डॉ समीर सूद, नेत्र रोग विशेषज्ञ
सर्दियों में स्मॉग-फॉग, एलर्जन तत्वों से भरपूर सर्द व शुष्क हवाएं हमारी ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित करती हैं. हमारी आंखें भी इनसे अछूती नहीं रहतीं. आंखों में ड्राइनेस की शिकायत देखने को मिलती है. ऊपर से सर्दियों में स्क्रीन टाइम अमूमन बढ़ जाता है, जिससे आंखों में जलन, खुजली जैसी समस्याएं होने लगती हैं.
सर्दियों में छोटे-बड़े सभी को आंखों की देखभाल करना जरूरी है. इसके लिए कुछ बातों पर अमल करना जरूरी है. इन्हें आप अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें, तो आंखों की परेशानियों से बच सकते हैं.
सबसे जरूरी है कि सर्दियों में आंखों को ड्राइनेस से बचाने की कोशिश करें. अगर घर में हीटर चला रहे हों तो आसपास बाल्टी में पानी रखें, जो कमरे में नमी बनाये रखेगा. इससे आंखें नमीयुक्त रहेंगी. सर्दियों में अक्सर पानी कम पिया जाता है, जिसकी वजह से पूरे शरीर पर असर पड़ता है. ठंडा पानी न पीया जाये, तो हल्का गुनगुना करके पी सकते हैं. सूप और जूस का भी सेवन कर सकते हैं.
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आंखों को ड्राइनेस से बचाने के लिए सबसे जरूरी है पलकें झपकाना. खासकर पढ़ते हुए और मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन देखते हुए आंखें ज्यादा-से-ज्यादा झपकाने की कोशिश करनी चाहिए. अक्सर स्क्रीन पर काम समय काम पर फोकस ज्यादा रहता है और पलकें झपकाने की प्रक्रिया खुद-ब-खुद कम हो जाती है और आंखों में ड्राइनेस की समस्या हो जाती है. सर्दियों में यह समस्या बढ़ जाती है.
सर्दियों में रजाई-कंबल में घुसकर मोबाइल चलाने वालों में आंखों में ड्राइनेस की समस्या सर्वाधिक होती है. इनसे बचने के लिए स्क्रीन टाइम कम करना जरूरी है. अगर संभव न हो तो बीच-बीच में ब्रेक जरूर लें.
किसी भी तरह की समस्या आने पर नेत्र विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं. सेल्फ मेडिकेशन न करें, क्योंकि स्टेरॉयडयुक्त दवाइयां आंखों के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं. बेहतर होगा कि यदि सर्दी के मौसम में आंखों में खुजली हो रही हो तो नेत्र विशेषज्ञ को एक बार जरूर कंसल्ट करना चाहिए. इसके साथ-साथ आंखों को सेहतमंद रखने के लिए विटामिन ए, सी, ई, केरोटोनॉयड्स रिच आहार का सेवन करना चाहिए.
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अमूमन हम सर्दियों में बाहर जाते समय सनग्लास नहीं पहनते. हालांकि, गर्मियों के मुकाबले इस समय धूप कम निकलती है, फिर भी सूरज की किरणों में अल्ट्रावॉयलेट इंडेक्स ज्यादा होता है. साथ ही इस मौसम में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या चरम पर होती है. स्मॉग और फॉग के कारण हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व आंखों को प्रभावित करते हैं. इनसे बचने के लिए बाहर जाते समय सनग्लासेस या फेस शील्ड जरूर पहननी चाहिए.
सर्दियों में आंखों में ड्राइनेस बढ़ने से खुजली की समस्या भी आती है. गंदे हाथों से आंखें मलने या रगड़ने पर इंफेक्शन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में जरूरी है कि आंखों को छूने से पहले हाथ धोकर साफ करने चाहिए. जहां तक हो सके आंखें रगड़ने से बचना चाहिए.
बातचीत : रजनी अरोड़ा
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.