Happy New Year Resolution : अपने आसपास गौर करेंगे तो पायेंगे कि आजकल बीमारियां उम्र को नहीं देखती है. बुर्जुगों को होने वाली बीमारियां अब बच्चे और जवानों को भी पकड़ रही हैं. इसकी वजह है आज के समय भागमभाग वाली जीवनशैली. अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही के कारण आज 25 से 35 साल के युवा बीमार दिखने लगे हैं ऐसे में उन्हें जरूरत है कि वे अपनी सभी प्राथमिकताओं की लिस्ट में ‘हेल्थ फर्स्ट’ के फॉर्मूले सबसे ऊपर रखें ताकी बीमारियां उनसे कोसों दूर रहें . अब सवाल है कि आजकल के युवा क्यों बीमार फील कर रहे हैं उनमें थकान की समस्या क्यों जल्दी होती है. इसकी मूल वजह है सेहत के प्रति लापरवाही जो कई तरीकों से सामने आती है लेकिन हम इसे इग्नोर कर देते हैं. तकनीक पर बढ़ती निर्भरता ने युवाओं को स्मार्टफोन और कम्प्यूटर में कैद कर दिया है. कई घंटों तक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर काम करना, उसके बाद मनोरंजन के लिए भी उसी को माध्यम बनाना. ये आदतें आपकी सेहत पर बुरा असर डाल रही है. कमर के साथ- साथ आपकी आंखों की सेहत पर भी खराब असर होता है. युवाओं की मानसिक सेहत पर सोशल मीडिया नकारात्मक असर डाल रहा है. इन दिनों युवा भी दिल के दौरे को झेल रहे हैं जो चिंता करने वाली बात है. लेकिन जीवन शैली में कुछ सकरात्मक बदलाव कर आपको सेहत की सौगात दे सकते हैं.
आजकल घर की बगल की दुकान भी जानी है तो लोग गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं. यानी अब पैदल चलना छूट सा गया है. विशेषज्ञों की सलाह है कि जो लोग हर दिन 80 मिनट से ज्यादा पैदल चलते हैं, उनमें लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है. क्योंकि पैदल चलने से आपकी कैलोरीज बर्न होती हैं और शरीर से बैड कॉलेस्ट्रॉल कम होते हैं. पैदल चलने की आदत बन जाने सेे शरीर के भीतर एंडोर्फिन नामक हैप्पी हॉर्माेन का भी रिसाव होता है. इससे आप अच्छा महसूस करते हैं. शोध बताते हैं कि हर दिन दो हजार से ज्यादा कदम चलने वाले लोगों को दिल का दौरान पड़ने का खतरा दूसरों की तुलना में 10 प्रतिशत कम होता है.
घर और ऑफिस हो या फिर कॉलेज की भागदौड़, खाना पकाने का वक्त नहीं मिलता है तो कई युवा फास्टफूड पर निर्भर हो गये हैं. पकाने में कम टाइम और स्वाद के कारण ये आदत बन जाती है जिसका भारी नुकसान झेलना पड़ता है. इसके लगातार सेवन के कारण कम उम्र के लोगों में ही कोलेस्ट्रॉल की समस्या देखने को मिल रही है. इस लाइफस्टाइल को बदलकर स्वस्थ आहार का सेवन करना बहुत जरूरी है, जिसमें विटामिन और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होनी चाहिए. कई लोग सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं जो नुकसानकारी होता है. इसलिए सुबह पौष्टिक नाश्ता करें. कितनी भी व्यस्तता हो भोजन टाइम पर करें. इस दौरान डाइट में सलाद को ना भूलें. एक बार में भरपेट खाने की जगह इसे टुकड़ों में बांटकर खाएं
योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर आप निरोगी काया पा सकते हैं. अगर युवावस्था में ही योग को जीवन में शामिल कर लिया जाये तो दिल की बीमारी, डायबिटीज और मानसिक परेशानियों से दूर रह सकते हैं. युवावस्था में हॉर्माेनल असंतुलन के कारण भी शरीर को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. योग की मदद से हार्मोन असंतुलन को काफी हद तक कम किया जा सकता है. योग से तन और मन में सकारात्मक उर्जा का प्रवाह होता है.
आजकल युवा जो भी करते हैं उन्हें सोशल मीडिया पर डालते हैं. सुबह जगने के साथ रात को सोते वक्त तक कई लोग तो मोबाइल में ही डूब रहते हैं. इस लत के शिकार युवा सोशल मीडिया से दूर नहीं रह पाते. आजकल के युवा सेल्फी लेकर लाइक्स के चक्कर में लगे रहते हैं. अगर लाइक कम मिले तो निराशा से घिर जाते हैं और कुछ अलग कमेंट्स मिले तो भी यही हाल होता है ऐसे में युवा मन पर डिप्रेशन हावी होने लगता है. इसलिए सोशल मीडिया की लत युवाओं के लिए नुकसानदेह हो सकती है इसलिए जरूरी है कि जितनी जल्दी हो इस लत को छोड़ दें
युवाओं में बाइक का खूब क्रेज होता है. अगर कॉलेज-कोचिंग, ऑफिस तक जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल किया जाये, तो यह आपकी सेहत के लिए लाभकारी होता है. इससे आपकी बॉडी में ब्लड का सकुर्लेशन बढ़ता है और मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ अच्छी खासी एक्सरसाइज भी हो जाती है. साइकिल की सवारी करने से प्रदूषण भी नहीं फैलता है. जो स्वस्थ पर्यावरण के लिए जरूरी है. स्वस्थ जीवन के लिए युवाओं को लाइफस्टाइल की आदतें बदलने की जरूरत है.
Also Read: Personality Test : मीठा, नमकीन या फिर खट्टा है पसंद ? किसी के भी Taste से उसका व्यक्तित्वDisclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.