कार्तिक मास की शुरूआत 21 अक्टूबर को हो चुकी है और कार्तिक मास का पहला व्रत 24 अक्टूबर, रविवार के दिन पड़ रहा है.शाम को शिव परिवार का पूजन करती हैं, और इसके बाद चंद्र दर्शन करके अर्घ्य देती हैं. वहीं अंत में अपने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं.
हालाँकि आज हम आपको बताने जा रहे हैं उन महिलाओं के बारे में जिन्हे भूल से भी भूखा और प्यासा नहीं रहना चाहिए क्योंकि इस व्रत को रखने से उनकी परेशानी बढ़ सकती है. आइए जानते हैं किन्हें नहीं रखना चाहिए निर्जला और निराहार व्रत.
डायबिटीज
एक समय था, जब ये बीमारी बुजुर्गों को हुआ करती थी, लेकिन आज के समय में ये किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है. ऐसी तमाम महिलाएं हैं, जो डायबिटीज की रोगी होने के बाद भी करवाचौथ का व्रत रखती हैं. लेकिन ऐसा करने से परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं.
गर्भावस्था
गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर को ज्यादा पोषण की जरूरत होती है. साथ ही उसके बच्चे का विकास भी उसी के जरिए होता है. ऐसे में व्रत रखने से महिला और बच्चे दोनों के लिए समस्या पैदा हो सकती है. पहली और तीसरी तिमाही में तो व्रत रखना ज्यादा खतरनाक माना जाता है.
असंतुलित ब्लड प्रेशर
कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर असंतुलित होता है, जो कभी बढ़ जाता है तो कभी घट जाता है.ऐसे लोगों को भी करवाचौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए क्योंकि लंबे समय तक भूखे रहने से ऐसी महिलाओं के ब्लड प्रेशर के स्तर में उतार-चढ़ाव की स्थिति पैदा हो सकती है.
Posted By: Shaurya Punj
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.