महाराष्ट्र में म्यूकर माइकोसिस के मरीजों को निजी अस्पतालों में उपचार के लिए राज्य सरकार ने तय की दरें, …जानें प्रतिदिन कितना आयेगा खर्च?
Maharashtra Government, Mucormycosis, Private hospital : मुंबई : महाराष्ट्र में म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर राज्य सरकार ने इस बीमारी को संक्राकक रोग अधिनियम के तहत महामारी के रूप में शामिल करने के बाद आम आदमी के इलाज के लिए अधिकतम राशि तय कर दी है. अब निजी अस्पताल म्यूकर माइकोसिस के इलाज के लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से तय राशि से अधिक नहीं वसूल सकता है.
मुंबई : महाराष्ट्र में म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर राज्य सरकार ने इस बीमारी को संक्रामक रोग अधिनियम के तहत महामारी के रूप में शामिल करने के बाद आम आदमी के इलाज के लिए अधिकतम राशि तय कर दी है. अब निजी अस्पताल म्यूकर माइकोसिस के इलाज के लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से तय राशि से अधिक नहीं वसूल सकता है.
Maharashtra govt caps cost of treatment for mucormycosis in private hospitals
"Rate of treatment for this disease in urban & rural areas cannot be higher than fixed rate. If found that extra charges have been levied then excess amount shall be reimbursed to patient," reads order pic.twitter.com/ptzU7bPTZc
— ANI (@ANI) June 4, 2021
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की अधिसूचना को शुक्रवार को मंजूरी दे दी. मालूम हो कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने निजी अस्पतालों में म्यूकर माइकोसिस के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए निजी अस्पतालों में इलाज के लिए अधिकतम राशि तय करने का प्रस्ताव रखा था.
इसके अलावा, सरकारी अस्पतालों में म्यूकर माइकोसिस के मरीजों का मुफ्त उपचार किया जा रहा है. यह सुविधा महात्मा फुले जनारोग्य और प्रधानमंत्री जनरोग्य योजना में शामिल होनेवाले अस्पतालों में मिल रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ दिन पहले ही म्यूकर माइकोसिस के मरीजों के मुफ्त उपचार देने की घोषणा की थी.
अधिसूचना के मुताबिक, निजी अस्पतालों में म्यूकर माइकोसिस का उपचार करानेवाले मरीजों को पूर्व भुगतान करना होगा. साथ ही उपचार के लिए तय राशि से अधिक पैसे वसूलनेवाले अस्पतालों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई किये जाने का प्रावधान भी किया गया है.
निजी अस्पतालों को दो वर्गों के शहरों में बांटा गया है. साथ ही मरीजों को एकल सर्जरी और बहू सर्जरी की दो श्रेणी में रखा गया है. दोनों श्रेणी के लिए अलग-अलग राशि तय की गयी हैं. साथ ही बड़े परीक्षण और जांच के साथ-साथ महंगी दवाओं को भी इस दायरे से बाहर रखा गया है.
एकल सर्जरी वाले म्यूकर माइकोसिस के मरीजों को ‘ए’ श्रेणी के शहरों में 15 दिनों के लिए अस्पताल में रखा जायेगा. इस दौरान उन्हें बिना वेंटीलेटर वाले आईसीयू में आठ दिनों तक रखा जायेगा. इसके लिए 7500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 60 हजार रुपये देने होंगे. वहीं, शेष सात दिनों तक वार्ड में रहना होगा. इसके लिए उन्हें चार हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 28 हजार रुपये देने होंगे. इसके अलावा एमआरआई जांच के लिए पांच हजार रुपये के अलावा 500-500 रुपये चिकित्सकों के देने होंगे. इस तरह कुल खर्च 94 हजार रुपये आयेगा.
वहीं, ‘बी’ श्रेणी के निजी अस्पतालों में एकल सर्जरी वाले मरीजों को 25 दिनों के लिए एक लाख 74 हजार रुपये खर्च आयेंगे. यहां मरीजों को 12 दिनों तक आईसीयू में रखा जायेगा. इसके लिए 5500 रुपये के हिसाब से 66 हजार रुपये देने होंगे. वहीं, 13 दिनों तक 3000 रुपये के हिसाब से 39000 रुपये देने होंगे. साथ ही तीन चिकित्सकों को प्रति आगमन 500 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जायेगा.
‘सी’ श्रेणी के शहरों में 2400 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वार्ड का भुगतान करना होगा, जबकि बिना वेंटिलेटर वाले आईसीयू के लिए 4500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करना होगा. वहीं, वेंटीलेटर के साथ मरीजों को प्रतिदिन 5400 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करना होगा.
बहू सर्जरी वाले मरीजों को ‘ए’ श्रेणी के शहरों में 20 दिनों के लिए 2,60,500 रुपये का भुगतान करना होगा. यहां 12 दिनों तक आईसीयू में 7500 रुपये के हिसाब से 90 हजार और आठ दिनों तक वार्ड में 4000 रुपये के हिसाब से 32 हजार का भुगतान करना होगा. साथ ही तीन चिकित्सकों को प्रति आगमन 500 रुपये के हिसाब से भुगतान किया जायेगा.
इसके अलावा पीपीई किट के लिए 600 रुपये अस्पताल ले सकेंगे. हालांकि, आईसीयू के मरीजों को 1200 रुपये से अधिक नहीं वसूला जा सकता है. साथ ही साल 31 दिसंबर, 2019 में एम्फोटेरिसिन बी की शुद्ध खरीद लागत और एमआरआई की राशि का 110 फीसदी भुगतान करना होगा.
‘ए’ श्रेणी के शहरों में मुंबई और महानगरीय क्षेत्र, पुणे और पुणे महानगरीय क्षेत्र, नागपुर नगर निगम और दिगोह व वाडी शामिल हैं. वहीं, ‘बी’ श्रेणी के शहरों में नासिक नगर निगम, एक्लाहारे, देवलाली कैंट, भगूर, अमरावती नगर निगम, औरंगाबाद नगर निगम और कैंट, भिवंडी निजामपुर नगर निगम व खोनी, सोलापुर, कोल्हापुर नगर निगम, गांधीनगर, वसई विरार नगर निगम, मालेगांव नगर निगम, धयागांव, दारेगांव, सोयगांव, डायने, मालडे, नांदेड़ वघाला नगर निगम, सांघी मिराज कुपवाड़ नगर निगम और माधवनगर शामिल है. इसके अलावा अन्य शहरों को ‘सी’ श्रेणी में रखा गया है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.