Health Tips: कहीं आपकी भी हड्डियां तो नहीं खो रही मजबूती, इन लक्षणों से करें पहचान

बच्चे हों या बड़े पहले अपना काफी समय धूप में बिताते थे, लेकिन आज की मॉडर्न लाइफस्टाइल में लोग धूप से जितना हो सके, बचने की कोशिश करते हैं और अपना ज्यादा-से-ज्यादा समय एसी में बिताते हैं. इस वजह से विटामिन-डी की कमी आज एक सामान्य-सी बात हो गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 25, 2021 2:06 PM

हमारे शरीर की हड्डियां लंबे समय तक मजबूत बनी रहें, इसके लिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन-डी बहुत जरूरी है. धूप से हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से विटामिन-डी का निर्माण होने लगता है, इसलिए हर रोज कम-से-कम कुछ देर धूप में जरूर बिताना चाहिए, ताकि शरीर को जरूरी विटामिन-डी मिलता रहे, लेकिन आज लाइफस्टाइल ऐसी हो गयी है कि लोगों को धूप में ज्यादा वक्त बिताने का समय नहीं मिल पाता.

क्या हैं कमी के लक्षण

थकान महसूस होना : हेल्दी डायट और भरपूर नींद लेने के बावजूद भी अगर आपको थकान महसूस होती है, तो यह विटामिन-डी की कमी के संकेत हो सकते हैं. इसकी कमी होने पर थोड़ा काम करने के बाद ही थकावट और कमजोरी महसूस होने लगती है. अपने रोजमर्रा के काम करने में भी समस्याएं आने लगती हैं. विटामिन-डी की ज्यादा कमी के कारण मसल्स कमजोर हो जाने से सीढियां चढ़ने और उठने-बैठने में भी परेशानी महसूस होती है.

हड्डियों और कमर में दर्द: जिन लोगों को विटामिन-डी की कमी होती है, उन्हें अक्सर पीठ दर्द या फिर हड्डियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है. हड्डियों, मांसपेशियों और दांतों को मजबूत बनाये रखने के लिए कैल्शियम जरूरी है, लेकिन कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे तत्व विटामिन-डी की गैरमौजूदगी में शरीर में ऑब्जर्व ही नहीं हो पाते.

चोट का जल्दी ठीक नहीं होना: विटामिन-डी इन्फेक्शन से लड़ने, शरीर में सूजन और जलन को रोकने में मदद करता है. ऐसे में इसकी कमी होने से घाव और चोट जल्दी ठीक नहीं होते. विटामिन-डी हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ ही इम्युनिटी को भी बेहतर बनाने में मदद करता है.

तनाव व एंग्जाइटी: अगर आप हर वक्त तनाव व एंग्जाइटी महसूस करते हैं. छोटी-छोटी बात पर पर भी गुस्सा आता है, तो यह भी विटामिन-डी की कमी का संकेत हो सकता है.

बालों का लगातार झड़ना: हेयर फॉल सिर्फ डैंड्रफ या केमिकल वाले प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करने से नहीं होता. शरीर में विटामिन-डी की कमी से भी बाल तेजी से गिरने लगते हैं.

अधिकता भी है नुकसानदेह: ज्यादा मात्रा में विटामिन-डी लेने से हड्डियां मजबूत होने की जगह उल्टा कमजोर हो जाती हैं. फैट सॉल्यूबल होने की वजह से यह शरीर में ही स्टोर होने लगता है. इससे शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है. वयस्कों में इसकी वजह से बार-बार पेशाब लगना और शरीर में दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं.

बच्चों में अगर यह अधिक हो जाये तो उनमें चिड़चिड़ापन, चलने में परेशानी और सांस में दिक्कत जैसे लक्षण दिखते हैं. इसके अलावा भूख न लगना, हाइ ब्लड प्रेशर बार-बार पेशाब आना, एक्सेस हेयर फॉल, शरीर में दर्द, कब्ज व दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं. महिलाओं में अधिकता से इनफर्टिलिटी, पीरियड्स की अनियमितता व ऑस्टियोपोरोसिस हो सकती हैं.

इन चीजों का करें सेवन: अपने डायट में कुछ खास चीजों को शामिल कर भी आप विटामिन-डी की अपनी खुराक को पूरा कर सकते हैं. टमाटर, शलजम, शकरकंद, चुकंदर, मशरूम, पनीर, नीबू और अंडे के पीले भाग में विटामिन डी पाया जाता है. गाय के दूध और दही में भी यह भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए डार्क चॉकलेट और कोको बटर को भी आप अपने डेली डायट में शामिल कर सकते हैं. नॉनवेज पसंद करने वाले इसके लिए साल्मन फिश खा सकते हैं. खासकर सर्दियों में ऑरेंज जूस को अपने डायट में जरूर शामिल करें.

कैसे करें इस कमी को पूरा: विटामिन-डी की कमी को पूरा करने का सबसे आसान उपाय है प्रतिदिन पर्याप्त देर धूप में बैठना. वैसे तो किसी भी समय धूप में बैठना सही रहता है, लेकिन इसके लिए सुबह की धूप सबसे अच्छी होती है. जैसे-जैसे धूप तेज होती जाती है इसका असर भी कम होता जाता है. सर्दियों में जब कई-कई दिनों तक धूप नहीं निकलती तब इसकी कमी को पूरा करने के लिए विटामिन-डी के इंजेक्शन या टेबलेट भी दिये जा सकते हैं.]

इन बातों का भी रखें ध्यान: ध्यान देने वाली बात यह है कि खाने-पीने की चीजों में विटामिन-डी की मात्रा बेहद कम होती है. साल्मन फिश में यह अच्छी मात्रा में पाया जाता है, लेकिन ठंडे पानी की यह मछली भारत में नहीं पायी जाती. मॉडर्न लाइफस्टाइल में धूप को जगह न देने के कारण भारत में 70 से 90 फीसदी लोग विटमिन-डी की कमी से जूझ रहे हैं. इनमें युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. अतः प्रतिदिन कुछ देर धूप में जरूर बिताएं.

Posted by: Pritish Sahay

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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