कोरोना के कहर से देश-दुनिया तबाह है. 100 से अधिक देशों में फैले कोरोना से प्रभावित कुल मामलों की संख्या 2 लाख से अधिक हो चुकी हैं और 7000 से ज्यादा मौतें भी हो चुकी हैं. भारत में भी अबतक 168 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से दो मरीजों की मौत भी हो गयी है. हालांकि कई मरीज ठीक भी हुए हैं.
इस त्रासदी में कई जगहों पर शटडाउन की स्थिति बन चुकी हैं. भारत में स्कूल, कॉलेज, मॉल, सिनेमाघर समेत कई जगहों पर ताले लटक चुके हैं. और दफ्तरों में ‘वर्क फ्रॉम होम’ की सुविधा मिल रही हैं. ऐसे में पैनिक होने से अच्छा हैं सावधानियां बरतें…
विषाणुओं के एक बड़ा समूह को कोरोना वायरस का नाम दिया गया है. यह वायरस शरीर में सर्दी, जुकाम और सांस लेने में गंभीर समस्या तक पैदा कर रही हैं. इस वायरस का नाम इसके शेप के आधार पर रखा गया है. ये वायरस जानवरों और इंसान दोनों को एक साथ संक्रमित कर सकता है. यह वायरस जानवरों से संबंधित है और हो सकता है कि ये मीट के होल सेल मार्केट, पोल्ट्री फर्म, सांप, चमगादड़ के ज़रिए इंसानों में आया हो.
आपको बता दें कि भारत में इसका इलाज HIV और H1N1 फ्लू के तहत ही किया जा रहा है. इसका अभी तक कोई टीका नहीं बना हैं, बावजूद इसके कुछ मरीजों के इन्हीं टीकों से सुधरने की खबर हैं. क्योंकि इस वायरस का संक्रमण लगभग HIV और H1N1 स्वाइन फ्लू की तरह ही फैल रहा हैं. हालांकि यह सटीक टीका नहीं है कोरोना के लिए. इसलिए इसको लेकर शोध अभी भी जारी हैं.
– विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो संक्रमण होते ही सबसे पहले मरीज को बुखार आता है
– जिसकी वजह से सिर में दर्द और पूरा शरीर थका-थका महसूस होने लगता है
– जिससे मांसपेशियों में भी जकड़न सी महसूस होने लगती है
– इसके बाद उसे खांसी होने लगती है जो की सूखी खांसी में बदल जाती है
– मरीज को खांसी के वजह से गले में लगातार दर्द रहने लगता है
– और एक हफ्ते बाद सांस से संबंधित सम्सयाएं आने लगती है. मरीज को सांस लेने में काफी परेशानी होने लगती है
– जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल भर्ती करने की नौबत आ जाती है.
– आसपास को स्वच्छ करें
– सैनेटाइजर या साबुन से बार-बार हांथों को धोएं
– छींकते या खांसते समय टिशू पेपर या रूमाल का इस्तेमाल करें
– याद रहे रूमाल को भी बराबर धोते रहना चाहिए या फिर डिस्पोजेबल टिशू पेपर का ही प्रयोग करें, जिसे एक बार उपयोग के बाद फेंक दें
– हांथ से शरीर के बाकी अंगों को बिल्कुल न छूएं, पहले हाथ धो लें
– किसी भी तरह के संक्रमण से प्रभावित मरीज के आसपास न भटकें
– अगर आपको सर्दी, खांसी जैसे लक्षण लगते हैं तो घर के एक कोनें में खुद को बाकियों से अलग रखें
– एक सप्ताह तक अगर लक्षण में सुधार न आये तो निजी या सरकारी अस्पताल में संपर्क करें
– अस्पतालों से स्वास्थ्यकर्मी आयेंगे और आपको आइसोलेशन वार्ड में निरीक्षण में रखेंगे
जवाब : हां, क्योंकि कोरोना वायरस किसी चीज पर ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह सकते.
जवाब : नहीं. अभी तक इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं. पर सुरक्षा की दृष्टि से पालतू जानवर के संपर्क में आने पर हाथ धो लेना चाहिए.
जवाब : नहीं, अब तक नहीं.
जवाब : नहीं
जवाब : नहीं. अब तक कोई ऐसा प्रमाण नहीं है, जिससे इसके मैन मेड होने की पुष्टि हो.
जवाब : नहीं, साधारण और ढीला मास्क लगाना कारगर नहीं है. पूरे फेस पर टाइट पकड़ वाले एन-95 मास्क कारगर है़
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.