Heart Attack Reason: जिम में वर्कआउट के दौरान क्यों आया हार्ट अटैक, जानें क्या है इसकी वजह और बचाव

Heart Attack Reason: एक सवाल उठ रहा है कि क्या जिम जाने या वर्कआउट करने से ऐसी स्थिति सामने आ रही है या कोई और वजह है. जानें इस बारे में लखनऊ के लोहिया इंस्टीट्यूट के पूर्व हार्ट स्पेशलिस्ट मुकुल मिश्रा क्या कहते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2022 10:35 AM

मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव दिल्ली के एम्स में एडमिट हैं. बुधवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद 58 वर्षीय श्रीवास्तव को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी एंजियोप्लास्टी की गई. वो जिम में वर्कआउट के दौरान ट्रेडमिल पर गिर गये थे. बताया जा रहा है कि राजू श्रीवास्तव की एक धमनी पूरी तरह से ब्लॉक हो गई थी. उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. कुछ दिन पहले ‘भाभीजी घर पर हैं’ सीरियल के 41 वर्षीय दीपेश भान क्रिकेट खेलते हुए बेहोश हो गए और उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था जिसके बाद उनका निधन हो गया. ऐसे में एक सवाल उठ रहा है कि क्या जिम जाने या वर्कआउट करने से ऐसी स्थिति सामने आ रही है या कोई और वजह है. जानें इस बारे में लखनऊ के लोहिया इंस्टीट्यूट के पूर्व हार्ट स्पेशलिस्ट मुकुल मिश्रा क्या कहते हैं.

हार्ट अटैक का जिम से कोई लेना-देना नहीं

डॉ मुकुल मिश्रा का कहना है कि, हार्ट अटैक का जिम से कोई लेना-देना नहीं है. आपको अपने खानपान और लाइफस्टाइल पर पूरा ध्यान देने की जरूरत है. स्मोकिंग और ड्रिकिंग भी इसके पीछे की एक वजह है. कोई भी चीज जब जरूरत से ज्यादा हो जाती है चाहे वो मानसिक तनाव हो या शारीरिक, उसे शरीर बर्दाश्त नहीं कर पाता है. आपकी अव्यस्थित जीवनशैली आपको बीमारी की ओर ले जाती है. 40-45 की उम्र के बाद शरीर के बर्दाश्त करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है. अगर वर्कआउट की बात करें तो, ट्रेनर की सलाह जरूर लेना चाहिए. आप अगर 40 साल से ज्यादा उम्र के हैं तो वॉक या रनिंग भी कर सकते हैं.

दक्षिण एशियाई लोगों को इसका ज्यादा खतरा होता है

लोहिया इंस्टीट्यूट के पूर्व हार्ट स्पेशलिस्ट मुकुल मिश्रा का कहना है कि, साउथ एशियन लोग यानी हमलोगों को इसका ज्यादा खतरा होता है. यूरोप की तुलना में 10 से 15 पर्सेंट ज्यादा खतरा है. यहां कम ही उम्र में ज्यादा सीवीयर अटैक आते हैं. इसके लिए आपको अपने खान-पान और रहन -सहन पर ध्यान देने की आवश्यकता है. हर क्रियाकलाप को समय के अनुसार बांटे लें. आप बाहर के जंक फूड खाने से बचें क्योंकि आप इस बात से अनजान हैं कि इसे बनाने में किन चीजों का इस्तेमाल किया गया होगा. डायबिटीज, हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल का भी ध्यान रखना है और उसी के अनुरूप अपने शरीर को भार देना है. ऐसा ना हो कि आपका शरीर जिस भार को उठाने में सक्षम नहीं है, आप उसे थोपें.

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स्ट्रेस लेवल को कम करने की कोशिश करें

डॉ. मुकुल मिश्रा का कहना है कि स्ट्रेस लेवल को कम करने की जरूरत है. लेकिन अक्सर ऐसा कर पाना मुश्किल है. आप अपने आसपास के वातावरण को थोड़ा हल्का रखें. आपका मानसिक तनाव भी कार्डियक अरेस्ट का कारण हो सकता है. आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में लोग वर्कलोड से चिंतित रहते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है आज जॉब सिक्यूरिटी की जगह हेल्थ की फिक्र करनी चाहिए. काम को मन मारकर करने की जगह एंज्वाय करना शुरू करना चाहिए.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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