Belly Fat : क्या आप भी पेट की जिद्दि चर्बी को लेकर है परेशान? जानिए इससे जुड़े कारणों के बारे में

Belly Fat : एक ग्लोबल हेल्थ जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार भारत की 70% शहरी आबादी ज्यादा वजन और पेट की जिद्दी चर्बी से ग्रसित है.

By Shreya Ojha | September 12, 2024 2:36 PM

Belly Fat : एक ग्लोबल हेल्थ जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार भारत की 70% शहरी आबादी ज्यादा वजन और पेट की जिद्दी चर्बी से ग्रसित है. इतना ही नहीं सबसे अधिक वजन वाले लोगों की संख्या वाले टॉप 10 देश की लिस्ट में भारत तीसरे स्थान पर है, पहले और दूसरे स्थान पर क्रमशः अमेरिका और चीन है.

बहुत से लोगों ने अपना बढ़ा हुआ वजन काम करके उदाहरण के तौर पर एक मोटिवेशनल माइलस्टोन सेट किया है, लेकिन क्या आपको यह जानने की उत्सुकता नहीं होती कि आपका वजन बढ़ने का कारण क्या है? तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते हैं वजन बढ़ने के असली कारणों के बारे में.

Belly Fat : वजन बढ़ाने के कारक

वजन के बढ़ने और घटना पर आपकी रोजाना की डाइट या आहार का एक अहम किरदार होता है अगर आप डाइट में क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों को ही बैलेंस करके चलते हैं तो यह आपको हमेशा शारीरिक एवं मानसिक रूप से फिट रखता है.

क्वालिटी का मतलब होता है खाने में न्यूट्रिशन की पर्याप्त मात्रा जैसे कि प्रोटीन विटामिन मिनरल्स और फाइबर जबकि क्वांटिटी से तात्पर्य है खाने में कैलोरी की मात्रा.

लाइफस्टाइल के अलावा मोटापे के अन्य कारण कौन से होते हैं ?

बीमारियां जैसे की मधुमेह, थायराइड, हॉरमोन इंबैलेंस, जेनेटिक्स, पीसीओएस या पीसीओडी जैसी शारीरिक स्थिति की वजह से भी वजन बढ़ाने की समस्या होती है.

अगर आप का वजन ज्यादा है और आप मोटापे का शिकार है तो इसका सीधा मतलब होता है कि आपकी डाइट में क्वांटिटी जरूरत से अधिक है और यह आपके शरीर में चर्बी के रूप में इकट्ठा हो गई है.

व्यक्ति जरूरत से ज्यादा तब खाता है जब उसके खाने में पोषक तत्वों की मात्रा कम होती है, अगर आप डाइट में क्वालिटी बढ़ा देंगे तो आप अपने आप ज्यादा खाना बंद कर देंगे.

हर व्यक्ति को दिन में तीन बार खाना खाना चाहिए पहली बार में उसके खाने में 25 से 30 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है लंच और डिनर में 70 से 75 प्रतिशत प्रोटीन और फाइबर होना चाहिए.

इसके अतिरिक्त तीसरा जिसमें दिन में करीब 500 ग्राम सब्जियां और फल होने चाहिए.

बीमारियां जैसे की मधुमेह, थायराइड, हॉरमोन इंबैलेंस, जेनेटिक्स, पीसीओएस या पीसीओडी जैसी शारीरिक स्थिति की वजह से भी वजन बढ़ाने की समस्या होती है, इसके लिए चिकित्सीय परामर्श से उचित इलाज दवाइयां एवं परहेज करना चाहिए.

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