कोरोना वायरस : आयुर्वेद से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा कर हो सकता है बचाव, जानें कैसे

कोरोना वायरस को लेकर जहां चीन समेत दुनियाभर में हलचल मची हुई है. वहीं इसके रोकथाम के उपचार भी जोर-शोर से ढूंढ़े जा रहे है. ऐसे में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का मानना है कि आयुर्वेद में कोरोना से लड़ने की दवा है. लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर इससे बचा जा सकता है.

By SumitKumar Verma | March 5, 2020 7:59 PM
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कोरोना वायरस को लेकर जहां चीन समेत दुनियाभर में हलचल मची हुई है. वहीं इसके रोकथाम के उपचार भी जोर-शोर से ढूंढ़े जा रहे है. ऐसे में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का मानना है कि आयुर्वेद में कोरोना से लड़ने की दवा है. लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर इससे बचा जा सकता है.

जानें आयुर्वेदिक परंपराओं के अनुसार, कोरोना के रोकथाम के उपाय

– आसपास को स्वच्छ रखें

– साबुन और पानी से अपने हाथों को कम से कम 20 सेकैंड तक धोएं, और इसे रोजाना के रूटीन में शामिल कर लें

– बिना धोए हाथों से अपनी आँखें, नाक और मुँह छूने से बचें.

– जो लोग बीमार हैं उनसे निकट संपर्क से बचें.

– बीमार होने पर घर पर ही रहें.

– खांसी या छींक के दौरान अपना चेहरा ढंक लें और खांसने या छींकने के बाद अपने हाथों को धो लें.

– अक्सर छुई गए वस्तुओं और सतहों को अच्छी तरह साफ करें.

– संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा करते समय या काम करते समय एक एन95 मास्क का उपयोग जरूर करें.

– यदि आपको कोरोना वायरल संक्रमण का संदेह है, तो मास्क पहनें और तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें.

झारखंड आयुष की डॉक्टर वर्तीका की मानें तो निम्नलिखित आयुर्वेदिक दवाओं के सही इस्तेमाल से कोरोना के खतरे से बचा जा सकता है. यह दवाएं शरीर की कोशिकाओं को मजबूत करके उसे एक्टिव कर देता है. और शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाता है. उन्होंने बताया कि इन दवाओं का सही मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए और इस्तेमाल करने से पहले अपने आस-पास के डॉक्टर से जरूर संपर्क कर लेना चाहिए.

जानें कुछ आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में

– 5 ग्राम अगस्त्य हरितकी, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ लें

– शेषमणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार लें

– त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) पाउडर 5 ग्राम और तुलसी 3-5 पत्तियां (1-लीटर पानी में उबालें, जब तक यह ½ लीटर तक कम नहीं हो जाता है और इसे एक बोतल में रख लें) इसे आवश्यकतानुसार दिन में 4-5 बार लें

– प्रतिमार्स नास्य : प्रत्येक नथुने में प्रतिदिन सुबह अनु तेल / तिल के तेल की दो बूंदें डालें.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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