अप्रैल में ही मई-जून जैसी चिलचिलाती गर्मी ने लोगों को काफी परेशान कर रखा है. इस दौरान घमौरियां होना एक आम बात है. घमौरियों की वजह से शरीर में काफी जलन और खुजली होती है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इस परेशानी से बचने के लिए लोग टेलकम पाउडर और क्रीम आदि की मदद लेते हैं. जानें कुछ ऐसे हर्बल ऑयल के बारे में, जिन्हें लगाकर आप घमौरियों से छुटकारा पा सकते हैं.
हर्बल ऑयल एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होते हैं, जो घमौरियों के सक्रिय बैक्टीरिया को निष्क्रिय कर देते हैं और उन्हें फैलने से रोकते हैं. साथ ही ये जलन को कम कर देते हैं और खुजली से राहत दिलाते हैं.
चंदन का तेल एंटीबैक्टीरियल व एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है और घमौरियों से निजात दिलाने में काफी कारगर है. चंदन तेल का सबसे बड़ा गुण है कि इसका अहसास ठंडा होता है. ये सबसे पहले तो घमौरियों को शांत कर देता है और शरीर में जलन को कम करने में मदद करता है.
लौंग व कपूर का तेल घमौरियों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे आप घर पर भी बना सकते हैं. सबसे पहले नारियल तेल लें. इसके बाद इसमें लौंग व कपूर मिला लें और फिर इसे धीमी आंच पर पकाएं. फिर इसे बोतल में डाल कर बंद करके रख लें. फिर इसे घमौरियों पर लगाएं.
नीलगिरी का तेल ठंडा होता है, जो कि घमौरियों को शांत करता है. साथ ही ये एंटीबैक्टीरियल व एंटीइंफ्लेमेटी गुणों से भी भरपूर है, जो घमौरियों को शांत करने के साथ इसे ठीक करने में सहायता करता है. वहीं, ये तेल घमौरियों के जलन और खुजली को भी ठीक करता है.
पिपरमेंट ऑयल की प्रकृति ठंडी होती है. आप इसे घरौरियों पर लगा सकते हैं. ये तेल एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है और घमौरियों को शांत करता है. साथ ही ये घमौरियों के निशान को भी कम करता है.
लेमन ग्रास ऑयल को आप नहाने के पानी में मिला कर इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण संक्रमण को कम करता है और घमौरियों और रैशेज को कम करता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.