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How to Treat Excessive Yawning: ज्यादा जम्हाई लेना अच्छे संकेत नहीं, कहीं कुछ गड़बड़ है!

How to Treat Excessive Yawning: थका हुआ महसूस होने पर उबासी लेना या जम्हाई लेना आम बात है. लेकिन क्या कभी गौर किया है कि कई लोग लगातार कुछ अंतराल पर उबासी लेते रहते हैं. ये स्वास्थ्य के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. कई बार बहुत अधिक जम्हाई लेने का संबंध कुछ गंभीर बीमारियों से भी हो सकता है.

How to Treat Excessive Yawning: नींद पूरी नहीं होने पर उबासी या जम्हाई का आना नार्मल है. अक्सर उबासी को नींद की कमी से ही जोड़कर देखा जाता है. लेकिन ऐसे भी लोग हैं जिनकी नींद पूरी होती है, तब भी दिनभर उबासी लेते रहते हैं. तो यह संभलने का वक्त है कि कहीं बॉडी फंक्शन में कुछ गड़बड़ तो नहीं है. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, यदि आप अधिक उबासी लेते हैं जो 15 मिनट की अवधि में तीन बार से अधिक है, तो यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकती है और अगर आप बार-बार उबासी ले रहे हैं और नार्मल नहीं फील कर रहे तो ध्यान दें.

जम्हाई लेना मुंह खोलने, गहरी सांस लेने और फेफड़ों में हवा भरने की अनैच्छिक प्रक्रिया है. हालाँकि जम्हाई लेने का कोई सटीक कारण नहीं है, इसे अक्सर थके होने की स्वाभाविक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जाता है. दरअसल, उबासी आमतौर पर नींद या थकान के कारण आती है. जब आप थक जाते हैं या शायद जब आप ऊब जाते हैं, तो दिन में देर तक जम्हाई लेना स्वाभाविक है. अत्यधिक उबासी अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के कारण भी हो सकती है.

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ज्यादा उबासी के पीछे स्वास्थ्य समस्याओं के संकेत

ज्यादा जम्हाई आने के पीछे नींद की कमी सबसे आम कारकों में से एक है हालाँकि, नींद का यह अभाव किसी हेल्थ कंडीशन जैसे स्लीप एपनिया या अनिद्रा के कारण हो सकता है. स्लीप एपनिया एक गंभीर नींद विकार है जिसमें सांस बार-बार रुकती और शुरू होती है यदि जोर जोर से खर्राटे लेते हैं तो पूरी रात की नींद के बाद भी थका महसूस कर सकते हैं तो आप स्लीप एपनिया के मरीज हो सकते हैं

किसी विशेष दवा लेने के साइडइफेक्ट में भी अधिक उबासी आ सकती है. कुछ एंटीसाइकोटिक्स या एंटीडिप्रेसेंट साइड इफेक्ट के रूप में अत्यधिक जम्हाई का कारण बन सकते हैं इस समस्या से बचने के लिए आप बिना डॉक्टर की सलाह के दवा का सेवन न करें

अधिक उबासी लेना ब्रेन डिसॉर्डर का भी संकेत हो सकता है. पार्किंसंस रोग, मल्टीपल स्केलेरोसिस और माइग्रेन सिरदर्द जैसी स्थितियां अत्यधिक उबासी का कारण बन सकती है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार अत्यधिक उबासी चिंता या तनाव के कारण हो सकती है, ऐसे में जम्हाई आपके लिए तनाव से निपटने का एक तरीका हो सकता है.

हार्ट प्रॉब्लम के कारण भी बार- बार उबासी आती है.

शरीर के चारों ओर ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित होने पर भी उबासी आता है.

मिर्गी (Epilepsy) की बीमारी से पीड़ित लोग भी दौरा पड़ने से पहले या बाद में बहुत अधिक जम्हाई लेते हैं. इसके अलावा मिर्गी की वजह से मरीज को बहुत अधिक थकान भी महसूस होने लगती है और इस कारण भी मरीज जम्हाई लेने लगता है.

अगर कोई व्यक्ति लीवर फेलियर (Liver Failure) की बीमारी से जूझ रहा होता है तो उस व्यक्ति को बहुत अधिक थकान महसूस होने लगती है और वह एक दिन में कई-कई बार जम्हाई लेने लगता है.

डिप्रेशन भी इसकी एक बड़ी वजह है. ऐसी स्थिति में इंसान को बहुत अधिक थकान महसूस होती है या फिर एंटीडिप्रेसेंट दवाइयों का सेवन करने की वजह से व्यक्ति को बहुत अधिक जम्हाई आने लगती है.

अत्यधिक उबासी का निदान

अत्यधिक उबासी के कारण की पहचान करने के लिए, डॉक्टर सबसे पहले आपसे आपके द्वारा ली जाने वाली दवाओं के साथ-साथ आपकी नींद की आदतों के बारे में पूछ सकते हैं. वे यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि आपको पर्याप्त आरामदायक नींद मिल रही है या नहीं . इससे उन्हें यह निर्धारित करने में मदद मिल सकती है कि क्या आपकी अत्यधिक उबासी थकान या नींद संबंधी विकार तो नहीं. नींद की समस्या नहीं होने पर डॉक्टर अत्यधिक उबासी के अन्य संभावित कारण का पता लगाने के लिए नैदानिक ​​​​परीक्षण कर सकते हैं. इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम electroencephalogram (EEG) उन परीक्षणों में से एक है जिनका उपयोग किया जा सकता है. ईईजी मस्तिष्क में विद्युत गतिविधि को मापता है. यह कुछ ऐसी स्थितियों का निदान करने में मदद कर सकता है जो मस्तिष्क को प्रभावित कर सकती हैं, जिनमें मिर्गी, पैरासोमनिया, जैसे नींद में चलना, मस्तिष्क की चोटें, आघात शामिल हैं.

यदि दवाओं के कारण अत्यधिक उबासी आ रही है, तो डॉक्टर कम खुराक की सिफारिश कर सकते हैं. अपनी दवाओं में कोई भी बदलाव करने से पहले डॉक्टर से बात करना सुनिश्चित करें. अत्यधिक उबासी के कई संभावित कारणों के कारण medical professional से बात करना महत्वपूर्ण है जो आपकी सहायता कर सकता है.

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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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