जानें डेल्टा, Delta Plus, Kappa, Lambda Variant से जुड़ी सभी जानकारियां, कौन कितना खतरनाक, क्या है इसके लक्षण
Covid-19 Variants, Delta Plus, Kappa, Lambda Variant, Coronavirus Mutants: उत्तर प्रदेश में कोरोना के कप्पा स्ट्रेन के दो मामलों की पहचान हुई है. यहां के देवरिया और गोरखपुर जिले से ये मामले सामने आए है. देश में डेल्टा वैरिएंट के दूसरे वेब के बाद कई और वैरिएंट अभी चिंता का विषय बने हुए है.
Covid-19 Variants, Delta Plus, Kappa, Lambda Variant, Coronavirus Mutants: उत्तर प्रदेश में कोरोना के कप्पा स्ट्रेन के दो मामलों की पहचान हुई है. यहां के देवरिया और गोरखपुर जिले से ये मामले सामने आए है. देश में डेल्टा वैरिएंट के दूसरे वेब के बाद कई और वैरिएंट अभी चिंता का विषय बने हुए है.
फिलहाल, देश में डेल्टा प्लस के मामले लोगों को एक बार फिर डरा रहा है. लोगों को तीसरे वेब की चिंता सता रही है. केवल डेल्टा प्लस ही नहीं बल्कि चार प्रकार के वैरिएंट अभी हेल्थ एक्सपर्ट के लिए चिंता का विषय बने हुए है. इनमें डेल्टा (Delta Variant B.11.318), डेल्टा प्लस (Delta Plus Variant B.1.617.3) जो 14 म्यूटेशन के बाद आया है, पब्लिक हेल्थ इंगलैंड द्वारा सर्च में आया लैम्बडा वैरिएंट और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पाया गया कप्पा (Kappa B.1.617.1) वैरिएंट भी शामिल है.
डेल्टा वैरिएंट
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कोरोना का यह वैरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया.
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इसने सेकेंड वेब के रूप में देश में तबाही मचाई और इस दौरान कई लोगों ने जान गंवायी.
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एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि देश में अभी पूरी तरह से यह वैरिएंट समाप्त नहीं हुआ है.
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एक और शोध के मुताबिक इस वैरिएंट पर वैक्सीन, चीन के वुहान में पाए गए ओरिजिनल वायरस से 8 गुना कम प्रभावी है.
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यह वैरिएंट भारत के अलावा अब यूके और इजराइल में भी पाया जा रहा है.
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इजराइल में 90 प्रतिशत मामले इसी वैरिएंट के है. हाल ही में इजराइल ने सारे पाबंदियों को हटा लिया था. यहां की करीब 57 प्रतिशत आबादी वैक्सीन ले चुकी है.
डेल्टा प्लस वैरिएंट
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डेल्टा प्लस वैरिएंट डेल्टा या B.1.617.2 वैरिएंट के म्यूटेशन के बाद बना है. जिसे भी सबसे पहले भारत में ही पाया गया है.
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विशेषज्ञों की मानें तो डेल्टा प्लस वैरिएंट डेल्टा से भी ज्यादा संक्रामक है.
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महाराष्ट्र में इसके सबसे अधिक मामले पाए गये है.
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विशेषज्ञ इसी वैरिएंट को तीसरी वेब का कारण बता रहे हैं.
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यह वैरिएंट यूके, पुर्तगाल, स्वीटजरलैंड, पोलैंड, जापान, नेपाल और चीन, रूस व इंडिया में मुख्य रूप से पाया जा रहा है.
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इसमें भी डेल्टा के तरह ही कुछ लक्षण पाए जाते है. जिनमें सूखी खांसी, त्वचा में लाल चकत्ते होना, तेज बुखार, थकान, शरीर में असहनिय दर्द, छाती का दर्द, सिर दर्द, डायरिया, सांस लेने में दिक्कतें आना, बोली में लड़खड़ाहटपन, गंध चले जाना, स्मेल चले जाना, उल्टी, दस्त, पेट संबंधी समस्याएं व अन्य शामिल है.
कप्पा वैरिएंट
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कप्पा वैरिएंट को B.1.167.1 के रूप में भी जाना जाता है.
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यह डेल्टा वैरिएंट का ही बदला हुआ स्वरूप है. जिसके फिलहाल उत्तर प्रदेश में दो मामले मिले है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन इस वायरस को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित कर चुका है.
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यह वायरस डबल म्यूटेशन के बाद दुनिया भर में फैल रहा है. इसका प्रसार हुआ है.
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क्योंकि इसके अभी भारत में ज्यादा मामले सामने नहीं आए है इसलिए ज्यादा लक्षणों के बारे नहीं बताया जा सकता. लेकिन, खांसी, बुखार, गले में खराश इसके आम लक्षण दिखे है.
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कप्पा वैरिएंट का E484K म्यूटेशन ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में काफी संक्रामक रूप से पाया गया था.
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इस वैरिएंट में L452R म्यूटेशन भी पाया जाता है.
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लैम्बडा वैरिएंट
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भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अभी तक लैम्बडा वैरिएंट की देश में इंट्री नहीं हुई है.
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उन्होंने इसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया है.
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आपको बता दें कि 14 जून ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया था.
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अगस्त 2020 में सबसे पहले यह पेरू में पाया गया था.
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लैटिन अमेरिका में वृहद रूप से और 29 देशों में माइल्ड रूप से फैल चुका है.
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हालांकि, यूके हेल्थ विभाग की मानें तो इस वैरिएंट से ज्यादा गंभीर स्थिति या इम्यूनिटी को हानि पहुंचाने के कोई सबुत अभी तक नहीं मिले है.
Posted By: Sumit Kumar Verma
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.