वैज्ञानिकों ने इंसुलिन की एक ऐसी किस्म विकसित की है, जिसे स्टोर करने के लिए अब रेफ्रिजेरेटर की जरूरत नहीं होगी. अभी सामान्य कमरे के तापमान पर 12 घंटे रहने के बाद इंसुलिन उपयोग करने लायक नहीं रह जाता है. कोलकाता स्थित बोस इंस्टिट्यूट और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल बायोलॉजी के दो वैज्ञानिकों ने हैदराबाद स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नॉलजी के दो वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इंसुलिन की इस ‘थर्मोस्टेबल’ किस्म को विकसित किया है.
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साइंस जर्नल ‘आइसाइंस’ ने भी इस रिसर्च की बहुत ज्यादा तारीफ की है. बता दें कि डायबिटीज के ऐसे मरीज जो इंसुलिन लेते हैं, उनको आम तौर पर इसे सुरक्षित रखने के लिए फ़्रीज की जरुरत होती ही. इसके चलते लंबे सफर में इसको साथ लेकर चलना आसान नहीं होता है. बोस इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिक और इंसुलिन की ‘थर्मोस्टेबल’ किस्म को विकसित करनेवाले शुभरांगसु चटर्जी ने बताया कि लोग जब तक चाहें, इस इंसुलिन को फ्रिज से बाहर रख सकते हैं.
दुनिया भर के डायबटीज के मरीजों के लिए इसके बाद इंसुलिन को अपने साथ ले कर चलना आसान हो जायेगा. उन्होंने बताया कि फिलहाल इंसुलिन की इस ‘थर्मोस्टेबल’ किस्म का नाम ‘इंसुलॉक’ रखा गया है. टीम जल्द ही इसका नाम आचार्य जगदीश चंद्र बोस के नाम पर रखने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में अपील करने जा रही है.
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65 डिग्री तक के तापमान पर भी सुरक्षित रहेगी नयी इंसुलिन
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04 डिग्री के तापमान पर रखना होता है अभी इंसुलिन को
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12 घंटे बाहर रहने के बाद अभी इंसुलिन हो जाता है खराब
इंसुलिन को ज्यादा ठंडी या गरम जगह पर रखने से उसकी ब्लड शुगर नियंत्रण करने की क्षमता घट जाती है. असर को बरकरार रखने के लिए इंसुलिन के डोज को रेफ्रिजेरेटर में दो डिग्री सेंटीग्रेड-आठ डिग्री सेंटीग्रेड के बीच तापमान पर रखा जाना चाहिए. अगर वैक्सीन पेन या शीशी में हो, तो उसे जरूर 2-30 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान में स्टोर करें. इस्तेमाल में लायी गयी इंसुलिन रेफ्रिजरेटर में 28 दिनों तक रखा जा सकता है.
डाइट में बदलाव और कुछ एक्सरसाइज से ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है. डायबिटीज के मरीजों को तले हुए खाने का सेवन करने से बचना चाहिए. खासकर ऐसा खाना जिसमें ट्रांस और सैचुरेटेड फैट होता है. डायबिटीज की रोकथाम के लिए एक्सरसाइज अहम रोल निभाती है. डिप्रेशन से लड़ाई में भी एक्सरसाइज का अहम रोल होता है. डायबिटीज के मरीजों को रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक करनी चाहिए. योगा को भी अपने रोजाना के रुटीन में शामिल किया जा सकता है.
Posted by: Pritish Sahay
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.