डाइबिटिज पेशेंट भी जमकर खा सकेंगे रसगुल्ले, मोरिंगा छेना और स्ट्रॉबेरी सेहत सुधारने के साथ बढ़ाएगा इम्युनिटी

अगर आप मीठा खाने के शौकीन है, औरों की तरह आपका भी मन मीठा खाने को मचलता है, लेकिन डाइबिटिज के कारण आप मीठा नहीं खा पा रहे तो यह खबर आपको खुश कर देगी. जी हां, अब मीठे के शौकिन डाइबिटिज के मरीजों को चोरी छिपे मीठा खाने की जरूरत नहीं है

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 27, 2021 12:04 PM

अगर आप मीठा खाने के शौकीन है, औरों की तरह आपका भी मन मीठा खाने को मचलता है, लेकिन डाइबिटिज के कारण आप मीठा नहीं खा पा रहे तो यह खबर आपको खुश कर देगी. जी हां, अब मीठे के शौकिन डाइबिटिज के मरीजों को चोरी छिपे मीठा खाने की जरूरत नहीं है. वो अब खुलेआम मीठा खा सकते हैं. इससे न सिर्फ बीपी शुगर कंट्रोल होगा बल्कि इम्युनिटी भी बढ़ेगी.

गौरतलब है कि, चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शोधार्थियों ने सहजन से एक ऐसा छेना तैयार किया है, जो आपका शुगर-बीपी कंट्रोल में रखेगा, सिर्फ यहीं नहीं स्ट्रॉबेरी से बना रसगुल्ला आपके इम्युनिटी में भी इजाफा करेगा. इसे तैयार किया है चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शोधार्थियों ने. और जल्द ही विश्वविद्यालय इसे पेटेंट करवाने की सोच रहा है. कुलपति डॉ. डीआर सिंह ने भी इसे पेटेंट करवाने की बात कही है.

सहजन और स्ट्रॉबेरी के फायदेः सहजन और स्ट्रॉबेरी के कई फायदे होते है, खासकर डाइविटिज में, ऐसे में सहजन के अर्क और स्ट्रॉबेरी से बना यह प्रोडक्ट भी काफी फायदेमंद है.

  • सहजन में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है.

  • इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन बी कांप्लेक्स होता है.

  • इसमें एंटी एलर्जी और एंटी ऑक्सीडेंट की भरमार होती है.

  • यह मधुमेह को नियंत्रित रखता है.

  • यह रक्तचाप को नियंत्रण में रखता है.

स्ट्रॉबेरी के फायदे

  • इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

  • कैंसर से बचाव

  • ब्लड प्रेशर में राहत देता है.

  • त्वचा और बालों के लिए लाभकारी होता है.

शोध के बाद हुआ तैयार: चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान विभाग के शोधार्थियों ने सहजन का छेना और स्ट्रॉबेरी रसगुल्ला तैयार किया है. यहीं नहीं शोधार्थियों ने सहजन से छेना स्प्रेड भी बनाया है. इसे रोटी या ब्रेड के साथ कभी भी खाया जा सकता है. सबसे खास बात है कि इसमें वसा की बहुत कम मात्रा है. जबकि, इसमें प्रोटीन, मिनरल्स समेत अन्य पौष्टिक तत्व भरपूर हैं.

शोधार्थियों ने इसे कैसे बनाया: चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय डॉ. एमपीएस यादव इसे बनाने की विधि के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि, एक लीटर पानी में ढ़ाई सौ ग्राम सहजन की पत्तियां डालकर उसे करीब सात से आठ मिनट तक उबाला गया. फिर ठंडा होने पर उबाली गई पत्तियों को छानकर अलग कर दी गई. इसे मिलाकर फिर दूध को फाड़कर छेना तैयार किया गया. एक किलो छेना में 150 मिलीलिटर सहजन की पत्तियों के अर्क को डाल दिया. फिर इसमें 1.5 फीसद नमक मिलाकर मिक्सर ग्राइंडर से ग्राइंड कर लिया गया.

Posted by: Pritish Sahay

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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