टाइप-2 डायबिटीज होने के प्रमुख कारणों में अनहेल्दी लाइफस्टाइल, बढ़ती उम्र, मोटापा और स्ट्रेस हो सकता है. इसकी वजह से हार्ट रिलेटेड बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. आंखों, किडनी समेत शरीर के विभिन्न अंगों और भागों में इसका बुरा असर पड़ता है. टाइप-2 डायबिटीज के मरीज हैं तो आप घर में मौजूद इन चीजों को खाने में शामिल कर इसे आसानी से मैनेज कर सकते हैं.
मेथी के पत्तों का साग, मेथी के पत्तों को मिला कर बनाई गई रोटी अक्सर खाते हैं. लेकिन क्या अपका पता है कि मेथी का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए भी बहुत लाभकारी होती है. मेथी पाचन की प्रक्रिया और कार्ब्स को एब्जॉर्ब करने की क्षमता को धीमा करती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी मेथी का सेवन लाभकारी है.
काली मिर्च को एंटीऑक्सीडेंट का बेहतरीन सोर्स माना गया है. इसका सेवन शरीर को हेल्दी रखने में कारगर है. यह बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में भी कारगार है. ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में काली मिर्च भी अत्यंत लाभकारी माना गया है.
लौंग का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी है. यह दांत में दर्द और सर्दी-खांसी, जुखाम के इलाज में मददगार होने के साथ ही डायबिटीज कंट्रोल करने में भी काफी कारगर हैं. लौंग में मौजूद एंटीइंफ्लेमेट्री, जर्मिसाइडल और एनाल्जेसिक इफैक्ट न केवल ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है बल्कि इंसुलिन को बढ़ावा देने के लिए भी अहम है.
काला चना भी शुगर पेशेंट के लिए बहुत फायदेमंद होता है. डॉक्टर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए काले चने के सेवन की सलाह देते हैं. काले चने में विटामिन ए, बी, सी, डी, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम और मिनरल्स की अच्छी-खासी मात्रा होती है. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण यह दिल के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है.
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तुलसी का सेवन इम्यूनिटी में सुधार करता है यह सभी जानते और मानते हैं. तुलसी का सेवन शरीर को मजबूत बनाता है साथ ही यह ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद भी करता है. तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं. तुलसी को मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए असरकारक माना गया है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.