सावधान ! कोविड 19 से भी डेंजरस है Disease X महामारी के रूप में बरपा सकती है मौत का कहर

Health : कोरोना की वैश्विक महामारी का डर अभी लोगों के जेहन से गया नहीं है कि वैज्ञानिकों ने आगाह करते हुए डिजीज एक्स (Disease X) के बारे में चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि यह संक्रामक बीमारी बहुत ही घातक है महामारी की शक्ल में मौत का कहर बरपा सकती है.

By Meenakshi Rai | September 26, 2023 4:00 PM
an image

डिजीज एक्स – जैसा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इसे कहता है- उस कोविड महामारी से भी अधिक घातक एक और महामारी का कारण बन सकती है, जिससे हम सभी 2020 से निपट रहे हैं. डिज़ीज़ एक्स इस ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है कि एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी एक रोगज़नक़ के कारण हो सकती है जो वर्तमान में मानव रोग का अज्ञात कारण है. आर एंड डी ब्लूप्रिंट स्पष्ट रूप से प्रारंभिक क्रॉस-कटिंग आर एंड डी तैयारियों को सक्षम करने का प्रयास करता है जो एक अज्ञात डिज़ीज़ एक्स के लिए भी प्रासंगिक है जैसा कि डब्ल्यू एच ओ परिभाषित करता है.

सावधान! कोविड 19 से भी डेंजरस है disease x महामारी के रूप में बरपा सकती है मौत का कहर 3

डिजीज एक्स(Disease X) : मई और दिसंबर 2020 के बीच यूके के वैक्सीन टास्कफोर्स की अध्यक्षता करने वाली केट बिंघम ने बताया है कि 1918-19 फ्लू महामारी ने दुनिया भर में कम से कम 50 मिलियन लोगों की जान ले ली. जो प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए लोगों की तुलना में दोगुना है. आज, हमारे ग्रह पर अन्य सभी जीवन रूपों की तुलना में अधिक वायरस सक्रिय रूप से प्रतिकृति और उत्परिवर्तन कर रहे हैं. बेशक, उनमें से सभी मनुष्यों के लिए खतरा पैदा नहीं करते हैं – लेकिन बहुत सारे हैं. रोग एक्स द्वारा संचालित अगली महामारी पहले से ही अपने रास्ते पर है, लाखों लोगों की जान ले सकती है.

उन्होंने बताया कि वायरस नए वेरिएंट में बदल सकता है जो संक्रमण पैदा करने और प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में बेहतर हैं. इसका मतलब यह है कि हम जल्द ही उन सभी एंटीवायरल दवाओं और टीकों के प्रतिरोधी नए वायरल म्यूटेंट का सामना कर सकते हैं जिन्हें हम अब तक विकसित करने में कामयाब रहे हैं.

Also Read: Research: क्या वाकई काम करता है नीली रौशनी को आंख तक पहुंचने से रोकने वाला चश्मा, जानिए रिसर्च में आए नतीजे

केट बिंघम ने जानकारी देते हुए जानवरों से मनुष्यों में वायरस के संचरण पर भी प्रकाश डाला है. एक वायरस का पूरा उद्देश्य जितना संभव हो उतने मेजबानों में जितनी बार संभव हो अपनी प्रतिकृति बनाना है. इसलिए वे लगातार उत्परिवर्तन कर रहे हैं और अलग-अलग जानवरों पर हमला कर रहे है वास्तव में, कुछ सबसे खतरनाक वायरस – जैसे कि चेचक, खसरा, इबोला और एचआईवी – जानवरों में उत्पन्न हुए और बाद में मनुष्यों के बीच अत्यधिक संक्रामक हो गए.

केट ने उस खतरे के बारे में बात की जो करीब दस लाख अनदेखे वायरस इंसानों पर डाल सकते हैं. अबतक वैज्ञानिक 25 वायरस परिवारों के बारे में जानते हैं, उनमें से प्रत्येक में सैकड़ों या हजारों अलग-अलग वायरस शामिल हैं, जिनमें से कोई भी महामारी पैदा करने के लिए विकसित हो सकता है. इससे भी बदतर, उनका अनुमान है कि दस लाख से अधिक अनदेखे वायरस हो सकते हैं. जो हो सकते हैं वह एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में कूदने, नाटकीय रूप से परिवर्तन करने और लाखों मनुष्यों को मारने में सक्षम है.

Also Read: COVID-19: एक तरफ हाई बीपी के जोखिम को बढ़ा रहा कोविड, वहीं, एक साल के भीतर 6.5% कोविड रोगियों की मृत्यु- स्टडी
सावधान! कोविड 19 से भी डेंजरस है disease x महामारी के रूप में बरपा सकती है मौत का कहर 4

क्यों बढ़ रही हैं महामारियाँ?

केट बताती हैं कि वैश्वीकरण के साथ शहरीकरण और प्रकृति का विनाश महामारी की बढ़ती घटनाओं का एक बड़ा कारण है. वह इस बात पर जोर देती हैं कि वनों की कटाई, आधुनिक कृषि विधियों का उपयोग और आर्द्रभूमि का विनाश जानवरों से मनुष्यों में संक्रामक रोगों के संचरण के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि आवासों की हानि जानवरों को मानव बस्तियों के करीब जाने के लिए प्रेरित कर रही है.

Also Read: क्या मछली के तेल की खुराक उतनी ही स्वस्थ है जितना हम सोचते हैं? जानिए रिसर्च क्या कहता है

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Exit mobile version