Health Tips: कई गंभीर बीमारियों से बचाती है यह छोटी सी आदत, आज से ही रखें इन बातों का ध्यान
Health Tips: स्वस्थ जीवन की पहली शर्त है साफ-सफाई. स्वच्छता का ध्यान रखने से बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है. कोरोना काल में भी यह सीख मिली. स्वच्छता की अनदेखी करने पर गंदगी बढ़ती है. इससे बैक्टीरिया, वायरस अनेक प्रकार के रोगों का खतरा बढ़ जाता है.
Health Tips: स्वस्थ जीवन की पहली शर्त है साफ-सफाई. स्वच्छता का ध्यान रखने से बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है. कोरोना काल में भी यह सीख मिली. स्वच्छता की अनदेखी करने पर गंदगी बढ़ती है. इससे बैक्टीरिया, वायरस अनेक प्रकार के रोगों का खतरा बढ़ जाता है. साफ-सफाई नहीं होने पर पानी में कई तरह के मच्छर पनपते हैं, जिससे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसे रोग हो सकते हैं.
सीवेज का गंदा पानी भूमिगत जल की पाइपलाइनों तक भी पहुंच जाता है, जिससे जल प्रदूषण होता है. प्रदूषित पानी पीने से डायरिया, टाइफाइड, हैजा, फंगल इन्फेक्शन जैसी संक्रामक बीमारियां हो सकती हैं. दूषित पानी से ही कोलोन, लिवर, किडनी, यूरिनरी ब्लैडर, ब्रेन ट्यूमर जैसे मल्टीपल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
पर्सनल हाइजीन का रखें ध्यान : डेली लाइफ में पर्सनल हाइजीन का ख्याल नहीं रखने पर कई संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है. रोजाना गुनगुने या सामान्य पानी से स्नान करें. मुंह की सफाई पर विशेष ध्यान दें. ओरल हाइजीन की अनदेखी से मसूड़ों में सूजन और दांतों से खून आ सकता है. स्वच्छता का ध्यान नहीं रखने पर स्किन एलर्जी, फंगल इन्फेक्शन, जलन, खुजली, रैशेज, फोड़े-फुंसी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
पर्यावरण की स्वच्छता भी जरूरी : पर्यावरण प्रदूषण के कारकों में कूड़े के निपटान की समस्या महत्वपूर्ण है. कूड़ा जहां-तहां फेंकने से गंदगी फैलती है. कूड़े के ढेर से निकलने वाले रसायन मिट्टी को दूषित करते हैं. इन कचरों में हानिकारक रासायनिक गैस पाये जाते हैं. इसे जलाने पर निकलने वाला धुआं हवा को प्रदूषित करती हैं. दूषित हवा में सांस लेने से ब्रोंकाइटिस, अस्थमा के अलावा फेफड़े का कैंसर भी हो सकता है.
भोजन बनाते व खाते समय स्वच्छता : खासतौर पर भोजन बनाने, उसे परोसने और खाने से पहले तथा खाने के बाद साबुन से हाथों को जरूर धोएं. संक्रमण से बचने के लिए 20-30 सेकेंड तक साबुन से हाथों की सफाई करें. हाथों में स्थित बैक्टीरिया और वायरस मुंह के द्वारा शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. इससे गैस्ट्रोइंटरराइटिस, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है.
घर व किचेन की सफाई : रोजाना घर में केवल झाड़ू-पोछा करना ही पर्याप्त नहीं है. कीटाणुयुक्त स्थानों की सफाई करते रहें. सोडियम हाइपोक्लोराइड और क्लोरीन सोल्यूशन से घर की सफाई करें. डिटॉल लिक्विड सोप, फिनाइल आदि से घर की सफाई करें. किचेन का संबंध पेट और पेट का नाता हमारे स्वास्थ्य से है. इसलिए, किचेन की नियमित सफाई करें. शेल्फ, गैस स्टोव को रोजाना साफ करना चाहिए. माइक्रोवेव, अवन, टोस्टर जैसे इलेक्ट्रिक एप्लाइसेंस और फ्रिज को सप्ताह में एक बार जरूर साफ करना चाहिए. दूषित भोजन या पानी पीने से हेपेटाइटिस ए और इ, गैस्ट्रोइंटरराइटिस या डायरिया, टाइफाइड, हैजा, वायरल या फंगल इन्फेक्शन हो सकता है.
डॉ चारू गोयल सचदेव, जनरल फिजिशियन, मणिपाल अस्पताल, द्वारका,
Posted by: Pritish Sahay
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.