Health Benefits of Green Chillies: हरी मिर्च व लाल मिर्च के बिना व्यंजनों की दुनिया अधूरी है. यह अपने तीखेपन के लिए जानी जाती है और इसे खाने का जायका बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है. कई व्यंजनों के साथ ही हरी मिर्च का अचार भी बहुत चाव से खाया जाता है. वैसे तो आमतौर पर इसका इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए ही किया जाता रहा है लेकिन हाल में हुए कई शोध इस बात का दावा करते हैं कि हरी मिर्च खाने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए हरी मिर्च खाने के फायदे
कमजोर प्रतिरक्षा यानी इम्यूनिटी के कारण सर्दी-जुकाम, एलर्जी या शारीरिक कमजोरी की समस्या हाे सकती है. ऐसे में हरी मिर्च का उपयोग प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने में फायदेमंद हो सकता है. शोध में पाया गया कि हरी मिर्च में विटामिन-ए, विटामिन-सी, आयरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं.
रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने पर मधुमेह की समस्या हो सकती है. इस समस्या को दूर करने के लिए हरी मिर्च फायदेमंद हो सकती है. हरी मिर्च में कैप्साइसिन नामक कंपाउंड पाया जाता है, जैसा कि ऊपर भी बताया जा चुका है. एक वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि कैप्साइसिन नामक कंपाउंड में एंटीडायबिटिक गुण पाया जाता है. यह गुण मधुमेह को कम करने में मददगार हो सकता है.
हरी मिर्च एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है. एंटीऑक्सीडेंट का प्रभाव ऑक्सीकरण को रोक सकता है. ऑक्सीकरण एक रासायनिक प्रतिक्रिया है, जो फ्री रेडिकल्स का उत्पादन कर सकती है, जिससे कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है.
मोटापे के कारण स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.हरी मिर्च का उपयोग मोटापे की समस्या से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद हो सकता है.एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध शोध के अनुसार, हरी मिर्च में पाया जाने वाला कंपाउंड कैप्साइसिन इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार हो सकता है.
पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में भी हरी मिर्च अहम भूमिका निभा सकती है. शोध के अनुसार, हरी मिर्च गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकती है. दरअसल, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों में अपच के लक्षण, दस्त और कब्ज जैसी समस्याएं शामिल हैं, जो बिगड़े हुए पाचन तंत्र का परिणाम होती हैं.
बढ़ता हुआ रक्तचाप हृदय की समस्या के साथ ही कई समस्याओं का कारण बन सकता है. हरी मिर्च में पाया जाने वाला कैप्साइसिन इस समस्या को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है. इसमें एंटीहाइपरटेंसिव गुण पाया जाता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.