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दिनभर रहने वाली थकान की न करें अनदेखी, ऐसे मिटाएं थकान

पूरी नींद लेने के बावजूद कई लोग थकान महसूस करते हैं. थकावट या कमजोरी के कारण ऐसे लोग आलस या सुस्ती का अनुभव करते हैं. इसका असर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर भी पड़ने लगता है, लेकिन जब यह थकान दिन भर और लंबे अवधि तक बनी रहती हो, तो गंभीर रूप ले सकती है.

पूरी नींद लेने के बावजूद कई लोग थकान महसूस करते हैं. थकावट या कमजोरी के कारण ऐसे लोग आलस या सुस्ती का अनुभव करते हैं. इसका असर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर भी पड़ने लगता है, लेकिन जब यह थकान दिन भर और लंबे अवधि तक बनी रहती हो, तो गंभीर रूप ले सकती है. ऐसे में इस लक्षण को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें. लगातार बनी रहने वाली थकान व्यक्ति के शारीरिक-मानसिक स्तर पर यानी दिमाग से लेकर इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है. इसका असर व्यक्ति की कार्य क्षमता पर यानी घर-बाहर के कामों पर पड़ता है. मेडिकल भाषा में इसे क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम कहा जाता है.

क्या हैं कारण

दिन भर कई कारणों से थकान महसूस होती है. आरामपरस्त जीवनशैली के कारण आलस या सुस्ती का बने रहना, दिनचर्या नियमित न होना यानी ठीक समय पर सोने-जागने में कमी होना, ठीक तरह खाना न खाना, शरीर में पानी की कमी होना, कैफीन का अधिक सेवन करना, शरीर का मेटाबॉलिज्म गड़बड़ाना, मांसपेशियों में थकावट से कमजोरी आना, मोटापा, शरीर में आयरन और विटामिन बी12 की कमी से एनीमिया या खून में हीमोग्लोबिन की कमी होना, महिलाओं में हॉर्माेनल असंतुलन या मासिकधर्म चक्र में अनियमितता होना, डिप्रेशन, एंगजाइटी जैसी मानसिक समस्याएं होना, इसके अलावा थायरॉइड, डायबिटीज सहित लिवर व किडनी संबंधी गंभीर बीमारियां इसके पीछे की प्रमुख वजहें हैं.

क्या हैं लक्षण

जब दिन भर थकान महसूस हो रहे हों, तो दूसरे लक्षणों को पहचानने की जरूरत होती है, जैसे- अगर आपका वजन कम या ज्यादा हो रहा है, तो वजन कम होने से डायबिटीज और ज्यादा होने से हाइपो-थायरॉयड का अंदेशा होता है. खून की कमी से स्किन का रंग पीला दिखने लगता है. जब ये मरीज कोई भारी काम करते हैं या स्ट्रेस लेते हैं, तो हांफ जाना, दिल की धड़कन तेज हो जाती है. खड़े होने पर आंखों के आगे अंधेरा छाना आदि हृदय रोग व मधुमेह की वजह से हो सकता है.

कैसे होता है उपचार

थकावट ज्यादा महसूस होने पर डॉक्टर को कंसल्ट करना जरूरी है. डॉक्टर सबसे पहले मरीज की स्थिति और थकान के कारणों का पता लगाने के लिए टेस्ट करते हैं, जैसे- हीमोग्लोबिन टेस्ट, थायरॉयड फंक्शन टेस्ट, लिवर और किडनी फंक्शन टेस्ट, ब्लड शुगर, विटामिन डी और बी12 लेवल का टेस्ट. मरीज की स्थिति के आधार पर जरूरी दवाइयां दी जाती हैं.

प्री-डायबिटीज का भी एक प्रमुख लक्षण है थकान

प्री-डायबिटीज की स्थिति में भी दिनभर थकान और ऊर्जा की कमी महसूस होती है. दरअसल, जब रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक होता है, तो इसे प्री-डायबिटीज कहते हैं. हालांकि, यह इतना अधिक नहीं होता कि उसे डायबिटीज कहा जाये. यह स्थिति तब आती है, जब हमारा शरीर कम मात्रा में इंसुलिन का निर्माण करता है या निर्माण किये हुए इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता. इससे धीर-धीरे रक्त में शुगर का स्तर बढ़ता जाता है. ऐसे में लक्षण को हल्के में न लें.

