Headache in Pregnancy :गर्भधारण करने के बाद स्त्रियों को कई तरह के हार्मोनल चेंजेज से गुजरना पड़ता है, जिस वजह से उनके शरीर में कई अच्छे बुरे बदलाव होते हैं. गर्भ धारण करने के उपरांत शुरुआती कुछ महीनो में महिलाओं को मानसिक एवं शारीरिक रूप से कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है, लेकिन यह समस्या अक्यूट होती है और बच्चा हो जाने के बाद यह समस्याएं खत्म हो जाती हैं. लेकिन कुछ महिलाओं में यह समस्या बहुत ही ज्यादा तकलीफ दायक होती हैं, जिससे उनकी प्रेगनेंसी पर भी असर पड़ता है. इन्हीं कुछ समस्याओं में से एक समस्या है सर दर्द. अक्सर प्रेग्नेंट महिलाओं को बहुत तेज सिर दर्द की समस्या हो सकती है, जिस वजह से उनको खाने पीने से लेकर काम करने में भी कठिनाई महसूस होती है. विशेषज्ञों की माने तो इसके कई कारण होते हैं, और हर गर्भवती स्त्री जिसे सर में दर्द होता है उसकी वजह अलग हो सकती है. जरूरी नहीं है कि जिस कारण किसी एक महिला को प्रेगनेंसी में सिर दर्द हो रहा है, उसी कारण से दूसरी महिलाओं को भी हो रहा हो. इसलिए इस तरह की समस्या ज्यादा होने पर अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें और परामर्श लें. कभी भी ऐसे वक्त में अपने मन से दवा नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि यह गर्भवती स्त्री के साथ-साथ पेट में पल रहे शिशु के लिए भी हानिकारक हो सकता है.
Headache in Pregnancy :सर में दर्द के कारण
हार्मोनल बदलाव
अक्सर प्रेगनेंसी के टाइम पर महिलाओं को हार्मोनल बदलाव से गुजरना पड़ता है जिस वजह से उनके सर में दर्द की परेशानी हो सकती है. दरअसल महिलाओं को पहले 3 महीने में हार्मोनल चेंजेज की वजह से सर में दर्द की समस्या हो जाती है, और यह दर्द माइग्रेन जैसा महसूस होता है. अक्सर यह आधे सिर में ही महसूस होता है. इसके कारण महिलाओं को जुकाम , उल्टी जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है. प्रेगनेंसी टाइम वाले हेडेक में अक्सर महिलाओं को रोशनी से असहजता हो सकती है, और अंधेरे में रहना ज्यादा अच्छा लगता है.
रक्तचाप
अगर आपको हाई बीपी या लो बीपी की समस्या है तो भी आपके सर में दर्द हो सकता है. आमतौर पर प्रेगनेंसी पीरियड में औरतों में रक्तचाप की समस्याएं पाई गईं हैं. कुछ महिलाओं को लो बीपी की समस्या, तो कुछ को हाई बीपी की समस्या हो जाती है. यह भी सिर दर्द का एक कारण हो सकता है.
स्ट्रेस एवं तनाव
अगर आप गर्भवती है और स्ट्रेस और तनाव बहुत ज्यादा लेती हैं तो यह भी आपके सर दर्द का एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है. डॉक्टर के अनुसार ऐसे समय में महिलाओं को स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह आपकी ओवरऑल हेल्थ और आपके शिशु के हेल्थ पर भी काफी असर डाल सकता है. अगर आप वर्किंग वुमन है और आप बहुत ज्यादा समय लैपटॉप की स्क्रीन के सामने बिताती हैं तो आइ स्ट्रेन की वजह से और काम के स्ट्रेस की वजह से भी आपको हेडेक हो सकता है. इसीलिए ऐसे वक्त में अगर आपको सर दर्द की समस्या होती है तो ज्यादा से ज्यादा आराम करें, आंखों को लैपटॉप की रोशनी से बचाए और अपने आप को तनाव से दूर रखें, और समस्या ज्यादा होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श लें.
नींद की कमी
प्रेगनेंसी टाइम में पर्याप्त नींद लेना अति आवश्यक होता है. शरीर को पूरी तरह से रेस्ट मिलना बच्चों की ग्रोथ के लिए और गर्भवती स्त्री के पूरे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है. प्रेगनेंसी टाइम में आपको 8 से 9 घंटे की नींद लेना अति आवश्यक होता है, बॉडी में हो रहे कई तरह के बदलावों को और न्यूट्रिशन के बॉडी में अब्जॉर्प्शन के लिए नींद लेना बहुत जरूरी होता है.अगर प्रेगनेंट महिला अच्छे से सो नहीं पा रही है, तो उसे सर में दर्द की समस्या हो सकती है.और किसी स्थिति में यह बहुत ज्यादा भी हो सकती है. ध्यान रखें कि इस तरह के सर दर्द की समस्या होने पर अपने मन से कभी भी दवाई ना लें और अपने डॉक्टर से परामर्श लेने के बाद ही किसी भी तरह की दवाई लें, अन्यथा यह मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.