Coronavirus, Covid, RTPCR Test, CT Value, Corona Test: भारत में स्वास्थ्य संबंधी गाइडलाइन आईसीएमआर द्वारा तय किए जाते है. जिस तरह इंसान में डीएनए होता है ठीक उसी तरह वायरस में भी आरएनए होता है. कोरोना वायरस की पहचान इसी RNA से होती है. CT वैल्यू से ही मालूम चलता है कि किसी संक्रमित व्यक्ति में वायरस का लोड कितना है. जिनका CT वैल्यू ज्यादा होगा उनमें लोड कम, जबकि जिनमें कम होगा उनमें वायरस लोड अधिक होगा. आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं क्रिटिकल केयर मेडिसिन के एक्सपर्ट डॉ हिमांशु कुमार से…
सीटी वैल्यू का पूरा नाम Cycle Threshold Value होता है. दरअसल, आरटीपीसीआर टेस्ट में रियल टाइम पॉलिमर चेन रिएक्शन किया जाता है. डॉ हिमांशु बताते हैं कि किसी भी वायरस का अपना आरएनए होता है. इसी RNA को RT-PCR टेस्ट के जरिये Laboratory में पिक कर लिया जाता है. जिससे पता चलता है कि हमारे बॉडी में किस वायरस ने अटैक किया है.
वहीं, इसके लोड अर्थात वायरस किस बॉडी को कितना संक्रमित कर रहा है. इसका पता लगाने के लिए कई साइकिल में टेस्ट करके देखा जाता है. यदि किसी संक्रमित बॉडी में पांच साइकिल में वायरस होने का पता चल रहा है तो वह व्यक्ति ज्यादा संक्रमित है. जबकि, किसी बॉडी में यदि 30 साइकिल में वायरस के होने का खुलासा होता है तो इसका मतलब है, संबंधित व्यक्ति का बॉडी वायरस से कम संक्रमित है.
डॉ हिमांशु बताते हैं कि आइसीएमआर के गाइडलाइन के मुताबिक यदि
-
CT Value 35 के पार हो तो संबंधित व्यक्ति को निगेटिव माना जाता है
-
CT Value 35 के निचे हो तो संबंधित व्यक्ति को पॉजिटिव माना जाता है
डॉ हिमांशु के मुताबिक 20 से कम CT Value वाले ज्यादा संक्रमित होते है और ज्यादा संक्रमण फैलाने की क्षमता भी रखते है. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि जब आप पॉजिटिव पाए जाए तो ये देखने की जरूरत नहीं तुरंत उपचार शुरू करने की जरूरत है.
Posted By: Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.