Eye Twitching Reasons, Causes, Treatment, Dai Bai Aankh Phadakna Shubh Hai Ya Ashubh, Upay: कई लोग आंख के फड़कने को धर्म से जोड़ कर देखते हैं. लोगों का मानना है कि आंखों का फड़कना शुभ व अशुभ घटनाओं का संकेत हो सकता है. लेकिन, विज्ञान के मुताबिक यह एक हेल्थ इश्यू है. दरअसल, आंख का फड़कना कई कारणों से हो सकता है…
डॉक्टरों की माने तो यह मायोकेमिया (Myokymia), ब्लेफेरोस्पाज्म (Blepharospasm) और हेमीफेशियल स्पाज्म (Hemifacial) जैसी बीमारी के कारण होता है. इस दौरान आंखों के मांसपेशियों में एंठन होती है, जिसके कारण हमारे आंख फड़कते है.
दरअसल, मायोकेमिया का अर्थ होता है मांसपेशियों का सामान्य रूप से सिकुड़ जाना. हालांकि, यह ज्यादा गंभीर स्थिति नहीं होती है. इस दौरान आंख के नीचे वाली पलक ज्यादा प्रभावित होती है. जिसके वजह से कुछ देर के लिए हमारी आंखे फड़कती है.
वहीं, ब्लेफेरोस्पाज्म और हेमीफेशियल स्पाज्म काफी गंभीर स्थिति होती है. इस दौरान इंसान की आंखे कई दिनों तक या महीनों तक बंद हो सकती है. इससे आंखें जीवन भर के लिए भी प्रभावित हो सकती हैं. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
विशेषज्ञों की मानें तो हमारी दैनिक लाइफस्टाइल या खानपान भी आंखों के फड़कने की वजह हो सकती है. दरअसल, कई केस में इसके कारण ब्रेन या नर्व डिसऑर्डर हो जाता है.
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तनाव भी इसका मुख्य वजह बतायी गयी है. यदि कोई व्यक्ति ज्यादा तनाव में रहतर है तो इस दौरान भी आंखें अधिक फड़क सकती है.
यदि आप भी लगातार लैपटॉप, मोबाइल की स्क्रीन व अन्य आंखों पर जोड़ देने वाले कार्य करते है तो इससे भी आपकी आंखें फड़क सकती है. दरअसल, इससे आई स्ट्रेन बढ़ता है. जो आंखों के सिकुड़न का कारण बनता है.
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भागदौड़ बड़ी अगर लाइफ जी रहे है और पूरी तरह से नींद नहीं ले रहे तो भी इस समस्या से जुझना पड़ सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो इंसान को कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद पूरी करनी ही चाहिए.
Posted By: Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.