मूक-बधिर बच्चों के लिए मुफ्त कोक्लियर इम्प्लांट की सुविधा शुरू, 4 साल से कम उम्र में करा सकते हैं ऑपरेशन

डॉ अभिनीत ने बताया कोक्लियर इम्लांट में बच्चों के कान में एक विशेष मशीन लगाई जाती है, जिससे उनके सुनने की क्षमता विकसित होती है. कोक्लियर इम्लांट से जुड़ी सर्जरी काफी संवेदनशील होती है. यह सर्जरी काफी महंगी भी होती है, लेकिन इस बीमारी से ग्रस्त बच्चों को अब पैसौं की चिंता करने की जरूरत नहीं है.

By KumarVishwat Sen | December 19, 2022 7:42 AM

धनबाद : सुनने और बोलने में असहाय झारखंड और बिहार के बच्चों के लिए मुफ्त कोक्लियर इम्प्लांट की सुविधा शुरू हो गई है. पटना में एक बच्चे के सफल ऑपरेशन के साथ इसकी शुरुआत हुई. ईएनटी विशेषज्ञ डॉ अभिनीत लाल ने यह सफल ऑपरेशन किया. डॉ अभिनीत ने बताया कि हंस फाउंडेशन के सहयोग से बिहार-झारखंड में कोक्लियर इम्प्लांट की सुविधा मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही है.

उन्होंने कहा कि इसके तहत चार साल से कम उम्र के वैसे बच्चे जो सुन नहीं सकते या इसके कारण बोल नहीं पाते, उनका कोक्लियर इम्प्लांट नि:शुल्क किया जाता है. फिलहाल, पटना के पारस एचएमआरआई हॉस्पिटल में यह सुविधा उपलब्ध है.

उन्होंने बताया कि कोक्लियर इम्लांट में बच्चों के कान में एक विशेष मशीन लगाई जाती है, जिससे उनके सुनने की क्षमता विकसित होती है. कोक्लियर इम्लांट से जुड़ी सर्जरी काफी संवेदनशील होती है. यह सर्जरी काफी महंगी भी होती है, लेकिन इस बीमारी से ग्रस्त बच्चों को अब पैसौं की चिंता करने की जरूरत नहीं है. एक अभियान के तहत मुफ्त इलाज के जरिए इस बीमारी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है.

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डॉ अभिनीत बताया कि ‘बेरा टेस्ट’ के जरिए इस बीमारी का पता चल जाता है. हम मरीजों के परिजनों को सलाह देते हैं कि बीमारी का पता चलने के बाद जितनी जल्दी हो सके, उनका इलाज शुरू करा दें. अमूमन देखा जाता है कि एक से चार साल तक के बच्चों का ब्रेन ज्यादा तेजी से विकसित होता है. ऐसे में इलाज इसी उम्र के बीच में हो तो ज्यादा फायदेमंद होता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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