Diabetes And Depression : क्या अधिक तनाव लेने से भी बढ़ता है शुगर? जानिए डायबिटीज और डिप्रेशन के बीच क्या है संबंध

Diabetes And Depression : डायबिटीज टाइप 1 या टाइप 2 से ग्रसित लोगों को स्ट्रस और तनाव होने का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में दोगुना ज्यादा होता है.

By Shreya Ojha | October 4, 2024 7:53 PM

Diabetes And Depression : डायबिटीज टाइप 1 या टाइप 2 से ग्रसित लोगों को स्ट्रस और तनाव होने का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में दोगुना ज्यादा होता है. इसके अतिरिक्त अगर आपको तनाव और स्ट्रेस की समस्या पहले से है तो आपको टाइप टू डायबिटीज होने का खतरा भी बढ़ जाता है. तनाव और अवसाद की स्थिति डायबिटीज का नियंत्रण करना भी काफी कठिन कर देती है क्योंकि यह आपकी दिनचर्या से छेड़छाड़ करता है और उसे वजह से शरीर को नुकसान होता है.

Hormonal Imbalance : तनाव के कारण हारमोंस असंतुलन

तनाव की स्थिति में आपके शरीर में सीक्रेट होने वाले हारमोंस ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करते हैं जिससे हृदय गति भी तेज हो जाती है और इससे रक्त शर्करा स्तर के बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है, लेकिन मधुमेह और तनाव दोनों को एक साथ ठीक किया जा सकता है. चलिए जानते हैं कैसे.

Diabetes And Depression : डायबिटीज और तनाव का इलाज

Diabetes and depression

डायबिटीज कम करने के लिए लोग अपनी दिनचर्या पर काम करते हैं. अपने मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करना, फिटनेस के स्तर को बेहतर करना, और वजन घटाने, हृदय रोग के जोखिम कारकों का प्रबंध करने पर काफी ध्यान देते हैं, इन सभी गतिविधियों को करने से जीवन के गुणवत्ता बेहतर होती है और यह डायबिटीज के साथ-साथ आपके मनोस्थिति पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है.

इसी के साथ जो भी व्यक्ति मन स्थिति ठीक करने के लिए संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा का सहारा लेते हैं, वह अपने तनाव और अवसाद को बेहतर कर सकते हैं. जिसके कारण मधुमेह को नियंत्रित करने में भी सहायता मिलती है. इसी के साथ दवाइयां और नियमित रूप से व्यायाम करना भी मधुमेह और अवसाद दोनों ही स्थितियों में काफी सहायक होता है.

Diabetes And Depression : तनाव किस तरह मधुमेह को करता है प्रभावित?

  • हर व्यक्ति को अलग-अलग प्रकार से तनाव प्रभावित करता है आप जिस भी तरह का तनाव लेते हैं वह आपकी शरीर और शारीरिक प्रतिक्रिया पर असर डालता है. अगर आप टाइप टू मधुमेह से पीड़ित है और आप तनाव लेते हैं तो आमतौर पर आपका ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी होती है. इसी प्रकार अगर आप टाइप वन मधुमेह से पीड़ित है तो यही प्रतिक्रिया अलग हो सकती है, कुछ स्थितियों में रक्त शर्करा स्तर में वृद्धि होती है तो कुछ मरीज रक्त शर्करा स्तर में अधिक कमी भी अनुभव कर सकते हैं.
  • जब आप तनाव लेते हैं तो आपका शुगर का स्तर बढ़ जाता है यह किसी बीमारी या चोट के कारण भी संभव होता है यह दोनों प्रकार के डायबिटीज के लोगों को प्रभावित करता है तनाव और तारीख के समय आप क्या कर रहे थे जैसी गतिविधियों पर नजर रखने से आपको आपके विशिष्ट ट्रिगर्स निर्धारित करने में मदद मिलती है और पता चलता है कि कौन सी तनाव की स्थिति आपके शुगर लेवल को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होती है.
  • इसको इस तरह से समझे कि अगर आप वीकेंड के बाद सोमवार को काम करने जाते वक्त तनाव में रहते हैं तब तब आप उसे दिन अपने चुनाव को कम करने के लिए और डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए जरूरी उपाय करें और इस अपने तनाव और शुगर के स्तर के बीच के संबंध को पहचाना और समझे कि आपके साथ ऐसा क्यों होता है.

