Health Tips: महर्षि वाग्भट्ट के इन सूत्रों की आदत डाल लें, सौ वर्षों तक रहेंगे निरोग
Health Tips: आजकल की अनहेल्दी लाइफस्टाइल और दूषित परिवेश कई सारी बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है.इंसानी इम्यून सिस्टम दिन-प्रतिदिन कमजोर होते जा रहा है.कम उम्र में ही अनेक बीमारियों से सामना होना आज आम बात बन गया है.ऐसे में महर्षि वाग्भट्ट द्वारा बताए गए कुछ नियम का पालन करके हम निरोग रह सकते हैं.
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Health Tips: पुरानी कहावत है है” स्वास्थ्य ही संपदा है”. इस कहावत को जानते तो सभी हैं लेकिन वास्तविक जीवन में इसे लागू कोई नही कर रहा है. जिसका परिणाम ये निकलकर सामने आ रहा है की बीमारी रूपी आपदा ने स्वास्थ्य रूपी संपदा को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है.आज के अनहेल्थी लाइफस्टाइल और दूषित परिवेश के कारण हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो चुका है. जिसके परिणामस्वरूप कम उम्र में ही इंसानों का सामना कई गंभीर बीमारियो से हो रहा है.हर दिन बीमारियां फैलाने वाले नए नए वायरस की एंट्री,पुरानी बीमारियों का म्यूटेशन,नई और जानलेवा रोगों की कतारें एक स्वस्थ दिखने वाले इंसानी शरीर को हर दिन अपने चपेट में ले रही है.इसलिए ये जानना जरूरी हो गया है की आज के बदलते जीवनशैली और अशुद्ध परिवेश में बीमारियों से अपनी रक्षा कैसे किया जाए?.आयुर्वेद के महान ज्ञाता महर्षि वाग्भट्ट ने कुछ ऐसे सूत्र बताएं हैं जिससे इंसान सौ वर्षों तक निरोग रह सकता है आइए जानते हैं इन सूत्रों के बारे में.
पहला सूत्र
अपने दिन की शुरुआत बासी मुंह एक से तीन गिलास गुनगुना पानी पीने से करें. सुबह सो कर उठने के उपरांत हमारे मुंह में कई ऐसे एंजाइम्स बने होते हैं जो हमारे पेट के लिए लाभकारी होते हैं. लेकिन अक्सर लोग सुबह उठकर ब्रश करना शुरू कर देते हैं जिससे कि ये सभी जरूरी एंजाइम्स बेकार हो जाता है. बासी मुंह के एंजाइम्स अगर पेट में जाएगा तो इसे कई लाभ होंगे जैसे कि हमारी पाचन क्रिया दुरूस्त रहेगी, ब्लड फ्लो बेहतर,कब्ज जैसी समस्या से राहत,मोटापा से छुटकारा,बॉडी डिटॉक्स जैसे कई समस्याओं का निदान संभव है.
दूसरा सूत्र
पानी हमेशा नीचे बैठकर और घुट घुट कर (थोड़ा – थोड़ा मात्रा में कई बार) पीना चाहिए. कुछ लोग एक ही घूंट में पूरा पानी पीते हैं इससे पानी के साथ-साथ बाहरी हवा हमारे पेट में चली जाती है जिससे कि पेट फूलने और गैस की दिक्कत बन जाती है.वही थोड़ा थोड़ा मात्रा में पानी पीने से पानी के साथ हवा बहुत कम मात्रा में हमारे पेट में जाता है जिससे पेट फूलना और गैस की समस्या नहीं होने पाती है.अगर आप घुट घुट कर पानी पीते हैं तो इससे पानी का अवशोषण अच्छा होता है जिससे पूरा शरीर इसका लाभ ले पता.वहीं अगर तेजी से एक ही घूंट में पानी पी लिया जाए तो इससे पूरे शरीर को लाभ नहीं मिल पाता है.इतना ही नहीं इस क्रिया से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है,शरीर के अवांछित टॉक्सिंस शरीर से बाहर निकलते हैं.वही बैठकर पानी पीने से पानी कोलन तक जाता है जिससे पानी पूरी तरीका से शरीर में अवशोषित हो पाता है.इस क्रिया से भी पाचन तंत्र दुरुस्त रहने के साथ-साथ शरीर डिटॉक्सिफाई होता है.
तीसरा सूत्र
भोजन को खूब चबा चबा कर खाएं. भोजन को जितना चबाया जाता है.हमारे शरीर के लिए उतना लाभदायक होता है.चबा कर खाया गया भोजन पाचन में मदद पहुंचाता है.चबा कर खाने से अपच,कब्ज,पेट फूलने जैसी समस्या नही हो पाती है.इतना ही नहीं चबाकर खाने से भोजन के पोषक तत्व अच्छी तरह अवशोषित हो जाते हैं जिससे पूरे शरीर को लाभ पहुंचता है.आराम आराम से और चबाकर खाया गया भोजन पेट में देर तक टिकता है जिससे ओवर ईटिंग की समस्या नहीं होती है और मोटापे जैसे दिक्कतों से इंसान दूर रहता है.
चौथा सूत्र
भोजन के तुरंत बाद पानी ना पिएं.भोजन के तुरंत बाद पानी पीने से आमाशय में मौजूद एसिड का प्रभाव पानी की वजह से कम हो जाता है जिससे खाना पच नहीं पाता है.अगर नियमित तौर पर खाने के तुरंत बाद पानी पीने की आदत पड़ जाए तो इससे पाचन संबंधी समस्या, गैस,एसिडिटी,मोटापा जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
पांचवा सूत्र
दूध के साथ नमक,प्याज,लहसुन,कटहल जैसे विरुद्ध आहार ना खाएं.हमारे प्राचीन आयुर्वेद में विरोधी भोजन के बारे में बताया गया है यानी कुछ ऐसे भोजन होते हैं जिनको एक साथ नही खाना चाहिए.ऐसे विरोधी भोजन को साथ में ग्रहण करने से पेट में भोजन विष का रूप ले लेता है जो मुश्किल में डाल सकता है.इतना ही नही अगर विरोधी भोजन लिया जाय तो इससे शरीर में कई बीमारियां होने का खतरा बना रहता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.