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Health Tips: सर्दियों में छोटे बच्चों की खास देखभाल जरूरी, ऐसे रखें अपने बच्चे का ख्याल

सर्दियों में शिशुओं की देखभाल करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. कमजोर इम्युनिटी और कुछ बता न पाने स्थिति में उन्हें बदलता मौसम और गिरता तापमान ज्यादा प्रभावित करता है. देखरेख में जरा-सी लापरवाही से उन्हें आसानी से ठंड लग सकती है और बीमार कर सकती है

By Prabhat Khabar News Desk | December 22, 2021 2:12 PM

सर्दियों में शिशुओं की देखभाल करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. कमजोर इम्युनिटी और कुछ बता न पाने स्थिति में उन्हें बदलता मौसम और गिरता तापमान ज्यादा प्रभावित करता है. देखरेख में जरा-सी लापरवाही से उन्हें आसानी से ठंड लग सकती है और बीमार कर सकती है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखा जाये तो शिशु की सर्दियां आरामदायक और सुरक्षित निकल सकती हैं. नवजात शिशु बेहद नाजुक होते हैं. ठंड के मौसम में शिशु को सुरक्षित रखना जरूरी हो जाता है. खासकर, इस मौसम में हवा की नमी चली जाती है, जिससे शिशु की त्वचा शुष्क हो जाती है. ऐसे में उनके लालन-पालन का ख्याल रखना जरूरी हो जाता है.

रोज मसाज करें: मसाज बच्चे के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने, शारीरिक कार्य-प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने, हड्डियों को मजबूत करने और समुचित विकास में सहायक है. रोजाना खासकर सर्दियों में हल्के गुनगुने बादाम, ऑलिव, सरसों के तेल से शिशु की मसाज जरूर करनी चाहिए, लेकिन जन्म के 10-15 दिन तक शिशु की मसाज नहीं करनी चाहिए. क्योंकि एक तो उसका शरीर बहुत नाजुक होता है, दूसरा नये एन्वायरमेंट से तालमेल बिठाने में कुछ समय लग जाता है.

कमरे के तापमान का रखें ध्यान: मसाज करते समय रूम टेंपरेचर गर्म और कंफर्टेबल हो. यानी दोपहर में धूप आने से कमरा गर्म हो. मसाज से पहले कमरे की खिड़कियां-दरवाजे बंद कर दें, ताकि बच्चे को हवा न लगे. अपनी हथेली रगड़कर गर्म कर लें. बच्चे के पूरे कपड़े न उतारें. पहले टांगों की मसाज करके कपड़े पहना दें, फिर शरीर के ऊपरी भाग की मसाज करें. इससे बच्चे को ठंड नहीं लगेगी. मसाज के बाद उसे नहलाने ले जाएं या स्पांज कराएं.

बच्चे को कब और कैसे नहलाएं: नवजात शिशु को जन्म से गर्भनाल गिरने तक नहलाने के बजाय स्पजिंग करना बेहतर होता है. क्योंकि जरा-सी असावधानी होने पर गर्भनाल टूट सकती है और बच्चे को परेशानी हो सकती है. सर्दियों में रूम टेंपरेचर का ध्यान रखकर शिशु को रोज नहला सकते हैं. ठंड ज्यादा हो, तो बेहतर है कि एक दिन छोड़कर नहलाएं. केवल स्पंजिंग या गीले तौलिये से पूरा शरीर पौंछ दें.

बहुत ज्यादा कपड़े न पहना दें : शिशु को बहुत ज्यादा कपड़े न पहनाएं. घर पर बच्चे की चेस्ट और पैर कवर होने जरूरी हैं. इससे उसे पसीना आ सकता है, कपड़े उतारने पर सर्द-गर्म होने से बीमार पड़ सकता है. केवल अपने से एक-दो लेयर ज्यादा कपड़े पहनाना ही काफी है. जो भी कपड़े पहनाएं, वे साफ-सुथरे हों. वुलन स्किन एलर्जी से बचाने के लिए सीधे वुलन कपड़े नहीं पहनाएं. सबसे पहले कॉटन के अंडरगार्मेंट्स पहनाएं. उसके ऊपर टी शर्ट, स्वेटर, पैरों में वुलन ट्राउजर पहनाएं. शिशु को पैरों में जुराबें जरूर पहनाएं.

डायपर पहनाना बेहतर: जहां तक हो सके सर्दियों में शिशु को डायपर पहनाएं. पेशाब से गीले कपड़े या अंडरवियर को समय पर न बदला जाये, तो उसे ठंड लग सकता है और इन्फेक्शन हो सकता है. भले ही दिन के समय धूप में या रूम टेंपरेचर मेंटेन होने पर कुछ देर डायपर फ्री रख सकते हैं. ध्यान रखें कि डायपर 4 से 5 घंटे के बाद बदल दें.

अगर बच्चा डायपर में मल त्याग कर देता है, तो उसे तुरंत उतार दें. गुनगुने पानी या गीले कॉटन से साफ करें और तौलिये से डायपर वाली जगह सुखा लें. डायपर पहनाने से पहले बेबी क्रीम, बादाम तेल या सरसों का तेल लगाकर डायपर पहनाएं. ऑयल प्रोटेक्टिव लेयर के रूप में काम करता है. नमी को स्किन के अंदर नहीं जाने देता, जिससे इन्फेक्शन या डायपर रेशैज से बचाव होता है.

इस तरह रखें बच्चे को गर्म: अगर बच्चे के हाथ-पैर ठंडे हों, तो थोड़ी देर हीटर से रूम टेंपरेचर मेंटेन करें. हीटर चलाने से कमरे की हवा ड्राइ हो सकती है. इसके लिए बाल्टी में थोड़ा पानी भर कर रखें. जितना हो सके, शिशु को अपने पास रखें और पास सुलाएं. जरूरत हो तो कंगारू फीडिंग करें. मां का स्पर्श बच्चे को गर्म रखता है. सोते समय ध्यान रखें कि बच्चे के लिए भारी कंबल का इस्तेमाल न करें. सोते समय हिलने-डुलने से कंबल बच्चे के मुंह पर आने से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.

मां खुद भी ठंड से बचे: जरूरी है कि मां खुद भी ठंड से अपना बचाव करें, क्योंकि मां से बच्चे को ठंड लगने की पूरी संभावना रहती है. ठंड में बाहर जाने से बचे, ठंडे हाथों से बच्चे को न पकड़ें.

Posted by: Pritish Sahay

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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