Diabetes And Depression : तनाव के लक्षण

  • सर दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द या खिंचाव
  • बहुत ज्यादा या जरूरत से कम सोना
  • बीमारी की सामान्य भावनाएं कमजोरी
  • थकान
  • अप्रभावित महसूस करना चिड़चिड़ापन
  • अवसाद ग्रस्त
  • बेचैनी चिंता

इसके अतिरिक्त तनाव की स्थिति में आपके दोस्तों और परिवार से दूर रहने का मन करता है, बहुत ज्यादा या बहुत कम डाइट लेना, गुस्से में काम करना, शराब जैसे नशीले पदार्थ का अत्यधिक सेवन करना, तंबाकू और गुटके का सेवन जैसे लक्षण भी शामिल है और इन्हें भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

Stress Management : तनाव प्रबंधन

तनाव को कम करने के लिए अपनी लाइफ स्टाइल और दिनचर्या में कुछ परिवर्तन करने से आप इस स्थिति से बाहर निकाल सकते हैं तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान लगाना, जिन चीजों से आपका स्ट्रेस ट्रिगर होता है उनसे दूर रहना, कैफीन का सेवन कम करना, अपने प्रिय जनों के साथ समय बिताने, जैसी गतिविधियों को अपने रोजमर्रा की जिंदगी में लाने से आप तनाव से मुक्ति पा सकते हैं.

तनाव से मुक्ति पाना कोई एक दिन का काम नहीं है इसके लिए आपको नियमित प्रयास रहित रहना पड़ेगा हर रोज आपको अपने आप को इतना मोटिवेट करना पड़ेगा की आप खुद को पॉजिटिव रखें और निरंतर प्रयास करें उसे स्थिति से बाहर निकलने का ध्यान रखें तनाव से बाहर निकलना कोई टास्क नहीं है जिसे आप अचीव कर लें यह एक सच है जो आपको रोज आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है.

Diabetes And Depression : डायबिटीज और डिप्रेशन

  • डायबिटीज होने पर उसे काम करने के लिए या फिर इसका प्रबंधन काफी तनावपूर्ण हो सकता है जिसके कारण भी आपको डिप्रेशन के लक्षण दिख सकते हैं.
  • डायबिटीज के कॉम्प्लिकेशंस और उससे होने वाली दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं भी आपकी तनाव की स्थिति को और ज्यादा खराब बना सकती है.
  • तनाव ग्रस्त होने पर आप अस्वस्थकर भोजन, व्यायाम ना करना, धूम्रपान और वजन बढ़ने जैसी समस्याओं को जन्म देते हैं और इन सभी आदतों से बढ़ती उम्र में डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
  • तनाव की स्थिति में निर्णय लेना संवाद करना अपनी समस्याओं को स्पष्ट रूप से रखना और उनका हल निकालना इस तरह की गतिविधियां काफी मुश्किल हो जाती है जिस वजह से मधुमेह को प्रबंध करना भी मुश्किल हो जाता है.

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डायबिटीज और डिप्रेशन से बचने के लिए क्या करें?

संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, समय पर दवा लेना, मानसिक तनाव को कम करने के उपाय और दोस्तों व परिवार से सहयोग लेना डायबिटीज और डिप्रेशन से बचने में मददगार हो सकते हैं.
अगर आपको डिप्रेशन के लक्षण महसूस हो रहे हों, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें.

डायबिटीज और डिप्रेशन का क्या संबंध है?

डायबिटीज और डिप्रेशन एक-दूसरे से जुड़े होते हैं. लंबे समय तक डायबिटीज होने से मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, डिप्रेशन से डायबिटीज मैनेज करना भी कठिन हो सकता है.

क्या डायबिटीज डिप्रेशन का कारण बन सकता है?

हां, डायबिटीज के कारण तनाव, जीवनशैली में बदलाव और शारीरिक परेशानी के चलते डिप्रेशन हो सकता है. ब्लड शुगर का बार-बार अनियंत्रित होना भी मूड स्विंग्स और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है.

डिप्रेशन डायबिटीज के इलाज को कैसे प्रभावित करता है?

डिप्रेशन होने पर व्यक्ति अपनी डायबिटीज का सही से ख्याल नहीं रख पाता, जिससे शुगर लेवल कंट्रोल में रखना मुश्किल हो जाता है. इसका असर डायबिटीज की दवाइयों और इंसुलिन के सही इस्तेमाल पर भी पड़ता है.

क्या डिप्रेशन का इलाज डायबिटीज को बेहतर बना सकता है?

हां, डिप्रेशन का सही इलाज, जैसे काउंसलिंग, थेरेपी या दवाइयां, व्यक्ति को अपनी डायबिटीज मैनेज करने में मदद कर सकता है. मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आने से ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना आसान हो सकता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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