Lumpy Disease in Cow ; लंपी त्वचा रोग (एलएसडी) की खबर जैसे ही फैली लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठने लगे. जैसे यदि वे लंपी रोग से पीड़ित पशु का दूध पिएंगे तो क्या कोई खतरा है ? तो इस सवाल का जवाब मिल गया है. दरअसल लंपी त्वचा रोग से संक्रमित पशु के दूध का सेवन करना सुरक्षित है, क्योंकि यह संक्रमण पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलता. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
संक्रमित पशुओं से मिलने वाले दूध की गुणवत्ता और सुरक्षा पर आइवीआरआइ के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार मोहंती ने कहा कि एलएसडी जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला रोग नहीं है. उन्होंने कहा कि संक्रमित पशुओं से प्राप्त होने वाले दूध का सेवन किया जा सकता है. दूध को आप अच्छे से उबालकर या फिर बिना उबाले पिएं, उसकी गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर दूध के उत्पादन पर असर पड़ सकता है, लेकिन देशभर में इस संक्रमण के प्रसार से जुड़े पुख्ता आंकड़ों के बिना राष्ट्रीय स्तर पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता.
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मोहंती ने कहा कि जब पशु संक्रमित होते हैं, तब बुखार और अन्य लक्षणों से वे कमजोर हो जाते हैं. इससे दूध के उत्पादन पर गंभीर असर पड़ता है. जब रोगग्रस्त पशु मर रहा होता है, तब उसकी पूरी शारीरिक क्रिया प्रभावित होती है. उन्होंने कहा कि यदि पशु को समय पर टीका दिया गया हो, तो बीमारी और दूध उत्पादन पर लंपी रोग के असर को कम किया जा सकता है. एलएसडी रोधी टीकाकरण पर मोहंती ने कहा कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अभी तक राज्यों में ‘गोट पॉक्स’ टीका दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक नया टीका विकसित किया गया है और नियामक एजेंसियों द्वारा मंजूरी मिलने के बाद यह उपलब्ध हो सकेगा.
भाषा इनपुट के साथ
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