डाइट में शामिल करें कोदो, मिलेंगे कई Health Benefits

बीते कुछ समय में मिल्लेट्स ने खासी लोकप्रियता हासिल की है. इन्हीं में से एक है कोदो. जो अपने अनेक गुणों की वजह से सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. कोदो एक प्रकार का अनाज है जो बार्ली या जौ नामक अनाज के दाने से बनता है. कोदो में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, खनिज धातु और अन्य पोषक तत्व होते हैं.

By Shradha Chhetry | July 24, 2023 6:02 PM

बीते कुछ समय में मिल्लेट्स ने खासी लोकप्रियता हासिल की है. मिलेट्स कई तरह के होते हैं, जिनमें ज्वार, बाजरा, कंगनी, रागी आदि शामिल हैं. इन्हीं में से एक है कोदो. जो अपने अनेक गुणों की वजह से सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. कोदो (मिल्लेट्स) एक प्रकार का अनाज है जो बार्ली या जौ नामक अनाज के दाने से बनता है. यह एक प्राकृतिक और पौष्टिक खाद्य पदार्थ है जिसका उपयोग भारतीय रसोई में और विभिन्न शारीरिक और मानसिक फायदों के लिए किया जाता है. कोदो को बनाने के लिए बार्ली या जौ के दानों को भिगोकर और अनुशासित तापमान पर सेंककर तैयार किया जाता है. कोदो में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, खनिज धातु और अन्य पोषक तत्व होते हैं.

भारत से कोदो का नाता 3000 साल पुराना

एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, ये बताया गया है कि भारत में करीब 3000 साल पहले से ही कोदो की खेती हो रही है. इसका पौधा 60-90 सेमी तक ऊंचा, सीधा और देखने में धान के पौधे की तरह होता है. इसके बीज चमकीले, छोटे, सफेद और गोल होते हैं. इसे देशभर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. कोदो को कोदों, कोदरा, हरका, वरगु, अरिकेलु आदि भी कहा जाता है.

कोदो एक स्वादिष्ट और पौष्टिक अनाज है जो स्वास्थ्य को सुधारने और रोग प्रतिरोध में मदद करता है. इसे अपने आहार में शामिल करके आप अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं और एक स्वस्थ और सकारात्मक जीवन जी सकते हैं. इसे खाने के कई स्वास्थ्यवर्धक फायदे होते हैं.

पौष्टिक भोजन: कोदो में पोषक तत्व जैसे कि प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज धातु होते हैं. यह शरीर को पौष्टिकता प्रदान करके स्वस्थ रखता है और ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है.

वजन नियंत्रण: कोदो में प्राकृतिक फाइबर की अधिकता होती है, जो भोजन को पाचन तंत्र को सही करने में मदद करती है. इससे भोजन के पचने में समय लगता है और भूख कम होती है, जिससे वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.

ग्लूटेन फ्री: कोदो में ग्लूटेन की मात्रा बहुत कम होती है, जिससे ग्लूटेन अनुकूल रोगियों के लिए यह एक उत्कृष्ट विकल्प होता है.

डायबिटीज के लिए उपयुक्त: कोदो में भोजन के पचन को सही करने और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करने वाले विशेष तत्व होते हैं, जिससे यह डायबिटीज प्रबंधन के लिए उपयुक्त होता है.

हृदय स्वास्थ्य: कोदो में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) और फाइटोस्टेरॉल होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य को सुधारते हैं और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं.

ताकत के लिए उपयुक्त: कोदो में प्रोटीन और विटामिन बी की अधिकता होती है जो मांसाहारी और शाकाहारी दोनों के लिए ताकत प्रदान करते हैं.

एंटीऑक्सिडेंट्स का स्रोत: कोदो में अनेक प्रकार के एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर को रोग प्रतिरोध करने में मदद करते हैं.

तंत्रिका सिस्टम को सुधारता है: कोदो में खनिज धातु और विटामिन बी6 होते हैं जो तंत्रिका सिस्टम को सुधारते हैं और मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं.

कोदो को अपने आहार में शामिल करके आप अपने स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं और एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन जी सकते हैं.

पौष्टिक भोजन के रूप में: कोदो को खिचड़ी, उपमा, पुलाव, और सलाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है जो एक स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक भोजन विकल्प प्रदान करते हैं.

व्रत के दौरान: कोदो को व्रत के दौरान अन्न के रूप में खाया जा सकता है जैसे कि साबूदाना और समक वगैरह.

बच्चों के लिए: कोदो एक पौष्टिक और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ है जो बच्चों के लिए उत्तम होता है. इसे बच्चों के खाने में शामिल करके उन्हें स्वस्थ रखने में मदद मिलती है.

ग्लूटेन फ्री डाइट के लिए: कोदो की मूल्यवान विशेषता यह है कि यह ग्लूटेन फ्री होता है, जिससे ग्लूटेन अनुकूल रोगियों के लिए यह एक उत्कृष्ट विकल्प होता है. 

आयुर्वेदिक औषधि के रूप में: कोदो को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में भी उपयोग किया जाता है. जैसे कि कोदो क्षार के साथ घी मिलाकर पेष करने से पेट के रोग दूर होते हैं.

कोदो के नुकसान

किसी भी चीज की अति सेहत के लिए हानिकारक होती है. कोदो के साथ भी कुछ ऐसा ही है. अगर आप जरूरत से ज्यादा इसका सेवन कर रहे हैं, तो आपको इसकी वजह से कई समस्याएं भी हो सकती हैं, जो कुछ इस प्रकार है-

  • कोदो का अत्यधिक सेवन करने से वातदोष या कब्ज की समस्या की वजह बन सकता है.

  • अगर आप ज्यादा मात्रा में कोदो खा रहे हैं, तो इससे उल्टी या बुखार हो सकता है.

  • जरूरत से ज्यादा कोदो खाने से कई बार बेहोशी, तनाव आदि भी हो सकता है.

  • गर्भावस्था के दौरान कोदो का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना उचित है, क्योंकि कुछ मामूली विकल्प हो सकते हैं जिनसे समस्याएं हो सकती हैं.

डिस्क्लेमर : दी गई जानकारी इंटरनेट से ली गई है. किसी भी तरह के उपाय को अपनाने से पहले खुद जांच परख करें व विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें. प्रभात खबर डॉट कॉम दिये गए किसी जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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