Coronavirus Second Wave, How Oxygen Works In Human Body, Spo2 Kitna Hona Chahiye, Oxygen Level Kaise Badhaye, Happy Hypoxia Covid Symptoms: कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को ऑक्सीजन व फेफड़े के महत्व के बारे में समझा दिया. जिस तरह से लोग संक्रमित हो रहे हैं और प्राणवायु कहे जाने वाली ऑक्सीजन के अभाव में लोगों की सांसे थम रही है. ऐसे में हमें इसके बारे में विस्तार से जानकारी रखनी चाहिए. तो आइये जानते हैं कि हमारे बॉडी में ऑक्सीजन कैसे काम करता है. शरीर के किन अंगों को इसके अभाव में हो सकती है क्षती, कैसे कोरोना शरीर में ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ा देता है, क्या SPO2, हैप्पी हाइपोक्सिमिया समेत अन्य डिटेल्स…
अंग्रेजी वेबसाइट द हिंदू में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक आपातकालीन चिकित्सा संस्थान, मीनाक्षी मिशन अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, मदुरै के निदेशक व डॉ. नरेंद्र नाथ जेना की मानें तो जिस तरह गाड़ी को चलने के लिए पेट्रोल-डीजल की जरूरत होती है ठीक उसी तरह ऑक्सीजन हमारे शरीर के ईंधन के रूप में कार्य करता है. जो मांसपेशियों को सिकोड़ने से लेकर कोशिकाओं की मरम्मत करने तक में मददगार है. इससे कोशिकाएं ठीक से काम करती है व डेड सेल्स दोबारा जीवित हो सकते हैं. यह हमारे दिमाग से लेकर नसों और हृदय को भी पंप करने में मददगार होता है. यही नहीं ऑक्सीजन की सही मात्रा से शरीर में मौजूद जहरीले पदार्थ भी साफ होते है और शरीर की इम्यूनिटी भी बढ़ाने में यह मददगार होता है.
दरअसल, क्रिटिकल केयर मेडिसिन के डॉ हिमांशु ठाकुर (Dr. Himanshu Thakur) की मानें तो हवा नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करती हैं तो यह आर्द्र हो जाती हैं. जो बल्ड के माध्यम से प्रवाह होते हुए फेफड़ों तक पहुंचती है और वहां जाकर यह फेफड़ें की दीवार को धकेलती हैं. जिससे कार्बन डाइ ऑक्साइड बाहर आता है और सांस लेने में हमें मदद मिलता है. लेकिन, कोरोना फेफड़ें की इसी दीवार पर एक परत बैठा देता है. जिससे गैस एक्सचेंज होने में दिक्कत होने लगती है. इस दौरान सूजन वाली कोशिकाएं और प्रोटीन भर जाती है जो सांस लेने में बाधा उत्पन्न कर देती है.
डॉ हिमांशु बताते हैं कि ऑक्सीजन को एक स्थान से दूसरे स्थान में ले जाने में बल्ड की सबसे अहम भूमिका होती है. ऑक्सीजन इन्हीं लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) द्वारा पर हीमोग्लोबिन (Hb) के रूप में शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे दिमाग, कोशिकाएं, हार्ट समेत अन्य अंगों तक ऑक्सीजन की मात्रा पहुंचाता है. लेकिन, एनीमिया मरीजों में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है. जिससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम पहुंचती है.
Also Read: Coronavirus Symptoms Vs Typhoid: क्या कोरोना का ही लक्षण है टाइफाइड? कैसे अंतर करे दोनों के बुखार में अंतर, किसकी जांच करवाए पहले, जानें एक्सपर्ट सेफेफड़ों के माध्यम से ऑक्सीजन युक्त ब्लड हमारे दिल तक पहुंचता है जो आर्टिज के माध्यम से पंप होकर शरीर के बाकी हिस्सों में जाता है. जबकि, दिल का दाहिना भाग नसों के माध्यम से अशुद्ध ऑक्सीजन युक्त ब्लड लेकर फेफड़ों में पंप कर देता है, जहां से कार्बन डाइ ऑक्साइड रिलीज और ऑक्सीजन रिसीव हो जाता है. कोरोना शरीर में ऑक्सीजन की मांग को बढ़ा देता है जिससे फेफड़ों व शरीर के अन्य अंग उत्तेजित होने लगते है जिससे दिल को नुकसान होने लगता है.
कोरोना से लड़ने के लिए इम्यून का स्ट्रांग होना जरूरी है. अत: इम्यूनिटी बढ़ाने वाले आहार जैसे आयरन और विटामिन युक्त भोजन इम्यून सिस्टम को तो मजबूती देती ही है. साथ ही साथ इससे ब्लड वाहिकाओं को भी बहुत आराम मिलता है. यही कारण है कि शरीर में ब्लड की मात्रा एकाएक नहीं बढ़ती और ऑक्सीजन शरीर के हर जरूरी हिस्सों में बेहतर ढंग से पहुंच पाता है. आपको बता दें कि इम्यूनिटी बूस्टिंग फूड्स के तौर पर आप खट्टे विटामिन-सी युक्त फल, ब्रोकोली, सोया बीन्स, बीन्स, चिकन, गाजर, अखरोट, हरी बीन्स, पालक व अन्य पत्तेदार साग-सब्जियां फायदेमंद होती है.
Also Read: RT-PCR Test में कितना होना चाहिए CT Value, कम वैल्यू वाले क्यों ज्यादा फैलाते है संक्रमण, Lab में कैसे पता चलता है वायरस के बारे में, जानें एक्सपर्ट सेऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल को SPO2 भी कहा जाता है. इसके बारे में बताते हुए डॉ. हिमांशु कहते हैं कि यहां S का मतलब होता है सीरम P का अर्थ होता है प्रेशर और O2 का अर्थ ऑक्सीजन. डॉक्टरी भाषा में कहे तो हमारे ब्लड में कम से कम 95 प्रतिशत ऑक्सीजन होना ही चाहिए. इससे कम होने पर दिल का लय बिगड़ सकता है. धड़कन तेज गति से काम करने लगता है. मन व दिमाग बेचैन होने लगता है और पूरे शरीर में भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है.
डॉ हिमांशु ने बताया कि कोरोना से संक्रमित लोगों के ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा 80 प्रतिशत से भी कम हो जाती है फिर भी उन्हें सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं होती. ऐसे कंडीशन को हैप्पी हाइपोक्सिमिया कहा जाता है. यह एक साइलेंट किलर का काम करता है. जिस दौरान मरीज खुद को स्वस्थ समझता है. लेकिन, एकाएक परेशानी इतनी बढ़ सकती है मरीज की मौत तक भी हो सकती है.
Posted By: Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.