Kidney Cancer Signs, Symptoms and Treatment: पिछले कुछ वर्षों में किडनी कैंसर में काफी इज़ाफ़ा हुआ है. समय पर इस की स्क्रीनिंग न होने से यह जानलेवा साबित होता है. किडनी के कैंसर को रीनल सेल कार्सिनोमा या रीनल कैंसर भी कहा जाता है. यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें किडनी की कोशिकाएं कैंसरस हो जाती हैं और ट्यूमर बन जाता है. लेकिन अगर लक्षणों के प्रति जागरूकता हो और शुरुआत में ही स्क्रीनिंग हो जाए तो इसका सटीक इलाज संभव है. यह कहना है पटना स्थित सत्यदेव सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल(आशियाना – दीघा रोड) के यूरोलॉजिस्ट, लेप्रोस्कोपी एवं किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. कुमार राजेश रंजन का.
डॉ. कुमार राजेश रंजन के मुताबिक अगर यूरिन में ख़ून आए, बाज़ू या पेट में किसी तरह का गांठ अचानक उभर जाए, लगातार दर्द होता रहे, बिना किसी कारण वज़न का कम होने लगे, हफ़्तों तक बुख़ार न उतरे या अत्यधिक थकान महसूस हो, एनीमिया और पैरों और एड़ियों में सूजन की समस्या होने लगे तो अलर्ट हो जाएं और फौरन किसी अच्छे यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए ताकि समय रहते इलाज हो सके. हो सकता है कि आप यूरोलॉजी से संबंधित किसी गंभीर बीमारी की ओर बढ़ रहे हो या किडनी का कैंसर पनप रहा हो.
कुछ उपाय ऐसे हैं जिनसे किडनी के कैंसर के जोखिम को कुछ हद तक कम किया जा सकता है,
जैसे :
1)ध्रूपमान की आदत हो तो फौरन छोड़ दें.
2)ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखें.
3)वज़न संतुलित और बीएमआई के अनुसार रखें.
4)अत्याधिक वसायुक्त भोजन से दूर रहें.
5)जंक फूड को जितना हो सके कम खाएं.
6) नियमित रूप से व्यायाम और योग करें.
7) संतुलित आहार लें, सक्रिय रहें.
डॉ. राजेश कहते हैं कि अगर किडनी का कैंसर हो भी जाता है तो ज़्यादा घबराने की आवश्यकता नहीं है. मेडिकल साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है और आज इसका बहुतेरा इलाज उपलब्ध है. ख़ुद हमारे बिहार, पटना में इसका सफल इलाज हो रहा है. इसके इलाज का सबसे सटीक व प्रचलित तरीका सर्जरी है. इसमें किडनी के एक हिस्से या पूरे हिस्से को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है. अक्सर रीनल (किडनी)कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी किया जाता है. यह सर्जरी भी कई तरह की होती है. डॉक्टर मरीज़ की बीमारी देख कर उपयुक्त सर्जरी तय करते हैं.सत्यदेव सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में यह सुविधा मौजूद है. यहां तो आयुष्मान कार्ड वालों का भी किडनी कैंसर की सर्जरी हो रही है.
अगर किडनी का कैंसर 4 सेंटीमीटर के आसपास हो तो किडनी के सिर्फ़ उसी हिस्से को निकालते हैं जिसमें कैंसर हो. इस प्रक्रिया को पार्शियल नेफ्रेक्टोमी कहते हैं. और अगर कैंसर बड़ा हो तो एड्रिनल ग्लैंड, आसपास के टिशू और लिम्फनोड को हटाते हैं. इसे रेडिकल नेफ्रेक्टोमी कहते हैं. इसमें किडनी को उसकी बाहरी लेयर के साथ निकालते हैं.
टारगेटेड थेरेपी सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना विशिष्ट कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर उन पर हमला करने के लिए दवाओं या अन्य पदार्थों का उपयोग करती है. एडवांस रीनल सेल कैंसर के इलाज के लिए एंटीएंजियोजेनिक एजेंटों के साथ टारगेट थेरेपी का उपयोग किया जाता है. एंटीएंजियोनिक एंजेंट रक्त वाहिकाओं को एक ट्यूमर में बनने से रोकते हैं, जिसमें ट्यूमर बढ़ना बंद हो जाता है या सिकुड़ जाता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.