बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों से संक्रमण का खतरा कम, लेकिन असावधानी बन सकती है खतरा

Less risk of infection from asymptomatic Corona patients but inadvertence can become a threat : वैश्विक महामारी कोविड 19 से पूरा विश्व त्रस्त है, भारत में भी इस बीमारी के मरीज ढाई लाख से ज्यादा हो चुके हैं और अब तो ऐसा माना जा रहा है कि कई राज्यों में संक्रमण का स्तर कम्युनटी ट्रांसमिशन के फेज में भी पहुंच चुका है. ऐसे में कोरोना वायरस का संक्रमण सरकार और लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि देश में ऐसे संक्रमितों की संख्या ज्यादा है, जिनमें कोरोना के लक्षण नजर ही नहीं आते हैं.

By Rajneesh Anand | June 10, 2020 3:09 PM

नयी दिल्ली : वैश्विक महामारी कोविड 19 से पूरा विश्व त्रस्त है, भारत में भी इस बीमारी के मरीज ढाई लाख से ज्यादा हो चुके हैं और अब तो ऐसा माना जा रहा है कि कई राज्यों में संक्रमण का स्तर कम्युनटी ट्रांसमिशन के फेज में भी पहुंच चुका है. ऐसे में कोरोना वायरस का संक्रमण सरकार और लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि देश में ऐसे संक्रमितों की संख्या ज्यादा है, जिनमें कोरोना के लक्षण नजर ही नहीं आते हैं.

वैज्ञानिकों के लिए यह बड़ा सवाल है कि आखिर ऐसे मरीज जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखता है, वे कोरोना का संक्रमण किस हद तक फैलाते हैं. अभी तक इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है कि जिनमें कोई लक्षण नहीं है, वैसे मरीजों के संपर्क में आने से संक्रमण का खतरा कितना है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बात को माना है कि वैसे कोरोना संक्रमित जिनमें लक्षण नहीं दिखते हैं वे किस हद तक कोरोना वायरस का प्रसार कर सकते हैं. हालांकि संगठन का कहना है कि बिना लक्षण वाले मरीज कोरोना के प्रसार का कारण कम बनते हैं, लेकिन तर्क को सौ फीसदी सच नहीं माना जा सकता है, क्योंकि इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं कि बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमित वायरस का प्रसार नहीं करते हैं.

अबतक मिले साक्ष्यों के अनुसार लक्षण का संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है,लेकिन इस बात के पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं कि लक्षण ना हो तो संक्रमण कितना फैला या फैल सकता है. ऐसे में मामलों में संक्रमण का खतरा कम है, इस बात के प्रमाण के लिए कुछ कलस्टर में रिसर्च हुए जिसमें यह देखा गया कि संक्रमण एक से दूसरे में नहीं फैला है.

हालांकि पूरे विश्व में इस बात पर सहमति नहीं है. विश्व संगठन के ही डॉक्टर माइकल रियान का कहना है कि बिना लक्षण वाले संक्रमितों से भी संक्रमण का विस्तार होता है, यह बात अलग है कि संक्रमण कितना होता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बिना लक्षण वाले मरीजों को तीन वर्ग में विभाजित किया है-

1.ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण कभी दिखे ही नहीं

2. ऐसे मरीज जो कोरोना पॉजिटिव पाये गये, उस वक्त लक्षण नहीं थे, लेकिन बाद में लक्षण विकसित हुए

3. ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के बहुत ही माइल्ड लक्षण मौजूद हों और जिन्हें खुद भी यह पता ना हो कि उन्हें कोरोना है.

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ऐसे मरीजों से कोरोना का संक्रमण कम फैलता है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि बिलकुल भी नहीं फैलता है. हां यह तो सर्वविदित है कि जिनमें कोरोना के लक्षण हैं, उनसे संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है. इसलिए मास्क लगाने को सबके लिए अनिवार्य बताया जा रहा है. मास्क का एक फायदा यह होता है कि अगर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आप आये भी तो संक्रमण का खतरा कम होता है.

Posted By : Rajneesh Anand

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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