Health Tips: सीढ़ियां चढ़ते हुए सांस फूलना, सिरदर्द होना, खांसी होना, उल्टी होना, काम करते हुए ऊर्जा की कमी महसूस होना जैसी बातों को अधिकतर लोग गंभीरता से नहीं लेते, उन्हें लगता है कि ये सब मामूली चीजें हैं, अपने आप ठीक हो जायेंगी. लेकिन ऐसा सोचना आपकी बड़ी भूल हो सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, जब भी शरीर में कोई गंभीर बीमारी पनपने लगती है, तो वह कुछ सिग्नल देती है, इन्हें पहचानना बहुत जरूरी है. आज ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर डॉक्टर्स से जानें कि इन इशारों के प्रति सतर्क रहना क्यों हैं जरूरी.
पहले आप 3 से 4 मंजिल सीढ़ियां चढ़ लेते थे और आपको कुछ नहीं होता था, लेकिन अब अगर दो-चार सीढ़ियां चढ़ने या पैदल चलने में सांस फूलने लगे तो इसका कारण दिल और फेफड़ों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं. अगर अचानक आपकी सांस फूलने लगे तो इसका कारण अस्थमा, लो ब्लड प्रेशर या पल्मोनरी एमबोलिज्म (फेफड़े में ब्लड क्लॉट) हो सकता है.
अगर सांस फूलने की समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो यह क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी), पल्मोनरी इडेमा (फेफड़ों में फ्ल्यूड का जमाव), एनीमिया, फेफड़ों का कैंसर, हार्ट फेल्योर, दिल की धड़कनें अनियमित होने के कारण हो सकता है. मोटापा, एंग्जाइटी और एलर्जिक रिएक्शन के कारण भी सांस फूल सकती है.
सबसे पहले अपना वजन कम करें. इसके लिए आप आहार विशेषज्ञ की मदद ले सकते हैं. धूम्रपान करना बंद कर दें, यह सीओपीडी का सबसे प्रमुख कारण है. प्रदूषकों और रसायनों के संपर्क में आने से बचें. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, ताकि आपके फेफड़े अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर सकें. अगर आपको फेफड़ों और दिल से संबंधित कोई समस्या है, तो अपनी दवाइयां समय पर लें.
समस्या लगातार बनी रहे, तो डॉक्टर को दिखाएं. एनीमिया का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट होगा, अगर हीमोग्लोबिन की मात्रा कम है, तो इसे दवाइयों व खान-पान में बदलाव से ठीक किया जा सकता है. कहीं दिल की बीमारी तो नहीं, इसके लिए छाती का एक्स-रे, इकोकार्डियोग्राम, एनजियोग्राम, एमआरआइ, हार्ट का सीटी स्कैन आदि किया जाता है. फेफड़ों की कार्यप्रणाली जांचने के लिए लंग फंक्शनिंग टेस्ट किया जाता है.
अधिक काम करने या नींद पूरी नहीं होने के कारण हम कभी-कभी थका हुआ महसूस करते हैं, यह कोई गंभीर बात नहीं है. लेकिन अगर आप कई दिनों तक लगातार थकान महसूस करते हैं, तो यह एक्यूट लिवर फेल्योर, एनीमिया, कैंसर, क्रॉनिक संक्रमण, डायबिटीज आदि के संकेत हो सकते हैं. तनाव, अवसाद, शारीरिक सक्रियता की कमी व खान-पान के कारण भी कई लोग थकान से निढाल रहते हैं.
प्रतिदिन नियत समय पर संतुलित व पोषक भोजन लें. नियमित रूप से रोज आधा घंटा एक्सरसाइज करें. 6 से 8 घंटे की नींद लें. चाय और कॉफी के अत्यधिक सेवन से बचें, क्योंकि कैफीन की अधिक मात्रा से भी थकान होती है. हर रोज 6 से 8 गिलास पानी पीएं, क्योंकि डिहाइड्रेशन के कारण भी थकान होती है.
अगर पूरी नींद लेने, नियमित रूप से एक्सरसाइज करने और बढ़िया खाने के बाद भी थकान की समस्या दूर न हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. यह शरीर में पनप रही किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के कारण हो सकती है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.