जवाब – कोरोना के लक्षणों में खांसी, बुखार, शरीर में दर्द, सांस का फूलना और स्वाद और गंध का पता नहीं चलता , साथ ही पेट का खराब होना है.ये लक्षण कुछ दिन तक लगातार हो सकते हैं या फिर इसमें परिवर्तन भी हो सकता है.
जवाब – इम्युनिटी से शरीर का विकास होता है. सामान्य भोजन, हरी सब्जियां, फल, दूध आदि का सेवन ही काफी है. आजकल लोग इम्युनिटी को बढ़ाने को लेकर गिलाेय, हल्दी, दूध आदि अन्य चीजें लेने लगे हैं. इससे कुछ विशेष फायदा नहीं होता है. गुनगुनेे पानी का सेवन ही काफी है.
जवाब- कोई तकलीफ एवं संभावित लक्षण होने पर तुरंत जांच करा लेनी चाहिए. यदि आप कोरोना पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो पहले जांच निगेटिव हो सकती है. एंटीजेन जांच से ही कुछ घंटों में ही पता चलता है. पर आरटीपीसीआर सर्वोत्तम जांच है. जांच निगेटिव होने पर भी अगर लक्षण बहुत ही प्रभावकारी हों,तब जांच पुन: तीन दिनों बाद कराने की जरूरत होती है.
जवाब- बचाव के लिये मास्क का सही प्रकार से इस्तेमाल, किसी से दूरी बनाकर रहना, हाथों को साफ रखना, चेहरे के उपर हाथ नहीं लगाना है. दवा के लिये सिर्फ पारासीटामोल की जरूरत है, जो बुखार के लिये दी जाती है, अन्य दवाओं में जिंक और विटामीन सी का सेवन किया जा सकता है.
जवाब-अगर घर में कोई कोराेना पीड़ित है, तो आक्सीमीटर रखना चाहिए. आक्सीमीटर कोरोना की जांच एवं इसके रख-रखाव में इसकी सही जानकारी देता है. उंगलियों में ऑक्सीजन की मात्रा 94 प्रतिशत से ज्यादा होना चाहिए. इसे कोरोना का स्टेथोस्कोप भी कहा जा सकता है.
जवाब- लाकडाउन से उबना नहीं चाहिए. यह अब एक जीवनशैली बन चुकी है. अनुशासित जीवन ही कोरोना के रोकथाम में सहायक है. यह तत्काल में खत्म होने वाली परिस्थिति नहीं है. अगले कुछ महीनों तक यह प्रभाव दिखाता रहेगा. जबतक एक सक्षम टीका नहीं बन जाता, इस पर विजय में कठिनाई आती रहेगी.
जवाब- कोरोना के भय से चिकित्सक खांसी, बुखार, सांस फुलने जैसी बीमारी से ग्रसित रोगियों से कतरा रहे हैं. मरीजों को इसके लिये तैयार रहना चाहिए, कि ऐसे लक्षण मिलने पर कोरोना की जांच करा लें. इससे मरीज और चिकित्सक का मनोबल बढ़ेगा. सूगर, बीपी, हार्ट से संबंधित रोगी आदि को सवाधान रहने की जरूरत है. ऐसे रोगी चिकित्सक से सलाह भी ले सकते हैं.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.