Ego In Relationship: रिश्तों को जिंदा रखना है तो छोड़िए अहंकार, परवाह से बढ़ेगा प्यार

Ego In Relationship : हम जिससे जितना अधिक प्यार करते हैं उससे उतने ही अधिक रिटर्न प्यार की उम्मीद करते हैं. कई बार ऐसा नहीं हो पाता. तो शुरू हो जाता है शिकवा शिकायतों का दौर. तकरार बढ़कर कब दूरियों में बदल जाती है पता ही नहीं चलता. वक्त पर संभलने से इन बिखरते रिश्तों को मजबूती से बांध सकते हैं.

By Contributor | July 13, 2023 5:31 PM
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Ego In Relationship: ‘कितने बदल गए हो अब हमारे बीच पहले जैसा प्यार नहीं’. कितने लोग अपने लाइफ पार्टनर से यही कहते नजर आते हैं. एक अपनी सफाई देते नहीं थकता तो दूसरा अपनी दुहाई. लेकिन कभी सोचा है ऐसे हालात आखिर बनते क्यों हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है एक दूसरे के साथ संवादहीनता, गलतफहमी और अहंकार. अगर आपसी रिश्ते को मजबूत करना है तो सबसे पहले पार्टनर एक- दूसरे पर भरोसा करें और एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें. ऐसी पहल से कहीं भी अहंकार की कोई जगह नहीं रहेगी. हालांकि इंसानी फितरत में अहंकार को आप नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. जब भी हम सिर्फ अपने लिए अपनी भावनाओं के बारे में सोचते हैं. वो दिखाता है कि आप केवल अपनी परवाह करते हैं इससे नकारात्मक भावनाएं पैदा होंगी.अहंकार पैदा होगा होगा और रोजाना बात बढ़ने से रिश्ता कमजोर होगा. अगर थोड़ी सी पहल कर रिश्ते बच जाएं तो बुराई क्या है. सबसे पहले तो अपनी समस्या क्या है उसे पहचानिए.

रिश्ते में अहंकार के लक्षण
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  • किसी भी रिश्ते में अहंकार कई तरीकों से सामने आता है. हर समय खुद को सही साबित करना.

  • सामने वाले की भावनाओं को कोई महत्व नहीं देना.

  • एक जगह रहकर भी संवाद की कमी भी रिश्तों में अहंकार की सेंधमारी के संकेत हैं.

  • आपके रिश्ते में अहंकार का एक और संकेत ईर्ष्या है. विशेष रूप से नकारात्मक माहौल बनाकर और आपके साथी को आपसे सावधान रहने के लिए मजबूर कर सकती है.

  • बार – बार विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश करना.

  • किसी भी बात का अभिमान रिश्तों को बर्बाद कर देता है. कई बार अपने साथी को खुद से नीचे समझना.

  • गलती होने पर भी स्वीकार करना और माफी मांगना मुश्किल लगे तो समझिए रिश्तों पर अहंकार हावी हो रहा है.

बनी रहेगी रिश्तों की गर्माहट
  • इससे बचना है तो लाइफ पार्टनर के लिए भी कुछ खास पल जरूर निकाले. संवादहीनता की कमी से अहंकार पैदा होता है. एक दूसरे की जरूरतों का ख्याल रखते हुए समस्याओं पर खुलकर बात करें और उसका निदान भी निकालें.

  • कभी कभी ईर्ष्या की भावना के कारण भी रिश्ते खराब हो जाते हैं. ऐसा महसूस होने पर बैठकर बात करें और अपने बीच की दूरियां बढ़ाने वाली चीजों को सुलझाने का प्रयास करें. एक दूसरे के करीब आने से मतभेद दूर होंगे और जिंदगी में नये रोमांच का अनुभव मिलेगा.

  • अपने लाइफ पार्टनर से सॉरी बोलने में क्या हिचकिचाना, अगर आप अपने लाइफ पार्टनर को सॉरी बोलते हैं तो वो साबित करता है कि आप उसे अपने आप से अधिक वैल्यू देते हैं.

  • अपने साथी के साथ- साथ खुद का भी आकलन करें, एक मजबूत रिश्ते के लिए कमियों पर सुधार की जरूरत है.

  • वास्तविकता के बारे में अपने साथी से बात करें. अगर वो भी समझदार होगा तो अहंकार-ईर्ष्या किसी को अपने रिश्तों के बीच आने नहीं देगा.

  • कोई भी रिश्ता तभी दूर तक चलता है जब दोनों एक- दूसरे का सम्मान करते हैं. ऐसा करने से दोनों के बीच प्यार का अहसास बना रहता है.

  • एक दूसरे की प्राइवेसी भी बनाए रखना एक मजबूत बुनियाद है. इससे जीवन में कई अन्य कार्य करने में आसानी होती है. अगर आपका साथ आपकी प्राइवेसी का सम्मान करता है तो इसका मतलब वो मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद करता है.

  • घरेलू कलह और एक दूसरे पर शक करने से बचें.

  • पति- पत्नी में झगड़े होना नई कहानी नहीं हैं. अधिक झगड़े होने पर रिश्ते टूट सकते हैं

  • रिश्ता विश्वास पर चलता है. अगर ऐसा न हो तो वो रिश्ते ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाते. इसलिए दोनों पर भरोसा होना बहुत जरूरी है.

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किसी की बात बुरी लग जाय तो खुद को हर हाल में सही साबित करना और दूसरे को गलत ठहराना यह हर घर की कहानी है. खत्म होती सहनशीलता के कारण ऐसी परिस्थितियां बन रही है. आपस में तालमेल की कमी हो तो इसकी बुनियाद हिल जाती है. इसलिए थोड़ा – थोड़ा एडजस्टमेंट सभी को करना चाहिए. रिश्ते रेशम की डोर से भी नाजुक होते हैं बार बार चोट बर्दाश्त नहीं कर पातें इसलिए अगर मजबूती देनी है तो थोड़ा थोड़ा दोनों को झुकना पड़ेगा तभी रिश्ता मजबूती से खड़ा होगा. धैर्य, सहनशीलता और कुशल व्यवहार किसी भी रिश्ते की मजबूत नब्ज होती है. इससे रिश्तों में मधुरता बनी रहती है. आपसी सामंजस्य और प्रेम से बिखरते रिश्ते भी फिर एक साथ मुस्कुराते नजर आ सकते हैं.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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