Malaria Vaccine: मलेरिया से मौत (death from malaria) को मात देने के लिए विश्व एक बार फिर तैयार है. ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) की तरफ से तैयार मलेरिया की नई वैक्सीन को सबसे प्रभावी वैक्सीन माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि अगले साल तक यह वैक्सीन बाजार में आ जाएगी. ट्रायल्स के बाद गंभीर मलेरिया से बचाव में मरीज को 80 फीसदी तक सुरक्षा मिलेगी. जिसकी कीमत कम बताई जै रही है. वहीं, हर साल इसकी 100 मिलियन डोज तैयार करने की डील की गई है.
बताएं आपको कि अब तक, अफ्रीका में मलेरिया (malaria) के लिए केवल एक ही टीका तैयार किया गया था, हालांकि यह बिना किसी टीके की तुलना में काफी बेहतर है, लेकिन बीमारी से लड़ने के लिए 40 फीसदी तक ही सुरक्षा प्रदान कर करने की क्षमता है. यह वैक्सीन जीएसके द्वारा निर्मित की गई है, जो पिछले साल ही लोगों को दी जानी शुरू की गई थी.
चैरिटी मलेरिया नो मोर (Charity Malaria No More) की तरफ से पहले ही बताया गया है कि इस वैक्सीन से बच्चों को मलेरिया से होने वाली मौत से बचाना है. इससे यह मान सकते हैं कि मलेरिया को दुनिया से पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है. हलांकि मलेरिया की इस पावरफुल वैक्सीन को तैयार करने में एक सदी से ज्यादा का समय लग गया है. मच्छरों से फैलने वाली यह बीमारी बेहद खतरनाक मानी जाती है. यह बीमारी शरीर के अंदर ही कई तरह के रूप ले लेती है और इस वजह से इससे बचाना नामुमकिन माना गया था.
यूनिवर्सिटी में जेनर इंस्टीट्यूट (Jenner Institute) के डायरेक्टर प्रोफेसर अड्रियान हिल का कहना है कि किसी भी मलेरिया वैक्सीन के लिए आए आंकड़ों में ये आंकड़ें बेस्ट माना जा रहा. टीम की तरफ से वैक्सीन के लिए मंजूरी लेने का काम कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा, लेकिन अंतिम निर्णय इस साल के अंत में 4800 बच्चों पर होने वाले ट्रायल के बाद ही लिया जाएगा. दुनिया में सबसे बड़ी दवाई बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने पहले ही इसके 100 मिलियन डोज तैयार करने की डील की थी.
प्रोफेसर हिल (Professor Hill) ताया कि वैक्सीन को R21 नाम दिया गया है और इसे सिर्फ कुछ डॉलर्स में ही तैयार किया जा सकता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वैक्सीन से लोगों की जिंदगियां बचाने और हर किसी के लिए उपलब्ध कराने के मकसद से डेवलप किया जाएगा. बता दें कि मलेरिया को दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी करार दिया जाता है. इस बीमारी की वजह से ज्यादातर नवजात बच्चों की मौत का आंकड़ा ज्यादा है. इस बीमारी की वजह से हर साल दुनियाभर में करीब 400000 लोगों की मौत हो जाती है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.