Loading election data...

पोलियो ड्रॉप के जैसा कोरोना के टीका की तैयारी, ICMR-NICED ने सरकार को सौंपा रिसर्च का प्रस्ताव

अनुसंधान परियोजना पर एक जर्मन कंपनी के सहयोग से कार्य किया जायेगा और इसे प्रस्तुति के लिए चयनित किया गया है. कोरोना का यह टीका विकसित होने पर पोलियो के टीके की तर्ज पर 'ड्रॉप' के रूप में इसकी भी खुराक दी जा सकेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2021 8:35 PM

कोलकाताः केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से संबद्ध राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (एनआईसीईडी) ने कोविड-19 के एक ‘ओरल’ टीका पर अनुसंधान करने के लिए एक प्रस्ताव सौंपा है. संस्थान की एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि प्रस्तावित अनुसंधान परियोजना पर एक जर्मन कंपनी के सहयोग से कार्य किया जायेगा और इसे प्रस्तुति के लिए चयनित किया गया है. कोरोना का यह टीका विकसित होने पर पोलियो के टीके की तर्ज पर ‘ड्रॉप’ के रूप में इसकी भी खुराक दी जा सकेगी.

ओरल टीका विकसित हो जाने पर पहले जंतुओं पर इसका परीक्षण किया जायेगा, जैसा कि हर टीके का किया जाता है. समूची प्रक्रिया में कम से कम छह साल लगेंगे और उसके बाद ही हम बाजार में ओरल टीका उपलब्ध होने की उम्मीद कर सकते हैं.

शांता दत्ता, निदेशक, आईसीएमआर-एनआईसीईडी

वर्तमान में कोरोना का टीका इंजेक्शन के जरिये लगाया जाता है. आईसीएमआर-एनआईसीईडी निदेशक शांता दत्ता ने कहा, ‘हमने एक ओरल टीका के लिए प्रस्ताव सौंपा है. इसे मंजूरी मिलने और धन उपलब्ध कराये जाने पर काम शुरू किया जा सकता है.’

Also Read: बंगाल में कोरोना का कहर जारी, वैक्सीन के लिए मचा हाहाकार, 140 सेंटर बंद

उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला में ओरल टीका विकसित करने में पांच-छह साल का समय लगेगा. श्री दत्ता ने कहा कि ओरल टीका विकसित हो जाने पर पहले जंतुओं पर इसका परीक्षण किया जायेगा, जैसा कि हर टीके का किया जाता है. उन्होंने कहा, ‘समूची प्रक्रिया में कम से कम छह साल का समय लगेगा और उसके बाद ही हम बाजार में ओरल टीका उपलब्ध होने की उम्मीद कर सकते हैं.’

Posted By: Mithilesh Jha

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

Next Article

Exit mobile version