंबी अवधि तक जागना और बहुत देर सोना मधुमेह के खतरे को बढ़ा सकता है. यह नींद की गुणवत्ता को कम कर सकता है और इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है.
देर रात स्नैक्स खाने से रक्त शर्करा के स्तर पर असर पड़ता है. रात में अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट और चीनी से भरपूर स्नैक्स खाने से रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है.
देर रात निर्जलीकरण से शरीर में ग्लूकोज स्तर में वृद्धि हो सकती है, जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है. यहां उचित हाइड्रेशन का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है.
भोजन के समय से पहले स्क्रीन के संपर्क में आने से नींद की गुणवत्ता बाधित हो सकती है.
स्क्रीन से आने वाले ब्लू लाइट के कारण मेलाटोनिन की उत्पत्ति में कमी हो सकती है, जिससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है.
मधुमेह प्रबंधन के लिए निर्धारित रात के समय दी जाने वाली दवाओं को छोड़ने या देर करने से रक्त शर्करा नियंत्रण बाधित हो सकता है.
नियमित और पर्याप्त नींद लेना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इंसुलिन की संवेदनशीलता को बनाए रखने में और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है .
अधिक तनाव और चिंता के कारण शरीर में स्ट्रेस हार्मोन्स की उत्पत्ति हो सकती है जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है.
इन आदतों को सुधारकर और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर, मधुमेह के खतरे को कम किया जा सकता है. नियमित व्यायाम, सही आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से मधुमेह के खतरे को कम किया जा सकता है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद की जा सकती है.
Also Read: इस घास से दोस्ती करेंगे तो फायदे में रहेंगे, जानिए वजहDisclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.