Health Tips:- अगर आप भी नही कर पा रहे हैं अपने काम पर फोकस तो जरूरत है एकाग्रता बढ़ाने की, करें ये उपाय
जिंदगी सुबह से शाम के बीच के काम और कमिटमेंट में इस कदर उलझी है की समय का आभाव सा हो गया है. वही आज की जीवनशैली भी कुछ ऐसी हो गई है जिसमे शारीरिक निष्क्रियता का बोलबाला बढ़ा है.टेक्नोलॉजी ने शारीरिक मेहनत के कई रिप्लेसमेंट विकल्प पेश कर दिए हैं. ऐसे में लोग हर काम को शॉर्टकट में शारीरिक श्रम के बगैर संपन्न कर दे रहे हैं जिसका खामियाजा एकाग्रता, शांतचित और धैर्य की कमी के रूप में उठाना पड़ रहा है.
भाग दौड़ भरी आज की जिंदगी में लोगों के पास खुद के लिए भी समय का अभाव है. विशेषकर मेट्रो सिटीज में लोगों की दिनचर्या अस्त व्यस्त हुई पड़ी है. इस अस्त व्यस्त जीवनशैली के परिणामस्वरूप लोगों में एकाग्रता , शांत चित और धैर्य की घोर कमी हो चुकी है. जिंदगी सुबह से शाम के बीच के काम और कमिटमेंट में इस कदर उलझी है की ना तो खाने का समय ना ना सोने का सही समय है और नहीं सोकर उठने की कोई नियमित दिनचर्या है. इन उलझनो के कारण बहुत लोगों में एकाग्रता कि कमी होती जा रही है. एकाग्रता की कमी का खामियाजा प्रतिदिन के काम पर तो निकलता ही है और कई बार डिप्रेशन ,नाकारात्मक विचार, आत्मविश्वास की कमी का कारण भी एकाग्रता का ना होना ही बनता है. आज के इस लेख में एकाग्रता बढ़ाने के कुछ सरल और प्रभावी उपाय बताएंगे
पर्याप्त नींद लें
एक अच्छी नींद से एकाग्रता को बेहतर किया जा सकता है. 7 से 8 घंटे की नींद लेना सेहत केलिए तो सही होता ही है साथ ही हमे एनर्जी से भर देता है जिससे अगले दिन के काम में थकान महसूस नहीं होती है. एक क्वालिटी नींद तभी संभव है जब समय पर सोया और समय पर जागा जाय.
व्यायाम देगा आराम
आज की जीवनशैली में शारीरिक निष्क्रियता का बोलबाला हो चुका है. टेक्नोलॉजी ने शारीरिक मेहनत के कई रिप्लेसमेंट विकल्प पेश कर दिए हैं. ऐसे में लोग हर काम को शॉर्टकट में शारीरिक श्रम के बगैर संपन्न कर दे रहे हैं जिसका खामियाजा एकाग्रता की घोर कमी के रूप में उठाना पड़ रहा है. कसरत करने से पूरे शरीर में ब्लड का संचार होता है जो अपने साथ शुद्ध ऑक्सीजन को पूरे शरीर में फैलता है जिससे कई लाभ होते हैं. कसरत से तनाव कम होता है और मूड बेहतर होता है इसके साथ हो कसरत से मस्तिष्क में डोपामाइन, नॉरएड्रेनालाईन, और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर बनते हैं जो हमारे एकाग्रता को बढ़ाने का काम करते हैं.
मेडिटेशन को दिनचर्या में शामिल करें
मेडिटेशन में अपने मन को किसी एक बिंदु पर केंद्रित करना होता है इसका मतलब यह है की भटकते मन को स्थित और शांत करने की प्रैक्टिस ही मेडिटेशन है. जब इंसान नियमित तौर पर मेडिटेशन की प्रैक्टिस करता है तो इंसान उसके दिमाग के ब्रेन वेव पैटर्न में सकारात्मक बदलाव आते हैं.
योग से एकाग्रता होगी बेहतर
योग करने से इंसानी दिमाग इंद्रियां और पूरा शरीर नियंत्रित होती है. योग एक ऐसी क्रिया है जिससे इंसान ना सिर्फ शारीरिक तौर पर मजबूत और स्वस्थ होता है बल्कि मानसिक रूप से फिट रहता है. कुछ ऐसे योगासन हैं जिनसे एकाग्रता को बेहतर किया जा सकता है जैसे वृक्षासन , बालासन, गरुणासन.।।
संगीत सुनें
एकाग्रता बढ़ाने के लिए कई बार धीमी आवाज में संगीत सुनना बेहतर होता है. अपनी पसंदीदा संगीत सुनकर अपने दिमाग को संगीत के हर शब्दों पर ध्यान केंद्रित करके भी मन को स्थिर और शांत रखा जा सकता है.अगर नियमित तौर पर सुखद और मीठी आवाज में संगीत सुना जाय तो इसको निश्चित ही अच्छा परिणाम मिलेगा.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.