नयी दिल्ली : कोविड-19 महामारी के बीच आयुष मंत्रालय ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदशों को काढ़ा बनाने की विधि सौंपी है और उनसे उनके वाणिज्यिक उत्पादन को बढ़ावा देने का आह्वान किया है. मंत्रालय ने इस काढ़े से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने का दावा किया है. आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) मंत्रालय ने कहा कि यह विधि जनसमुदाय के स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है और प्रधानमंत्री उस पर अपनी सहमति जता चुके हैं.
मंत्रालय द्वारा 24 अप्रैल को सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों एवं आयुष दवा विनिर्माताओं को भेजे पत्र में कहा गया है कि काढ़ा तुलसी, दालचीनी, सुंथी (अदरख चूर्ण) और कृष्णा मरीच (कालीमिर्च) से बनेगा और उसे ‘आयुष क्वाथ’ या ‘आयुष कुदीनर’ या ‘आयुष जोशंदा’ के जेनेरिक नाम से बेचा जाएगा. मंत्रालय ने कहा, ‘‘ कोविड-19 महामारी के मद्देनजर रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने के उपाय के महत्व पर विचार करते हुए आयुष मंत्रालय जन समुदाय के स्वास्थ्य के हित में इस रेडीमेड आयुष औषधि के उपयोग को बढ़ावा देना चाहता है.
प्रधानमंत्री ने 14 अप्रैल को संविधान दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस पर मुहर लगायी थी. मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि विभिन्न जड़ी-बूटी वाली औषधियां बनाने के काम में लगी एक कंपनी ने आयुष क्वाथ बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कंपनी एआईएमआईएल के प्रबंध निदेशक के के शर्मा ने बताया कि यह दवा पाउडर या गोलियां के रूप में शीघ्र ही बाजार में मिलेगी.
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