Lockdown Side Effect mental health affected how to remove stress बोकारो : कोरोना वायरस से बचाव के लिए बोकारो सहित पूरे भारत में 36 दिनों से लॉकडाउन है़ लोग घरों में बंद है़ं सब कुछ जैसे रूका हुआ है़ कई लोग तो इस वक्त अपने घरों और दोस्तों से भी दूर है़ एक कमरे में बंद अनिश्चित भविष्य के बारे में सोचकर लोगों की मानसिक दिक्कतें बढ़ी है़ं भागती-दौड़ती जिंदगी में अचानक लगे इस ब्रेक व कोरोना वायरस के डर ने बोकारो के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालना शुरू कर दिया है़
सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ प्रशांत कुमार मिश्रा की माने तो लोगों के लिए माहौल बदल गया है़ अचानक से स्कूल, ऑफिस, बिजनेस बंद हो गये हैं. बाहर नहीं जाना है और दिनभर कोरोना वायरस की खबरें ही देखने व पढ़ने से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ना स्वाभाविक है़ लोगों को परेशान करने वाली तीन वजह है : कोरोना वायरस से संक्रमित होने का डर, नौकरी व कारोबार को लेकर अनिश्चितता और लॉकडाउन के कारण आया अकेलापन. इससे बेचैनी, चिड़चिड़ापन, डर आदि की समस्या उत्पन्न हो रही है़ ऐसे में तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें.
सिटी सेंटर सेक्टर-04 की रहने वाली जया अग्रवाल प्रतिदिन कोरोना वायरस, लॉकडाउन व अर्थव्यवस्था की खबरे पढ़ती व देखती है़ं जया का अपना व्यवसाय है, जो इस समय बंद है, लेकिन उनके खर्चे पहले की ही तरह है़ कहा : व्यवसाय लॉकडाउन के कारण पहले ही धीमा हो गया था़ उसके बाद पूरी तरह से बंद हो गया़ अब तक एक माह से भी अधिक का समय हो गया है़ लेकिन, आगे क्या होगा, पता नहीं. कर्मियों को समय पर वेतन देना है़ लेकिन, हमारे खर्चे बांटने वाला कोई नहीं है़ यह सब सोचकर चिंता हो गयी है़ मन बेचैन है़
सेक्टर-4एफ की रहने वाली सोनी अपने पति व बच्चों के साथ जनता कर्फ्यू के बाद से हीं अपने घर में ही हैं. कहती है : शुरू-शुरू में तो काफी अच्छा लगा कि पूरे परिवार के साथ रह पायेंगे और उस वक्त कोरोना वायरस का डर भी ज्यादा नहीं था़ लेकिन, अब रोज-रोज खबरें देख कर डर लगता है कि हमारा क्या होगा़ मुझे बार-बार लगता है कि कहीं परिवार में किसी को कोरोना वायरस हो गया तो़ अगर सरकार ने लॉकडाउन खोल दिया तो सब लोग क्या करेंगे. कोरोना जैसे मेरे दिमाग पर छाया रहता है़ डर व अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है़
डॉ प्रशांत कुमार मिश्रा, मनोचिकित्सक सदर अस्पताल ने बताया, 25 से 40 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के अधिक आ रहे कॉल
डॉ मिश्रा ने बताया : लॉकडाउन के दौरान शुरू-शुरू में दो-चार कॉल ही आते थे़ अब प्रतिदिन 12 से 15 कॉल आ रहे हैं. अधिकतर लोग डर, बेचैनी, निंद नहीं आना, चिड़चिड़ापन, बार-बार गुस्सा आना, मनमुटाव आदि की शिकायत कर रहे हैं. इनमें भी महिलाओं की संख्या अधिक है़ पति भी पत्नी के लिये ही कॉल करते हैं. 25 से 40 वर्ष आयु वर्ग के लोग अधिक कॉल कर रहे हैं. बच्चे के चिड़चिड़ापन को दूर करने की भी बात पूछ रहे हैं. बच्चों के व्यवहार में बदलाव आ रहा है़ डॉ मिश्रा से सुबह 10 बजे से दोपहर तीन तीन बजे के बीच 7004014662 पर संपर्क किया जा सकता है़
डॉ मिश्रा ने बताया : एक मां ने फोन किया कि उसके बच्चे का व्यवहार बदल गया है़ चिड़चिड़ापन के कारण बात-बात पर गुस्सा करता है़ मैं वर्किंग लेडी हूं. बच्चा दिनभर मोबाइल व टीवी देखता रहता है़ इसी तरह, एक पति ने कॉल किया कि उसकी पत्नी पहले की अपेक्षा साफ-सफाई पर अधिक जोर दे रही है़ एक ही कपड़े व स्थान को बार-बार धोती है़ यह समस्या पहले भी थी़ लेकिन, इन दिनों बढ़ गयी है़ एक युवक ने फोन किया कि मां-पिताजी का अंडरस्टेडिंग पहले काफी अच्छा था़ लेकिन, अब दोनों के बीच बात-बात पर झगड़ा हो रहा है़ मनमुटाव बढ़ गया है़
– म्यूजिक सुनें, किताबें पढ़ें व पेंटिंग करें.
– सुबह-सुबह टहलना शुरू कर दें.
– दोस्तों व फैमिली मेंबर से वीडियो कांफ्रेसिंग से जुड़ें.
– बेस्ट फ्रेंड या करीबी रिश्तेदार से अपनी मन की बात बांटे.
– माइंड फुलनेस मेडीटेशन, प्रोग्रेसिव मसल्स रिलेक्शसेसन व डीप ब्रीदींग तकनीक का उपयोग करें.
– नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, इससे आप खुश व स्वस्थ रहेंगे.
– हमेशा पौष्टिक भोजन का सेवन करें, रोज 8 से 9 गिलास पानी पीयें.
– कम से कम आठ घंटे की नींद लें, सकारात्मक सोच रखें.
– अपनी हॉबी को वक्त दें, यह सही समय है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.