कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए भारत में सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है, कई जगहों पर तो बिना मास्क पहने घर निकलने वाले लोगों प्यार भारी भरकम जुर्माना वसूला जा रहा है, प्रधान मंत्री मोदी ने भी अपने संबोधन में कई बार कहा कि घर से बाहर निकलते वक्त अनिवार्य रूप से मास्क पहने.
सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई जगहों पर इसे अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया है, WHO की गाइड लाइंस भी यही कहती है कि सोशल डिस्टेंसिंग से ज्यादा मास्क पहनना ज्यादा महत्वपूर्ण है. लेकिन हाल ही में एक अध्ययन में बड़ा खुलासा हुआ है. जिसमें बताया गया है कि होम मेड मास्क व्यावसायिक मास्क से ज्यादा कारगर है,
अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, घर के बने रजाई वाले कॉटन मास्क रूमाल से बने रूमाल या व्यावसायिक रूप से उपलब्ध शंकु मास्क से अधिक प्रभावी होते हैं
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस अध्ययन के लेखक डॉक्टर सिद्धार्थ वर्मा इसका कारण बताते हुए कहते हैं कि मास्क का बनाया गया पैटर्न और इसकी मोटाई प्रमुख कारण है.
उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए हमने कपास के कपड़े से बनाया गया मास्क को इसके परीक्षण में इस्तेमाल किया था. जिसे मोटे धागे से बुनाई की गयी थी. साथ में दो परतों को एक साथ सिलने के अलावा इसमें छिद्र भी काफी महत्वपूर्ण है. डॉक्टर वर्मा ने कहा कि इसको पता करने के लिए मास्क के माध्यम से प्रकाश की ओर देखना चाहिए कि वो मास्क प्रकाश को कितने प्रभावी तरीके से रोकता है.
वैज्ञानिकों ने पाया कि कई परतों वाले सूती कपड़े के मास्क को पहनने से ड्रॉपलेट ज्यादा दूर तक वातावरण में फैल पातीं. मास्क पहने संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकलीं संक्रमित बूंदें मात्र ढाई इंच तक ही फैल सकती हैं. अगर कोई एक मीटर की दूरी बनाकर खड़ा है तो उसे कॉर्टन मास्क लगाए व्यक्ति से संक्रमण नहीं होगा. बता दें गकि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कई बार होम मेड मास्क की बार बार सलाह दी.
Posted By : Sameer Oraon
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.