Eye Dryness: क्या आंखों की ड्राइनेस से जूझ रहा है आपका बच्चा, जानिए कैसे दूर होगी परेशानी.
Eye Care : बच्चे सुबह उठते हैं तो कई बार आंखें मलते हुए उठते हैं ऐसा करना कॉमन है लेकिन अगर आंखें मलने की समस्या लगातार बनी रही तो हो बिना देरी किए आई स्पेशलिस्ट से दिखाना चाहिए. हो सकता है कि यह ड्राई आई की समस्या हो.
Eye Care : स्वस्थ आंखों की अपनी अलग चमक होती है. लेकिन सूखी आंखें असहज फील कराती हैं. बच्चों के लिए तो यह सूखापन उनकी आँखों को फैला हुआ महसूस कराता है.दरअसल ड्राई आई सिंड्रोम अक्सर सुबह में आंखों में रेतीली, किरकिरी अनुभूति का कारण बनता है. इससे आपके बच्चे को दृष्टि धुंधली हो सकती है लेकिन सूखी आंखें आमतौर पर दृष्टि संबंधी स्थायी समस्याएं पैदा नहीं करती हैं.
आंखों में सूखेपन के कई कारण हो सकते हैं. अक्सर ड्राई वेदर, धुआं या प्रदूषण आंखों को परेशान कर सकता है. इसके अलावा एलर्जी या कॉन्टैक्ट लेंस से भी आँखों में जलन हो सकती है. इसके लिए आप नेत्र रोग विशेषज्ञ के साथ मिलकर अपने बच्चे की आंखों को बेहतर महसूस कराने के तरीके जान सकते हैं. ड्राई आई सिंड्रोम से बच्चों के डेली रूटीन जैसे पढ़ना, कंप्यूटर का उपयोग करना और खेलने में काफी परेशानी होती है. आंखों में जलन, खुजली और लगातार पलकें झपकाने से स्कूल की कक्षा में पढ़ाई के वक्त बहुत परेशानी होती है.
आँख में हमेशा थकान बने रहना.
बार-बार पलकों को झपकाना.
आंखों के चारों ओर लाली छाना.
लगातार आँख मलते रहना.
रोशनी से दूर जाने की कोशिश करना.
आंखों के अंदर और आसपास चुभन या जलन महसूस होना.
आंखों से धुंधला दिखना.
पढ़ने में कठिनाई का अनुभव होना.
डिजिटल उपकरणों पर काम करने में परेशानी.
किसी जरूरी काम पर आंखों से खास ध्यान देने में परेशानी.
कोशिश करें कि आपका बच्चा धुएं और आंखों में जलन पैदा करने वाली अन्य चीजों से दूर रहे.
धूप में निकलना जरूरी हो तो आपका बच्चा धूप का चश्मा पहने.
छाता और टोपी का उपयोग करें क्योंकि ये आंखों को धूप, हवा, धूल और गंदगी से बचाता है.
बच्चे के बिस्तर के पास या उसके पास एक ह्यूमिडिफायर रखे.
ऐसी समस्या से जूझ रहे बच्चे को पंखे के नीचे ना सुलाएं.
अगर आपका बच्चा कॉन्टैक्ट लेंस पहनता है तो अपने बच्चे को रीवेटिंग ड्रॉप्स का उपयोग करने दें.
जब तक आँखें ठीक ना हो तब तक उसे चश्मा ही पहनाएं.
हर सुबह अपने बच्चे की पलकों पर लगभग 5 मिनट के लिए हल्का गर्म, गीला कपड़ा रखें. फिर पलकों की हल्की मालिश करें. इससे आंखों का प्राकृतिक गीलापन बढ़ाने में मदद मिलती है.यह सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ की दी गई दवा ले रहा है किसी भी तरह की समस्या बढ़ने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं.
बड़े लोगों को भी ये समस्या होती है. आंखों की ड्राइनेस (Dry eyes) कई कारणों से हो सकती है, जैसे लंबे समय तक वीडियो स्क्रीन देखना, बढ़ी हुई उम्र, धूल मिट्टी आदि. यह समस्या आपकी रोजमर्रा की गतिविधियों और आंखों की देखभाल पर निर्भर कर सकती है. कुछ खास टिप्स आपकी आंखों की ड्राइनेस को दूर करने में मदद कर सकते हैं.
आंखों के स्वास्थ्य के लिए तरल पदार्थों में विशेष खाद्य पदार्थ शामिल करें जैसे मछली, बादाम, अखरोट और सेब . इससे आंखों के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है.
पर्याप्त पानी पीना आपकी आंखों को भी नमी और आराम प्रदान करता है. रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं.
अगर आप लेंस या चश्मा धारण करते हैं, तो उसे साफ़ पानी या चिकनी सूती रूमाल से साफ़ करें.
आंखों को आराम देने की आदत डालें , अगर आपको लगातार कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन के समय में आंखों की समस्या होती है, तो नियमित अंतराल पर आंखों को आराम दें
हर 20-30 मिनट के बाद 20 सेकंड के लिए आंखें बंद करें या दूर की दिशा में देखें.