सर्दियों में एलर्जिक राइनाइटिस के मामले बढ़ जाते हैं. एलर्जिक से आशय है एलर्जी से होने वाला और राइनाइटिस से तात्पर्य है नाक में संक्रमण. इस मर्ज से किसी भी आयु वर्ग का व्यक्ति ग्रस्त हो सकता है. इस मर्ज में नाक बंद होना और इसमें खुजली होना, सांस लेने में तकलीफ, छींकें आना, कान बंद होना, आंखों में खुजली और गले में खराश आदि लक्षण सामने आते हैं. जिन चीजों से एलर्जी हो उन चीजों से बचें. डॉक्टर से परामर्श लेकर दवाएं लें.
वैसे तो यह समस्या किसी भी मौसम में हो सकती है, लेकिन सर्दियों में साइनस इंफेक्शन के मामले कुछ ज्यादा बढ़ जाते हैं. इस समस्या में नाक बंद होने से मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है. मरीज को नाक, माथा और आंखों के आसपास दर्द महसूस होता है. पीड़ित व्यक्ति की स्वाद परखने और किसी गंध को सूंघने की क्षमता कम हो जाती है. उपरोक्त लक्षणों के सामने आने पर मरीज की स्थिति के अनुसार, डॉक्टर एंटी एलर्जिक दवाएं देते हैं. मरीज का भाप (स्टीम) लेना लाभप्रद है.
सर्दियों में आमतौर पर मध्य आयुवर्ग व बुजुर्गों को बिस्तर से एकबारगी खड़े होने पर अचानक चक्कर आना या फिर बेचैनी महसूस हो सकती है. ऐसा पीड़ित व्यक्ति के रक्तचाप के कम होने के कारण होता है. इस समस्या को मेडिकल भाषा में ‘पोस्चरल फॉल इन ब्लड प्रेशर’ या फिर ‘हाइपोटेंशन’ कहा जाता है.
ऐसी स्थिति में परिजनों को पीड़ित व्यक्ति का ब्लड प्रेशर चेक करना चाहिए और उसे नीबू-नमक पानी मिलाकर देना चाहिए. अगर ऐसा करने से मरीज को राहत नहीं मिलती तो फिर डॉक्टर से शीघ्र परामर्श लेना चाहिए.
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एक झटके में बिस्तर से उठकर खड़ा होने से बचें.
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बिस्तर से उठने से पहले अंगड़ाई लें, करवट लें और हिलें-डुलें, फिर बायीं या दाहिनी करवट कोहनी के बल धीरे से उठें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.