Health Care : कब्ज की समस्या ने कर रखा है परेशान, राहत के लिए अपनाएं आयुर्वेदिक उपाय
Health Care : पेट की सेहत अगर सही रहती है तो शरीर का स्वास्थ्य बना रहता है. अगर पेट ही सही ना हो तो सब अ़च्छी चीज भी बेकार लगती है. ऐसे में अगर कोई कब्ज की समस्या से परेशान हो तो फिर उसकी पूरी दिनचर्या प्रभावित हो जाती है.
Health Care : कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए सबसे जरूरी चीज है कि आप अपनी दिनचर्या के साथ आहार – व्यवहार में परिवर्तन करें . कब्ज से प्राकृतिक रूप से राहत पाने के कुछ आयुर्वेदिक घरेलू उपाय हैं . कब्ज एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो आपकी दिनचर्या, भूख और मूड में बाधा डाल सकती है. कब्ज के कुछ सबसे सामान्य कारणों में जंक फूड का सेवन, शराब पीना, अधिक खाना, आहार में फाइबर की कमी, कम पानी का सेवन और भारी मांस खाना जैसे आहार संबंधी कारक शामिल हैं. अन्य वजहों में धूम्रपान और व्यायाम की कमी शामिल है .
कुछ आयुर्वेदिक घरेलू उपचार हैं जो स्वाभाविक रूप से कब्ज से राहत देकर मल त्याग को सुचारू बनाने में मदद कर सकते है. जबकि संतुलित आहार और नियमित व्यायाम कब्ज को पूरी तरह से रोकने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है.
वात दोष संतुलन आहार : वात-संतुलित आहार में ताजा पका हुआ, संपूर्ण भोजन शामिल होता है जो बनावट में नरम या गूदेदार होता है ये खाद्य पदार्थ प्रोटीन और वसा से भरपूर होते हैं और हल्के गर्म या गर्म दोनों तरह से परोसे जाते हैं इसलिए ठंडे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से दूर रहें और गर्म खाद्य पदार्थ, गर्म पेय और अच्छी तरह से पकी हुई सब्जियों का सेवन करें.
प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक त्रिफलाकब्ज से राहत पाने के लिए त्रिफला सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है त्रिफला में ग्लाइकोसाइड होता है जिसमें रेचक गुण होते हैं. आप त्रिफला को गर्म पानी में मिलाकर इसकी चाय बना सकते हैं. इसके सेवन से मल त्याग को प्रेरित करने के लिए अत्यधिक प्रभावी हो सकते हैं.
भुनी हुई सौंफ के बीजअगर आपको कब्ज है तो एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच भुनी और पिसी हुई सौंफ मिलाएं सौंफ़ के बीज का सेवन कुछ गैस्ट्रिक एंजाइमों का उत्पादन करने में मदद कर सकता है जो पाचन प्रक्रिया को बढ़ावा दे सकते हैं.
बेल फल का गूदाबेल फल में पेट साफ करने के गुण होते हैं. अगर आपको कब्ज की समस्या है तो बेल के फल के गूदे में एक चम्मच गुड़ मिलाकर खाएं. आप बेल के रस में इमली का पानी और गुड़ मिलाकर बेल का शरबत भी ले सकते हैं. यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो बेल का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करने की सलाह दी जाती है.
मुलेठी में सूजनरोधी प्रभावमुलेठी में सूजनरोधी प्रभाव होता है और यह पाचन में सहायता कर सकता हैं. एक कप गर्म पानी में एक चम्मच पिसी हुई मुलेठी की जड़ का पाउडर और एक चम्मच गुड़ मिलाएं। इसका नियमित सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह लेने की सलाह दी जाती है.
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