डॉ देवश्लोक शर्मा,
जेडिएस होम्योपैथिक हॉस्पिटल, झारसुगुडा, ओडिशा
आंखों में होने वाले तनाव को एस्थेनोपिया भी कहा जाता है. यह आंखों में होनेवाली एक सामान्य समस्या है, लेकिन लंबे समय में इससे आंखों को नुकसान हो सकता है. लंबे समय तक मोबाइल स्क्रीन देखते रहना इसका प्रमुख कारण है. स्क्रीन देखते समय चश्मे का प्रयोग न करने की वजह से भी लोगों में यह रोग देखा जा रहा है.
आंखों के तनाव के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि आजकल जब लोग कंप्यूटर या अन्य डिजिटल स्क्रीन का उपयोग करते हैं, तो पलकें कम झपकाते हैं. इसके परिणामस्वरूप आंखों में शुष्कता पैदा होती है. इससे आंखों पर दबाव पड़ता है. इसके अलावा स्क्रीन को अपनी आंखों से सटा कर रखने और खराब रोशनी भी आंखों में खिंचाव पैदा कर सकती है.
आंखों की खिंचाव का पता हमें आंखों में थकान, आंखों के चारों तरफ होने वाले दर्द, धुंधला या फिर दो चीजें दिखने, सिरदर्द, आंसू आने या फिर आंखों के सूखने, रोशनी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ने, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, आंखों को खोलकर रखने में परेशानी, गर्दन में सूजन, कंधों व कमर में दर्द आदि से चलता है.
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आमतौर पर एस्थेनोपिया की समस्या तब और बढ़ जाती है, जब मरीज चिकित्सक द्वारा दिये गये चश्मे को नहीं पहनता है. इसकी वजह से सिर का दर्द होना, आंखें लाल होना, धुंधला दिखायी देना, नींद का न आना, चक्कर आना व सिर घूमने जैसा लगना, कोई भी अक्षर घूमते हुए दिखायी देना, उल्टी जैसा महसूस होना और किसी भी एक चीज या चेहरे को ध्यान से देखने पर उसके धुंधला दिखायी देने जैसी समस्याएं दिखने लगती हैं.
जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती है, वैसे आंखों की मांसपेशी व आंख की आइरिस भी कमजोर होने लगती है. आमतौर पर 40 वर्ष के बाद से आंखें कमजोर हो जाती हैं. इससे पास की दृष्टि कमजोर होने लगती है और पढ़ने के लिए या पास देखने के लिए चश्मा की जरूरत होती है. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो पास की नजर का काम ज्यादा करते हैं, जैसे- सिलाई-बुनाई, कंप्यूटर पर काम, घड़ी बनाने वाले, कम रोशनी में पढ़ने वाले को पहले ही चश्मा लग जाता है.
होम्योपैथिक में इससे छुटकारा पाने के लिए एक कारगर उपाय है. हर दिन नेट्रम म्यूर, 200 पावर की दवा सुबह के समय खाली पेट में लेने से यह समस्या धीरे-धीरे चली जाती है. हालांकि, दिन-रात मोबाइल देखने की यदि आदत है, उसे जल्द-से-जल्द बदल दें. एकदम जरूरी होने पर ही मोबाइल यूज करें. उसका इस्तेमाल फिल्में और वेबसीरीज आदि देखने के लिए न करें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.