Face shields, reduce transmission of coronavirus, health workers, vaccine news : भले ही रूस (Russia) कोविड-19 के वैक्सीन (Covid 19 Vaccine) को पंजीकृत करने वाला दुनिया का पहला राष्ट्र बन गया है. लेकिन, दुनिया अभी तक कोरोना (Corona) के कहर से बुरी तरह प्रभावित ही है. लोगों को रूस के दावे के बाद भी प्रभावी वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का इंतजार है. जबतक वैक्सीन (Vaccine) नहीं आ जाए वैश्विक चिकित्सा एजेंसियों और विभिन्न स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि चेहरे को ढक कर रखना, अर्थात मास्क (Mask), फेस कवर (Face Cover) या फेस शिल्ड (Face Shield) आदि ही इस वायरस के रोकथाम का सही उपाय है.
फेस शील्ड को लेकर एक अध्ययन सामने आया है जिसके अनुसार भारत में स्वास्थ्यकर्मियों में कोरोना का प्रसार इसके उपयोग से कम हुआ है. यही कारण है कि विशेषज्ञों द्वारा लगातार इसे उपयोग में लाने की सलाह दी जा रही है. आपको बता दें कि यह अध्ययन हाल ही में मेडिकल जर्नल जामा नेटवर्क में प्रकाशित की गई थी.
दरअसल, यह अध्ययन भारत के चेन्नई में किया गया था. इस स्टडी को 62 स्वास्थ्य कर्मियों पर आयोजित किया गया. आमतौर पर इन कर्मियों का काम कोरोना वायरस रोगियों के वैसे परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग करना था, जिनमें कोरोना के फिलहाल कोई लक्षण नहीं दिख रहे थे. इस दौरान उन्हें कोविड-19 हाथ की सफाई, श्वसन स्वच्छता के उपायों, सोशल डिस्टेंसिंग और फेस मास्क व फेस कवर के सही उपयोग के बारे में सूचित और शिक्षित करना था.
आपको बता दें कि सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रशिक्षण शुरू होने से पहले कोविड-19 परिक्षण किया गया था. जिसमें वे निगेटिव आये थे. इस परिक्षण के बाद ही उन्हें इस कार्य के लिए चयनित किया गया. उन्हें अलग-अलग होटलों में रहने के लिए कहा गया था. ताकि, प्रशिक्षण के दौरान वे अपने परिवार से न मिल पाएं.
इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोविड-19 रोगियों के परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग के लिए सुरक्षात्मक किट उपलब्ध करवाये गए थे. इस किट में अल्कोहल हैंड सैनिटाइजर, 3-लेयर्ड सर्जिकल मास्क, दस्ताने और जूता कवर शामिल था. जिसके बाद सभी 62 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने 4 मई से 13 मई के बीच कुल 5880 घरों का दौरा किया. जहां 222 लोगों को पॉजिटिव पाया गया.
इस दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि जब सुरक्षा उपकरणों में फेस शील्ड नहीं जोड़ा गया था तो 12 स्वास्थ्यकर्मियों को 3 मई से 15 मई के बीच इसी काम के दौरान पॉजिटिव पाया गया.
जबकि, अंग्रेजी वेबसाइट टीओआई के रिपोर्ट के मुताबिक, शेष 50 स्वास्थ्यकर्मी जो पॉलीथीन टेरेफ्थेलेट (250-माइक्रोन मोटाई) से बने फेस शील्ड को पहन कर 20 मई से 30 जून तक 18,000 घरों का दौरा किया था. वे इस दफा 2,682 संक्रमितों के घर गए, बावजूद इसके एक भी स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित नहीं पाये गए.
चिकित्सा विशेषज्ञ ने इस अध्ययन से पाया कि हमारा फेस कवर कानों से ऊपर तक होनी चाहिए और माथे के हेडपीस के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए. इन फेस शिल्ड को जरूरत के मुताबिक पानी और साबुन या कीटाणुनाशकों से प्रभावी ढंग से साफ करके ही पुन: उपयोग में लाना चाहिए.
Posted By : Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.