कम से कम 400 औषधीय पौधे ऐसे हैं जो रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में मददगार हो सकते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं के एक दल का कहना है कि उनमें से अब तक केवल 21 पर ही गहन शोध किया गया है.
शोधकर्ताओं ने ‘ट्रीटमेंट इन नेचर्स लैप: यूज ऑफ हर्बल प्रोडक्ट्स इन मैनेजेमेंट ऑफ हाइपरग्लाइसीमिया’ शीर्षक वाले अपने शोध में यह भी कहा कि (मधुमेह से निपटने संबंधी) “कई एलोपैथिक दवाओं की पृष्ठभूमि जड़ी-बूटियों से जुड़ी है.”उन्होंने कहा कि प्राकृतिक उत्पादों के साक्ष्य-आधारित परीक्षणों से “मधुमेह से आधुनिक तरीके से निपटने के लिए नयी दवाएं तैयार की जा सकती हैं.” जवाहरलाल स्नातकोत्तर स्वास्थ्य शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान-पुडुचेरी और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-कल्याणी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह शोध हाल में ‘वर्ल्ड जर्नल ऑफ डायबिटीज’ में प्रकाशित हुआ है.
शोध में कहा गया है, “प्रकृति में कम से कम 400 औषधीय पौधे मौजूद हैं जो रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में प्रभावी हो सकते हैं. ये पौधे टाइप-2 मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है.” शोध के अनुसार, “अब तक, केवल 21 औषधीय पौधों का अध्ययन किया गया है, जिनमें विजयसार, जामुन, जीरा, दारुहरिद्रा, छोटी लौकी, बेल, मेथी, नीम, आंवला और हल्दी शामिल हैं. ये मधुमेह की समस्या से निपटने में मददगार पाए गए हैं.’’
भाषा