इन बातों का रखें खास ध्यान


पोषक तत्वों वाला हो आहार

अपने आहार का पूरा ध्यान रखें. जंक या फास्ट फूड की जगह पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें. एक नियत समय पर खाना खा लेने की आदत डालें. खासकर नाश्ते को स्किप न करें. दिन भर तीन टाइम भरपेट भोजन न करके 5-6 बार अल्प आहार लेना बेहतर है. अपने खाने मे इंद्रधनुषी रंगों वाले आहार शामिल करें, मौसमी फल-सब्जियां जरूर खाएं. खाने में चीनी, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट या ऑयली खाद्य पदार्थों की जगह कैल्शियम (डेयरी खाद्य पदार्थ, अंडा, मछली) और आयरनयुक्त (पालक, चुकुंदर, सरसों, अनार), प्रोटीन रिच (दालें, सोयाबीन, अंडा, मीट) आहार का सेवन करें. ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर ड्राइ फ्रूट्स का सेवन करें.

पर्याप्त मात्रा में पीएं पानी

दिन में कम-से-कम तीन लीटर पानी या लिक्विड डायट का सेवन ज्यादा करें. इससे हाइड्रेट रहने, शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह सही तरीके से होने और ऊर्जा के स्राव में मदद मिलती है. इससे थकान दूर होती है. इसके साथ चाय, कॉफी, अल्कोहल, सिगरेट से परहेज रखना बेहतर है. क्योंकि, लगातार काम करने की स्थिति में दिमाग थक जाता है और फ्रेश फील करने के लिए चाय-कॉफी पीना एनर्जेटिक तो फील कराती है, लेकिन कैफीन का सेवन सुस्ती की तरफ ले जाता है.

काम और आराम के बीच बनाएं संतुलन

लगातार एक जैसा काम करते रहने से थकान के साथ बोरियत भी महसूस होती है. इससे बचने के लिए कोई भी काम लगातार न करें. टुकड़ों में बांट लें और बीच-बीच में ब्रेक लेकर खुद को फ्रेश करें. अपना स्क्रीन टाइम कम करना चाहिए. इसकी जगह शारीरिक-मानसिक थकावट दूर करने के लिए हल्का संगीत सुनें. संगीत आपको साकारात्मक ऊर्जा देगा और आपकी मनोदशा को बेहतर बना देगा, जिससे आप तरोताजा महसूस करेंगे.

प्रकृति के सान्निध्य में बिताएं कुछ समय

कुछ समय मानसिक विश्राम के लिए जरूर निकालें. प्रकृति के सान्निध्य में कुछ समय बिताएं, बच्चों के साथ समय बिताएं. सूरज की रोशनी में कुछ समय रहने पर शरीर में विटामिन डी की आपूर्ति होगी. इससे दिमाग से मैलेटोनिन हार्मोन का रिसाव कम होता है, जिससे दिन भर नींद आने की समस्या कम होती है.

योग व व्यायाम हो दिनचर्या का हिस्सा

खुद को तंदुरुस्त रखने के लिए सुबह या दिन में कम-से-कम 30 मिनट व्यायाम करें, सुबह टहलें व योग जरूर करें. सुबह की हवा सुस्ती दूर करने में मददगार होगी.

6 से 8 घंटे की गहरी नींद जरूर लें

हर दिन 6 से 8 घंटे की भरपूर नींद लेनी चाहिए. भरपूर नींद लेने से दिमाग कई काम करता है, जैसे- हॉर्मोन्स बनाता है, जो आपके मेटाबॉलिज्म और एनर्जी लेवल को रेगुलेट करते हैं, जिससे थकावट कम होती है. अगर आप गहरी नींद लेते हैं, तभी आपको समुचित ऊर्जा मिलती है.

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