कोरोना वायरस ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है. दिल्ली और नोएडा में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. डर है कि कहीं पिछले साल (दूसरी वेव) वाले हालात न हों.केंद्र सरकार और डॉक्टर्स अब कोरोना के हल्के लक्षण वाले (Mild Symtoms) लोगों को आइसोलेशन में रहकर होम ट्रीटमेंट करने को कहते हैं.
अच्छी बात ये भी है कि देश के लाखों लोग होम होम क्वाराइंटन में रहकर ठीक भी हुए हैं. . होम आइसोलेशन में मरीज की देखभाल करने वालों पर जिम्मेदारी बढ़ जाती है. उन्हें मरीज का ध्यान रखने के साथ-साथ खुद का बचाव भी करना पड़ता है.
मालूम हो कि कोविड-19 एक इंसान के जरिए दूसरे में भी अपना संक्रमण छोड़ता है और धीरे-धीरे ये पूरे परिवार को अपनी चपेट में ले लेता है. ऐसे में किसी संक्रमित रोगी की घर पर देखभाल करना उनके लिए और भी कठिन हो जाता है जिनके घर में छोटे बच्चे और फिर बड़े-बुजुर्ग रह रहे हों. यहां हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं जिनके जरिए आप अपने खास व्यक्ति की घर पर केयर भी कर सकते हैं और कोविड से भी अपना व बाकी सदस्यों का बचाव कर सकते हैं.
मरीज के खानपान का पूरा ख्याल रखें और उन्हें खूब सारा तरल पदार्थ पीने को दें. ध्यान रखें कि मरीज खूब आराम करे. मरीज के लिए जरूरी सामान की खरीदारी करें घर में कोरोना का मरीज है तो सामान ऑनलाइन ही मंगाने की कोशिश करें.
जिस रूम में कोविड संक्रमित व्यक्ति रह रहा है वहां परिवार के किसी एक सदस्य को जाना चाहिए, न कि भीड़ इखट्टा हो. बच्चों और बुजुर्गों को बिल्कुल भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आने दें. मरीज की देखरेख कर रहे व्यक्ति को खुद की भी स्पेशल केयर करनी जरूरी है.
अगर कोरोना के मरीज ने कोई जानवर पाल रखा है तो आपको उसका भी खयाल रखना होगा. ध्यान रखें कि आप किसी भी तरह मरीज और उनके पालतू जानवर के सीधे संपर्क में ना आएं.
कोविड मरीज का ऑक्सीमीटर की सहायता से दिन में 3 से 4 बार ऑक्सीजन लेवल जांचे. ऑक्सीजन का स्तर 95 से 90 तक होना चाहिए. हालांकि 95 से 92 सही होता है.
कोरोना के मरीज के लक्षणों पर नजर रखें. अगर मरीज को सांस लेने में दिक्कत, छाती में तेज दर्द हो रहा हो, मरीज बिस्तर से उठ ही ना पा रहा हो तो ऐसे गंभीर लक्षण दिखने पर तत्काल उनके डॉक्टर से संपर्क करें. डॉक्टर की सलाह से ही कोई निर्णय लें.
कोविड पेशेंट की जल्द रिकवरी के लिए उसे घर पर बना बिना मसालों वाला ताजा और सादा भोजन ही करवाएं. उसे लंच और डिनर में बीन्स, दाल जैसी प्रोटीन से भरपूर आहार दें. इसके अलावा उसे मौसमी, संतरा, अनानान जैसे ताजे फल और आहार लें. खाने में अदरक, लहसुन और हल्दी जैसे मसाले का उपयोग करें और दिन में रोज 8-10 गलास पीने को कहें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.