जेबी केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (जेबी फार्मा), भारत में सबसे तेजी से बढ़ती दवा कंपनियों में से एक है, ने क्रिटिकल हार्ट फेलियर दवा “एज्मार्डा” की कीमत में लगभग 50 प्रतिशत की भारी कमी की घोषणा की है. एज्मार्डा जिसमें पेटेंट अणु सैक्युबिट्रिल-वलसार्टन®, शामिल है, हार्ट फेलियर के इलाज के लिए उपयोग की जाती है. फेलियर देश में 80 लाख से 1 करोड़ 20 लाख लोगों को बीमार करता है. कीमत में कमी के बाद एज्मार्डा (सैकुब्यूट्रिल-वलसार्टन®), 50 मिलीग्राम 78 रुपये प्रति टैबलेट की बजाय 39.6 रुपये प्रति टैबलेट में उपलब्ध होगी.
इसपर टिप्पणी करते हुए, दिलीप सिंह राठौर, प्रेसिडेंट – डोमेस्टिक बिजनेस, जेबी फार्मा ने कहा, “कार्डियक सेगमेंट में एक अग्रणी दवा निर्माता कंपनी होने के नाते, जेबी ने भारत में हार्ट फेलियर के मरीजों के लिए अपनी एज्मार्डा दवा को अधिक सुलभ और सस्ती बनाने का निर्णय लिया है. यह निर्णय मरीजों के एक बड़े वर्ग को सबसे किफायती मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने की हमारी रणनीति के अनुरूप है. इस कदम के साथ, कुल उपचार पर मासिक खर्च 4500 से घटकर 2200 रूपए हो जाएगा. एचएफ दवा अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कम से कम 1,00,000 रूपए तक कम करने में भी सहायता करती है.”
उन्होंने आगे कहा, “हार्ट फेलियर एक गंभीर और भयावह स्थिति है जिसके बारे में जागरूकता बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है. इसीलिए जेबी देशभर में 300 से अधिक ‘हार्ट फेलियर’ क्लीनिक भी स्थापित करेगा ताकि मरीज को अपनी स्थिति के बारे में जल्दी पता लग सके और वो सही स्वास्थ्य संबंधी निर्णय ले सकें.”,
हार्ट फेलियर एक क्रॉनिक कंडीशन (दीर्घकालिक स्थिति) है जिसमें हृदय रक्त को उस तरह से पंप नहीं करता है जैसा उसे करना चाहिए. यह एक प्रोग्रेसिव क्रॉनिक सिंड्रोम है जिससे शरीर की कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाती है और जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है. रक्त अक्सर पीछे हटता है और फेफड़ों (रक्त संचय) और पैरों में तरल पदार्थ निर्मित होने लगता है. तरल पदार्थ के निर्माण से सांस की तकलीफ और पैरों व पंजों में सूजन हो सकती है. यह अनुमान है कि देश में 80 लाख से 1 करोड़ 20 लाख लोग हार्ट फेलियर (एचएफ) से पीड़ित हैं.
अधिकतर लोगों को अपनी इस स्थिति का पता ही नहीं होता, और उन्हें इसके बारे में अंतिम चरण में पता चलता है. लगभग 80-90 प्रतिशत मरीजों में लेफ्ट वेंट्रिकुलर एचएफ होता है, जिसमें एचएफआरईएफ (हार्ट फेलियर रिड्यूस्ड इजेक्शन फ्रैक्शन) और एचएफपीईएफ (हार्ट फेलियर प्रिजर्व्ड इजेक्शन फ्रैक्शन) से संबंधित मामले 50-50 प्रतिशत होते हैं. अस्पताल में भर्ती होने और उच्च मृत्यु दर की घटनाओं को देखते हुए, एचएफ एक विशेषज्ञ-संचालित स्थिति है (रोगी पूल का 50-70% हृदय रोग विशेषज्ञों के पास है और 5-10% मधुमेह विशेषज्ञों के पास है). भारत में, एचएफ पाश्चात्य विश्व की तुलना में युवा आबादी को अपेक्षाकृत अधिक प्रभावित करता है. जेबी के इस कदम से न केवल उपचार की लागत कम करने में सहायता मिलेगी बल्कि मरीजों के जीवनकाल को बढ़ाने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना भी संभव होगा.
एचएफ के मरीजों को पारंपरिक रूप से मुख्य दवा के रूप में केवल एआरबी (एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स) / एआई (ऐस इनहिबिटर्स) ही प्रिस्क्राइब की जाती थीं. सैकुब्यूट्रिल-वलसार्टन को 2017 में लॉन्च किया गया, इसे ईएफ (इजेक्शन फ्रैक्शन) बढ़ाने में एआरबीएस/एआईएस से बेहतर माना जाता है, इसलिए एचएफआरईएफ मरीजों के लिए अत्यधिक प्रभावी है. सैकुब्यूट्रिल + वलसार्टन वर्तमान में एचएफआरईएफ के 30-35 प्रतिशत मरीजों को प्रिस्क्राइब्ड किया जाता है, डॉक्टरों का मानना है कि सही मूल्य निर्धारण के साथ यह प्रतिशत 50-65 तक बढ़ सकता है.
आईक्युवीआईए के अनुसार, एमएटी 22 सितंबर डेटा सैक्युबिट्रिल-वलसार्टन®-30 प्रतिशत के 3 साल के सीएजीआर के साथ अब 500 करोड़ रूपए से अधिक का बाज़ार है. अणु वर्तमान में नोवार्टिस एजी, स्विट्जरलैंड द्वारा पेटेंट कराया गया है और वर्तमान में, नोवार्टिस सहित चार कंपनियां भारतीय बाजार को यह उपलब्ध करा रही हैं. अणु के जनवरी 2023 में ऑफ-पेटेंट होने की उम्मीद है. वर्तमान में एज़्मार्डा 93.5 करोड़ रुपये की आईक्युवीआईए एमएटी अक्टुबर 22 की बिक्री के साथ 17 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा करने वाली श्रेणी में तीसरा सबसे बड़ा ब्रांड है. अप्रैल 22 में, जेबी फार्मा ने 246 करोड़ रुपये में भारतीय क्षेत्र के लिए नोवार्टिस एजी, स्विट्जरलैंड से अज़मर्डा ब्रांड का अधिग्रहण किया.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.