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Breast Implants : क्या ब्रेस्ट इंप्लांट से बढ़ जाता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा? जानिए

Breast Implants : आजकल के दौर में परफेक्ट बॉडी पाना हर एक महिला या पुरुष की इच्छा होती है, बहुत से लोग इसके लिए जिम, व्यायाम और खान-पान का सहारा लेते हैं, तो कुछ लोग इसके लिए मेडिकल सहायता का विकल्प चुनते हैं. वैसे तो दोनों ही चीजों में कोई भी समस्या नहीं है, इस तरह के विकल्प व्यक्ति के व्यक्तिगत चुनाव पर निर्भर करते हैं.

Breast Implants : आजकल के दौर में परफेक्ट बॉडी पाना हर एक महिला या पुरुष की इच्छा होती है, बहुत से लोग इसके लिए जिम, व्यायाम और खान-पान का सहारा लेते हैं, तो कुछ लोग इसके लिए मेडिकल सहायता का विकल्प चुनते हैं. वैसे तो दोनों ही चीजों में कोई भी समस्या नहीं है, इस तरह के विकल्प व्यक्ति के व्यक्तिगत चुनाव पर निर्भर करते हैं. लेकिन इन सब के बाद एक बहुत बड़ा सवाल यह उठता है, कि भविष्य में ब्रेस्ट इंप्लांट कहीं ब्रेस्ट कैंसर का कारण तो नहीं बनेगा? शोध के अनुसार जो लोग ब्रेस्ट इंप्लांट कराते हैं उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा नहीं होता है, लेकिन ब्रेस्ट इंप्लांट के आसपास के ब्रेस्ट टिशु में रेयर कैंसर डेवलप होने की थोड़ी आशंका जरूर रहती है.

Breast Implants : कैसे होता है ब्रेस्ट इंप्लांट के बाद ब्रेस्ट कैंसर?

अमेरिका के फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने एक ब्रेस्ट कैंसर और ब्रेस्ट इंप्लांट के बीच एक लिंक खोज निकाला है. दरअसल एफडीए के मुताबिक अनाप्लास्टिक लार्ज सेल लिंफोमा (ALCL) नामक कैंसर जो की एक रेयर इम्यून सिस्टम कैंसर होता है, यह ब्रेस्ट इंप्लांट के बाद हो सकता है. इस रेयर कैंसर को ब्रेस्ट इंप्लांट से जोड़ने के बाद यह ब्रेस्ट इंप्लांट एसोसिएटेड अनाप्लास्टिक लार्ज सेल लिंफोमा(BIA-ALCL) कहलाता है. एफडीए का मानना है कि महिलाएं जो ब्रेस्ट इंप्लांट लेती है और उसका सरफेस टेक्सचर्ड होता है उन्हें (BIA-ALCL) का खतरा ज्यादा होता है. लेकिन इस विषय ब्रेस्ट कैंसर और ब्रेस्ट इंप्लांट के बीच के लिंक को खोजने के लिए अभी गहन शोध की आवश्यकता है.

Breast Implants : ब्रेस्ट इंप्लांट के प्रकार

ब्रेस्ट इंप्लांट दो तरह के होते हैं एक सेलिंन जेल और दूसरा सिलिकॉन. सेलिन मैं स्टेरलाइज नमक का पानी भरा हुआ होता है जबकि सिलिकॉन में सिलिकॉन जेल भरा हुआ होता है जो प्राकृतिक ब्रेस्ट टिशु के सॉफ्टनेस और वजन को मिमिक करने जैसा डिजाइन किया गया होता है.
हालांकि शोधकर्ताओं ने अभी तक इस बात का पता नहीं लगा पाया है कि (BIA-ALCL) के होने का रिस्क कौन से ब्रेस्ट इंप्लांट में ज्यादा होता है, लेकिन अनुमानित तौर पर इंप्लांट जिसकी बाहरी सेल टेक्सचर्ड होती है, उनमें कैंसर के होने का खतरा ज्यादा रहता है.

Breast Implants : ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के तरीके

ब्रेस्ट कैंसर और BIA-ALCL से बचाव का सबसे उपयुक्त तरीका होता है सर्जरी और इंप्लांट का रिमूवल. इसमें सर्जरी के द्वारा कैंसर टिशूज को भी हटा दिया जाता है. कुछ केसेस में बाद में कीमोथेरेपी भी लेने की आवश्यकता पड़ सकती है. अगर आपको ब्रेस्ट इंप्लांट लेना है तो आप अपने हेल्थ केयर प्रोफेशनल से परामर्श लेकर कर सकते हैं और अगर अपने ब्रेस्ट इंप्लांट पहले से लिया है तो कैंसर के डर से आपको उसे रिमूव कराने की कोई जरूरत नहीं है, बस एहतियात के तौर पर रुटीन चेकअप करवाते रहना चाहिए. अगर आपको कोई वार्निंग सिम्टम्स जैसे की ब्रेस्ट में सूजन, लंप, दर्द या उनके शेप में बदलाव महसूस होता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें. इसके अलावा इस तरह के ट्रीटमेंट में बिना हेल्थ केयर प्रोफेशनल की सलाह लिए आगे नहीं बढ़ना चाहिए.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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